गर्दन में दर्द है? तो जानिए इसके अलग-अलग कारण और क्विक रिलीफ टिप्स
अक्सर सुबह उठने के साथ, लंबी ट्रैवलिंग के बाद या कई बार बैठ कर लंबे समय तक काम करने पर गर्दन के पिछले और साइड के हिस्से में दर्द महसूस होता है। यह तकलीफ सुन में भले ही साधारण लगे, पर इससे आपका मूड, प्रोडक्टिविटी और व्यवहार प्रभावित हो सकता है। साथ ही इसके प्रति लापरवाही करना कभी-कभी भारी पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप इसके लिए जिम्मेदार कारणों और समाधान के उपायों के बारे में जानें।
गर्दन में दर्द किसी के लिए भी और कभी भी परेशानी भरा हो सकता है। कई बार यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि आपके लिए गर्दन हिलाना भी मुश्किल हो जाता है। आखिर ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे क्या वजह है? हमने इस विषय पर आदित्य बिरला मेमोरियल हॉस्पिटल, पुणे के जनरल फिजिशियन और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. रंजीत कुमार यादव से बात की। आइए जानते हैं क्या हैं गर्दन में दर्द के संभावित कारण और समाधान के उपाय (tips to deal with neck pain)।
इन कारणों से हो सकता है आपकी गर्दन में दर्द
ऊंचे और एक से अधिक तकिए का प्रयोग करना
लंबे समय तक एक मुद्रा में स्थिर रहना
घंटों तक गर्दन का एक दिशा में झुकाव रहना
गलत मुद्रा में लैपटॉप और कंप्यूटर पर काम करना
एक्सरसाइज करते वक़्त गर्दन की गलत पोजिशन होना
गर्दन को झटके से मोड़ना
गर्दन में मोच आना
रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्याएं
सर्वाइकल अर्थराइटिस या स्पोंडिलोसिस
जब जानिए गर्दन के दर्द से उबरने उपाय
1. हीट या आइस पैक लगाएं
आइस पैक की सिकाई शरीर के किसी भी क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को कम करके सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। हीट पैड की सिकाई इसके विपरीत कार्य करती है, यह रक्त प्रवाह को उत्तेजित करती है। आइस और हीट दोनों एक साथ मिलकर तनावग्रस्त मांसपेशियों को शांत करने में मदद कर सकते हैं।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑर्थोपेडिक सर्जन (एएओएस) के अनुसार 20 मिनट तक बर्फ की सिकाई करने से टिशू को आराम पहुंचता है। आप चाहें तो आइस पैक और हीट बैग में से किसी एक बिकल्प को चुन सकती हैं। हॉट शॉवर लेने से भी मदद मिल सकती है।
2. लंबे समय तक एक स्थिति में न बैठें
अक्सर हम सभी लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठे रहते हैं, खासकर कार्यस्थल पर। वहीं कई लोगों के बैठने की मुद्रा पूरी तरह से गलत होती है। ख़राब शारीरिक मुद्रा को बदलना कठिन है, परन्तु नामुमकिन नहीं। ऐसे में यदि आप गर्दन के दर्द से बचना चाहती हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण है सही मुद्रा की जानकारी होना। बैठते वक़्त अपनी रीढ़ की हड्डियों को सीधा रखें और अपने गर्दन को भी बिल्कुल स्ट्रेट रखें जैसे की आप सीधा सामने की ओर देखते वक़्त रखती हैं।
इसके अलावा लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से बचें, हर 30 से 40 मिनट पर शरीर को थोड़ा मूव करें। आप चाहें तो अपने कुर्सी पर ही शरीर को मूव कर सकती हैं। यदि आपके लिए खड़े होकर वॉक करना मुमकिन है तो कुछ देर ठहलने की कोशिश करें।
3. मसाज से मिलेगी राहत
यदि आपके गर्दन में अक्सर दर्द रहता है तो इसका एक सबसे अच्छा उपाय है मसाज। हल्के गुनगुने तेल की मदद से अपने गर्दन को मसाज दें। यदि आपके पास प्रोफेशनल उपलब्ध हैं तो उनकी मदद लें यदि नहीं तो आप खुदसे अपने गर्दन को मसाज दे सकती हैं। अपने हाथों को गर्दन के चारो और अच्छी तरह घुमाएं, मसाज में प्रेशर बनाने के लिए अपने अंगुठें का प्रयोग करें।
सोशल मीडिया पर कई प्रोफेशनल वीडियो उपलब्ध होते हैं आप उनकी मदद ले सकती हैं। मसाज ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है साथ ही साथ यह आपकी मांसपेशियों एवं टिशू को आराम पहुंचाता है। यदि आप गर्दन के दर्द से परेशान हैं तो दिन में कम से कम दो बार नेक मसाज जरूर करें।
4. हल्की एक्सरसाइज करें
गर्दन के दर्द से राहत पाने के लिए कई प्रभावी नेक एक्सरसाइज हैं जिन्हे आप अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं। नेक एक्सटेंशन, नेक रोटेशन, लैटरल एक्सटेंशन, डीप स्ट्रेचिंग जैसे कई अन्य स्ट्रेच हैं जो गर्दन के दर्द से राहत पाने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा अपने गर्दन के गति की सीमा में सुधार करने का प्रयास करें। यदि आपकी गर्दन में गंभीर चोट है या नस दब गई है तो व्यायाम न करें।
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5. एर्गोनॉमिक एडजस्टमेंट है जरुरी
अपने कंप्यूटर मॉनिटर को आंखों के स्तर पर रखें ताकि आप इसे आसानी से देख सकें। अपने फ़ोन पर हैंड्स-फ़्री फ़ंक्शन का उपयोग करें या हेडसेट पहनें। अपने टैबलेट को तकिए पर रखें ताकि यह आपकी गोद में सपाट लेटने के बजाय 45° के कोण पर बैठे। यह सभी आपके गर्दन को अकड़ने से बचाता है साथ ही आपको दर्द भी नहीं होता।
6. स्मोकिंग न करें
धूम्रपान हड्डी की संरचना को नुकसान पहुंचाता है, अपक्षयी डिस्क रोग को बढ़ावा देता है और उपचार को धीमा कर सकता है। यदि आप अक्सर गर्दन की मांसपेशियों में दर्द का अनुभव करती हैं, तो तो इसलिए आपके धूम्रपान की आदत भी जिम्मेदार हो सकती है। इस बात को समझें और धूम्रपान को जितनी जल्दी हो सके छोड़ दें।
7. एक साथ अधिक तकिये का इस्तेमाल न करें
रात को सोते वक़्त या कभी भी आराम करते वक़्त गर्दन के निचे एक से अधिक तकिया न लगाएं, वहीं अधिक ऊंचे तकिये का प्रयोग करने से भी बचें। अधिक तकिया लेकर सोने की आदत आपको परेशानी में डाल सकती है। इससे गर्दन की हड्डियों की पोजीशन पर अधिक खिंचाव पैदा होता है, जिसकी वजह से गर्दन में दर्द का अनुभव होता है। इस स्थिति से बचने के लिए पतला और मुलायम तकिये का प्रयोग करें।
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