6 होममेड फेस मास्क जो चेहरे के दाग–धब्बे और पिगमेंटेशन हटा सकते हैं, जान लीजिए तैयार करने का तरीका
यूवी रेज़ का बढ़ता प्रभाव स्किन संबधी समस्याओं का कारण साबित होता है। दरअसल, धूप के संपर्क में आने के चलते हार्मोनल परिवर्तन का सामना करना पड़ता हैं। इससे स्किन पिगमेंटेशन की समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे असमान स्किन टोन या काले धब्बे नज़र आने लगते हैं। ऐसे में गालों, होठों के आसपास और आंखों के नज़दीक बढ़ने वाली झाईयों को दूर करने के लिए कई ब्यूटी प्रोड्क्ट्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे त्वचा पर साइड इफे्क्ट का खतरा बना रहता है। ऐसे में कुछ होम रेमिडीज़ की मदद से इस समस्या को हल किया जा सकता है। जानते हैं पिगमेंटेशन को दूर करने के लिए कुछ आसान उपाय (face mask for pigmentation)।
चेहरे पर पिगमेंटेशन क्यों बढ़ती है (Causes of pigmentation)
पिगमेंटेशन के चलते स्किन टोन प्रभावित होने लगती है। कोलेजन की कमी के चलते त्वचा में मेलेनिन का प्रभाव बढ़ने लगता है। दरअसल, ये मेलानोसाइट्स नाम की त्वचा कोशिकाओं के कारण बढ़ने वाला एक प्रकार का पिगमेंट है। कॉस्मेटिक और एस्थेटिक सर्जन डॉ श्वेता मिश्रा कहती हैं जब स्किन सेल्स एक्टिव हो जाते हैं, तो उससे बहुत ज़्यादा मेलेनिन का उत्पादन बढ़ने लगता हैं। इसके चलते चेहरे पर काले धब्बे नज़र आने लगते हैं, जिन्हें हाइपरपिग्मेंटेशन (face mask for pigmentation) के रूप में जाना जाता है।
इसका प्रभाव ज्यादातर माथे, गालों या नाक पर देखा जा सकता है। इससे हल्के धब्बों (face mask for pigmentation) से लेकर गंभीर पैच बनने लगते है, जो तेज़ धूप, एजिंग, अनुवांशिकता और हार्मोनल परिवर्तन के कारण बढ़ने लगता है।
इन टिप्स की मदद से होगी पिगमेंटेशन की समस्या हल (Homemade face mask to deal with pigmentation)
1. एलोवेरा जेल
चेहरे पर एलोवेरा जेल लगाने से स्किन को कई फायदे (face mask for pigmentation) मिलते है। इसमें मौजूद एलोसिन कंपाउड मेलेनिन को बढ़ने से रोकता है। क्लिनिकल एंड एक्सपेरीमेंटल डर्मेटोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार एलोसिन ने प्रतिभागियों में 34 प्रतिशत तक पिगमेंटेशन को कम किया। जेल को चेहरे पर लगाने से ठंडक मिलने लगती है।
2. आलू का रस
काले घेरों को दूर करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले आलू में कैटेकोलेज़ की मात्रा पाई जाती है, जो त्वचा की रंगत को हल्का करने वाला एक एंजाइम है। इसे टुकड़ों में काटकर चेहरे पर रगड़ने और इसके रस को कॉटन की मदद से चेहरे पर लगाने से फायदा मिलता है। इससे चेहरे पर बढ़ने वाली पिगमेंटेशन की समस्या हल होने लगती है।
3. नींबू का रस और शहद
विटामिन सी से भरपूर नींबू का रस स्किन के ग्लो को बनाए रखने में मदद करता है। दरअसल, नींबू से जहां त्वचा को विटामिन सी की प्राप्ति होती है, तो वहीं शहद में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इससे स्किन में नमी रीस्टोर हो जाती है और स्मूदनेस बढ़ने लगती है। नींबू के रस को शहद में बराबर मात्रा में मिलाएँ। अब पिगमेंटेशन वाले क्षेत्रों पर लगाएं और 15 मिनट के बाद धो दें।
4. हल्दी और दूध
हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं और त्वचा को गोरा करने वाले गुण मौजूद होते हैं। द जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन एकेडमी ऑफ़ डर्मेटोलॉजी के अनुसार हल्दी के अर्क से युक्त एक फॉर्मूलेशन ने चार सप्ताह में हाइपरपिग्मेंटेड स्पॉट्स की उपस्थिति को 14 से 16 प्रतिशत तक कम कर दिया। इससे स्किन को एक्सफोलिएट करने में भी मदद मिलती है। इसके लिए हल्दी पाउडर को दूध के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें और इसे चेहरे पर लगाएँ।
5. ग्रीन टी एक्सट्रेक्ट
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ग्रीन टी स्किन पर बढ़ने वाले फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करने में मदद करती है। तैयार ग्रीन टी को ठंडा करने के बाद टोनर के रूप में इस्तेमाल करें या ठंडे ग्रीन टी बैग को सीधे पिगमेंटेड एरिया पर लगाएँ।
6. दही और ओटमील मास्क
दही में लैक्टिक एसिड होता है, जिससे डेड स्किन सेल्स की समस्या हल होने लगती है। ओटमील और दही को मिलाकर पिगमेंटेशन को कम करने और त्वचा की बनावट को बेहतर बनाने में मदद मिलती हैं। दही और बारीक पिसे हुए ओटमील को मिलाकर पेस्ट बनाएँ और इसे चेहरे पर लगाएँ। इसे 20 मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें।
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।