कोविड-19 के बाद पहले से ज्यादा लोगों ने घुटनों और जोड़ों में दर्द की शिकायत की है। बढ़ती उम्र का संकेत माना जाने वाला घुटनों का दर्द अब हर उम्र के लोगों को परेशान कर रहा है। जिससे हमारी दूसरी शारीरिक गतिविधियां भी प्रभावित होने लगती हैं। योग आसनों की मदद से घुटनों के दर्द से राहत मिलती है। योगासन न सिर्फ मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं, बल्कि एड़ियों, जांघों और घुटनों को भी मजबूती देते हैं। यहां जानते हैं उन योगासनों (Yoga for knee pain) के बारे में जो आपके घुटनों को मजबूती और दर्द से राहत प्रदान करते हैं।
योगाचार्य कौशल कुमार बताते हैं, ‘कई योगासन को हमें अपने नियमित अभ्यास में शामिल (How yogasana reduce knee pain) करना चाहिए। इससे घुटनों के दर्द में बहुत आराम पहुंचता है।’
दोनों पैर सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
बायें पैर को मोड़कर इस तरह रखें कि एड़ी पेरेनियम से छूती रहे और बायें पैर का पंजा दायीं जांघ से सटा रहे।
दोनों हाथ से तलवे और अंगूठे को पकड़ें।
सांस लें और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। सिर घुटने से सटायें।
सांस बाहर रोककर जितनी देर तक इस स्थिति में संभव हो रुकें। सांस लेते हुए सीधी हो जाएं।
इस क्रिया को बायां पैर फैलाकर और दायें पैर को मोड़कर बायीं जांघ से सटाकर करें।
सांस लेने और छोड़ने की क्रिया पहले की तरह होगी।
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बीएमआई चेक करेंपैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं। दोनों पैरों को सटाकर रखें।
सांस लेते हुए दोनों हाथों को कंधे की सीध में सिर के ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें।
इस स्थिति में जितनी देर रह सकते हैं रहें फिर सांस लेते हुए हाथ अौर पूरे शरीर को ऊपर उठाएं।
5-10 बार यह क्रिया करें।
इस आसन से कमर और नितंब की मांसपेशियां स्वस्थ होती हैं। पेट की अनावश्यक चर्बी कम होती है। कब्ज तथा मोटापा दूर होता है। साइटिका या लंबे समय से जो लोग ज्वाइंट पेन से परेशान हैं, वे इस आसन को न करें।
सीधी खड़ी हो जाएं। दोनों पैरों के बीच 4-6 इंच की निश्चित दूरी रखें। अपनी नजर सामने की किसी वस्तु पर टिका लें।
दोनों हाथों की अंगुलियां एक-दूसरे से फंसा लें।
अब सांस लेते हुए हाथों को सिर से ऊपर उठाएं।
पंजों पर खड़े होकर ऊपर हाथों की ओर देखें। हथेलियां ऊपर की ओर रहेंगी।
पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचें।
कुछ देर तक सांस रोककर उसी स्थिति में रहें। सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएं और एड़ी को जमीन पर टिका लें।
इस क्रिया को करते समय अपने आप को ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें।
इसे कम से कम 10 बार करें।
यह रीढ़ की हड्डी को भी मजबूत करता है।
सीधी खड़ी हो जाएं। पैरों को फैला लें। दोनों पैरों के बीच की दूरी 2-3 फीट होनी चाहिए।
सांस लेते हुए दोनों हाथों को कंधों की ऊंचाई पर एक ही सीध में यानी आड़ी रेखा के रूप में फैला लें।
अब दायें घुटने को थोड़ा मोड़ते हुए सांत छोड़ें। सांस छोड़ते हुए शरीर को दायीं ओर झुकाएं एवं अंगुलियों से पैर की अंगुलियों को छुएं।
नजर ऊपर की ओर रखें।
इस क्रिया को दूसरी ओर से भी करें। इसमें भी सांस लेना और सांस छोड़ना पहले की तरह रहेगा।
आचार्य कौशल कहते हैं कि एक पाद उत्तान आसन (Raised Feet Pose), पवन मुक्तासन (Wind Relieving Pose ) भी घुटने के दर्द से राहत दिलाते हैं। नाड़ी शोधन (Channel Cleaning Breathing) और उज्जयी प्राणायाम(Breath Regulating Technique) भी इसमें लाभदायी होते हैं।