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Ear Pain : मानसून के साथ बढ़ सकती हैं कानों में दर्द और इंफेक्शन की समस्या, जानिए कैसे करना है बचाव

उमस भरे मौसम में कानों में दर्द की समस्या होना एक आम बात है।अगर आप भी कानों की समस्याओं से परेशान है और इससे मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इन बातों का विशेष तौर पर रखें ख्याल।
ज्योति सोही Published: 10 Jul 2023, 13:44 pm IST
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कभी बारिश, तो कभी धूप जहां चेहरे पर चिपचिपाहट का कारण साबित होती है, तो वहीं शरीर की अन्य इंद्रियों या सेन्सिस को भी प्रभावित करती है। उमस भरे मौसम में कानों में दर्द, कभी सूजन तो कभी पानी का आना आम समस्याएं होती है, जो ईयर इंफेक्शन (ear infection) के चलते हमें परेशान करती है। अगर आप भी कानों की समस्याओं (ear problems) से परेशान है और इससे मुक्ति पाना चाहते हैं, तो इन बातों का विशेष तौर पर रखें ख्याल

इस बारे में ईएनटी विशेषज्ञ, डॉ अंकित जैन का कहना है कि शरीर के बाकी अंगों के समान कानों को गंभीरता से लेना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि वातावरण में उमस और हवा में नमी के चलते बैक्टीरिया आसानी से जन्म लेने लगते हैं। ऐसे में कान में जमा गंदगी में संकमण पैदा होने से वो इंफेक्शन की वजह बन जाता है। उनके मुताबिक हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा कान के इंफेक्शन को बढ़ाने का मुख्य कारण बन सकता है।

कानों की कई समस्याएं बढ़ने लगती हैं

कान में दर्द
खुजली का होना
सुनाई न देना
कान से फ्लूइड निकलना
कान में सूजन का अनुभव होना

इन तरीकों से रखें अपने कानों का ख्याल

1. सौम्यता से रोज़ कान साफ करें

कानों में मौजूद इयरवैक्स को बहुत ज्यादा क्लीन करने से बचें। इससे कानों में सूखापन या स्किन इरिटेशन और फलूइड निकलने की समस्या पैदा हो सकती है। ऐसे में कानों को बाहर से रोज़ाना साफ करें। इसके अलावा इनर साइड को भी ज्यादा ज़ोर से क्लीन करने से बचें।

कानों में मौजूद इयरवैक्स को बहुत ज्यादा क्लीन करने से बचें। चित्र : अडोबी स्टोक

2. शोर से बचकर रहें

अत्यधिक शोर होने से उसका प्रभाव हमारे कान पर भी दिखने लगता है। अगर आप किसी स्पोर्ट्स स्टेडियम में हैं, रॉक कॉन्सर्ट हैं या फिर एयरपोर्ट में मौजूद हैं, तो उस वक्त हेडफ़ोन या ईयरप्लग लगाकर अपने कानों को बचाने की कोशिश करें। दरअसल, ज्यादा शोर के संपर्क में आने से कानों पर उसका प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा पर्सनल म्यूजिक प्लेयर को भी उंची आवाज़ में सुनने से बचें।

3. ठंडा खाने और पीने से बचें

इस मौसम में ठण्डा खाने का मन करता है। अगर आप बरसात के दिनों में भी समर कूलर्स और आइसक्रीम का लुत्फ उठा रही है, तो ये थ्रोट और ईयर इंफेक्शन के जोखिम को बढ़ा सकता है। दरअसल, ठण्डा खाने से गले से होता हुआ संक्रमण कान तक पहुंचता है। इससे कान में दर्द और इचिंग की समस्या बढ़ने लगती है।

4. कानों की नियमित जांच ज़रूरी

ईएनटी एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपको कान में दर्द का अनुभव होता है या आपके कान से स्त्राव होता है। इस स्थिति के लिए डॉक्टरी सलाह अवश्य लें। इसके अलावा कानों कर देखरेख करने के लिए इनकी नियमित जांच बेहद ज़रूरी है। इससे कानों को किसी बड़ी समस्या के जोखिम से बचाया जा सकता है। आप ही 3 महीने में ईयर चेकअप अवश्य कराएं।

5. ईयरफोन्स को क्लीन करें

मानसून के दिनों में हवा में नमी के चलते बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में ईयरफोन्स पर भी बैक्टीरिया पनपने का खतरा रहता है। इसके चलते चोक्ड ईयर, वॉटरी डिस्चार्ज और उंचा सुनाई देने की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में डिइंफेक्टेंट की मदद से इयरफोन्स को क्लीन करें और फिर इस्तेमाल करें।

मानसून के दिनों में हवा में नमी के चलते बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ने लगता है। ऐसे में ईयरफोन्स पर भी बैक्टीरिया पनपने का खतरा रहता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

6. उचित आहार है आवश्यक

खाने में विटामिन्स, मिनरल्स और प्रोटीन व कैल्शियम भरपूर मात्रा में लें। इससे शरीर को मज़बूती मिलती है। पोषक तत्वों की प्राप्ति से इम्यून सिस्टम हेल्दी बनता है। एंटी ऑक्सीडेंटस की प्राप्ति से शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स से मुक्ति पाई जा सकती है।इसके चलते गले और कान में पनपने वाले संक्रमण का जोखिम खुद ब खुद कम होने लगता है।

इन घरेलू नुस्खों को भी अपनाएं

सरसों के तेल को गर्म करके एक एक बूंद कान में टपकाएं और सुबह उठकर इयर बड्स से साफ कर लें। इससे कानों में मौजूद गंदगी बाहर आ जाती है।

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कस्टमाइज़ करें

जैतून के तेल को गर्म कर लें और फिर ठंडा होने के बाद उसे रूई की मदद से कानों में डालें। इससे कान में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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