पर्सनलाइज्ड कंटेंट, डेली न्यूजलैटरससाइन अप

58 की उम्र में सिद्धू मूसेवाला की मां देंगी बच्चे को जन्म, जानिए बढ़ती उम्र में हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए जरूरी बातें

मदरहुड 25 की उम्र में हो या 55 में, एक मां के लिए वह बहुत सारी भावनाएं लेकर आता है। पर उम्र के साथ शरीर की चुनौती लेने की क्षमता कम होती जाती है। इसलिए बढ़ती उम्र में प्रेगनेंसी का आपको यंग प्रेगनेंसी से तीन गुना ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है।
Updated On: 29 Feb 2024, 09:42 pm IST
58 की उम्र में दोबारा मां बनने वाली हैं चरण कौर, इस दौरान होती है विशेष देखभाल की आवश्यकता। चित्र : इंस्टाग्राम

खबर आ रही है कि सिद्धू मूसेवाला की मां 58 की उम्र में मां बनने वाली हैं। सिद्धू की मौत के बाद उनके पेरेंट्स ने एक बड़ा फैसला लिया है। सिद्धू की मां चरण कौर ने 58 वर्ष की उम्र में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के तहत कंसीव किया है, और वे जल्द ही बच्चे को जन्म देंगी। हालांकि तकनीक के विकास ने बढ़ती उम्र में भी प्रेगनेंसी को संंभव कर दिखाया है (sidhu moose wala mother pregnancy)। मगर इस तरह की प्रेगनेंसी में कुछ जोखिम होते हैं। इसलिए इस दौरान होने वाली मां और उनकी देखभाल करने वालों को कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए (old age pregnancy)।

हालांकि, बढ़ती उम्र के साथ फर्टिलिटी और गर्भाशय की क्षमता कम होती जाती है। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही मां और बच्चे दोनों के लिए खतरा बढ़ा सकती है। 50 की उम्र के बाद प्रेगनेंसी के दौरान कुछ बातों का बहुत ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत होती है।

हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर गाइनेकोलॉजिस्ट और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ अरुणा कालरा से बात की। तो चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं, कुछ खास प्रेगनेंसी टिप्स।

नियमित प्रसव पूर्व जांच और रक्तचाप की निगरानी महत्वपूर्ण होती है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

लेट प्रेगनेंसी या बढ़ती उम्र में गर्भावस्था के दौरान हो सकते हैं कुछ जोखिम

1. 50 की उम्र के बाद यदि महिलाएं कंसीव करती हैं, तो उनमें ट्विंस और ट्रिपलेट्स होने की संभावना अधिक होती है।
2. इस उम्र में महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा अधिक होता है।
3. 50 वर्ष की उम्र में प्रेग्नेंट हो रही हैं, तो इस दौरान प्रीमेच्योर बर्थ की संभावना भी अधिक होती है।
4. इस दौरान महिलाएं प्रेगनेंसी में हाई ब्लड प्रेशर का सामना कर सकती हैं।
5. बढ़ती उम्र में नाॅर्मल डिलीवरी की संभावना बहुत कम होती है और ज्यादातर महिलाओं को सिजेरियन डिलीवरी से गुजरना पड़ता है।
6. इस दौरान किसी भी तरह की लापरवाही मिसकैरेज का खतरा बढ़ा सकती है।
7. बढ़ती उम्र में बेबी प्लान करने से पहले डॉक्टर महिलाओं को कुछ जरूरी टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। ताकि होने वाले बच्चे में क्रोमोसोम संबंधी समस्याएं, जैसे डाउन सिंड्रोम के खतरे का आकलन किया जा सके।

अगर आप बढ़ती उम्र में प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, तो इस दौरान आपको इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए

1. प्रीकन्सेप्शन काउंसलिंग है जरूरी

अगर आप 50 की उम्र में प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, तो आपको प्रीकनसेप्शन काउंसलिंग लेना जरूरी है। इसमें एक्सपर्ट और डॉक्टर आपको प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले फायदे और कॉम्प्लिकेशंस के बारे में बताते हैं। इसके माध्यम से आप अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए एक सही डिसीजन ले पाती हैं।

यह भी पढ़ें: Pregnancy diet : प्रीटर्म बर्थ का कारण बन सकता है प्रेगनेंसी में खाया गया फास्ट फूड, एक्सपर्ट बता रहीं हैं इसके जोखिम

2. रेगुलर चेकअप

50 की उम्र के बाद यदि प्रेगनेंसी प्लान कर रही हैं, तो नियमित जांच बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। कंसीव करने से पहले और कंसीव करने के बाद नियमित रूप से डॉक्टर के संपर्क में रहें, ताकि आपकी स्थिति को सही और प्रभावी ढंग से मैनेज किया जा सके। बढ़ती उम्र के साथ प्रेगनेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर, जेस्टेशनल डायबिटीज आदि का खतरा बढ़ जाता है, इन सभी स्थितियों से डील करने के लिए डॉक्टर की निगरानी में रहना बहुत जरूरी है।

चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं, कुछ खास प्रेगनेंसी टिप्स। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3. जेस्टेशनल डायबिटीज और हाइपरटेंशन के प्रति सचेत रहें

अधिक उम्र की प्रेगनेंट महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के विकास के बढ़ते जोखिम के कारण, शीघ्र परीक्षण और उपचार की आवश्यकता होती है। महिलाओं को शुरुआत से ही इन समस्याओं के प्रति अधिक सचेत रहना चाहिए, क्योंकि बाद में ये मां एवं बच्चे दोनों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।

4. कंजेनिटल डिसेबिलिटी स्क्रीनिंग

50 से अधिक उम्र की महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान कंजेनिटल डिसेबिलिटी स्क्रीनिंग करवाना आवश्यक है। इसमें डाउन सिंड्रोम और अन्य जन्मजात विकलांगताओं जैसे क्रोमोसोमल असामान्यताओं की संभावना के लिए परीक्षण शामिल है। ऐसे में महिलाएं अपने बच्चे की सेहत और ग्रोथ के प्रति पूरी तरह से जागरूक रहती हैं।

यह भी पढ़ें: तनाव और वजन दोनों कम करती है ब्रेस्टफीडिंग, जानिए इस दौरान आपको क्या करना चाहिए

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

अगला लेख