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Burnout problem : पर्सनल और प्रोफेशनल फ्रंट पर लगातार काम करने से हो गई हैं बर्नआउट, इन 5 उपायों से कर सकती हैं खुद को रीचार्ज

पर्सनल और प्रोफेशनल फ्रंट पर लगातार काम करते हुए हम बर्नआउट हो जाते हैं। खुद को रीचार्ज करने पर ही यह समस्या खत्म हो पाती है। ये 5 उपाय बर्नआउट के बाद खुद को रीचार्ज करने में मदद कर सकते हैं।
स्मिता सिंह Published: 1 Jun 2023, 12:30 pm IST
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व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में हम लगातार काम करते हुए बुरी तरह से थक जाते हैं। ऐसा महसूस होता है कि इससे आगे कुछ भी काम करना संभव नहीं है। हम तनावग्रस्त और चिड़चिड़ा महसूस करने लगते हैं। फिर हम खुद से कहते हैं- हमारा बर्नआउट (Burnout) हो गया। लेकिन बर्नआउट के बाद खुद को रीचार्ज करना जरूरी हो जाता है। रीचार्ज करने के बाद ही हम एनर्जेटिक महसूस कर सकते हैं। सवाल यह है कि बर्नआउट के बाद खुद को रीचार्ज कैसे किया (How to recharge yourself after burnout) जाए।

क्यों जरूरी है बर्नआउट से उबरना

लोकप्रिय जर्मन साइकोथेरेपिस्ट फ्रिज पर्ल के अनुसार, बर्नआउट का अनुभव घर और काम दोनों जगह किया जा सकता है। बर्नआउट से उबरना एक अभ्यास है। यह पर्सनालिटी डेवलपमेंट और करियर के क्षेत्र में अपनी पहचान के लिए जरूरी है। बर्नआउट से रिचार्ज करने का अर्थ स्वयं के लिए बेहतर सीमाएं और अपेक्षाएं स्थापित करना है। साथ ही, व्यक्तिगत विकास पर ध्यान केंद्रित करना भी जरूरी है।

बर्नआउट के सामान्य लक्षण (Burnout Symptoms)

चिड़चिड़ापन या मूड खराब होना, मानसिक थकान, थके होने के बावजूद नींद में कठिनाई, काम करने में अनिच्छा का अनुभव इसके लक्षण हो सकते हैं। मूड को नियंत्रित करने में कठिनाई, भावनात्मक आवेश या अत्यधिक क्रोध आना, उदासीन रवैया, लो प्रोडक्टिविटी, तनाव को नियंत्रित करने में असमर्थ होना भी हो सकता है।

बर्नआउट से उबरने के यहां हैं 5 उपाय (Tips to recharge yourself after burnout)

1. ध्यान केंद्रित करें (Try to develop concentration)

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ मेंटल हेल्थ नर्सिंग के अनुसार, यदि आप उन चीजों के बारे में सोचने में बहुत समय व्यतीत कर रही हैं, जिन पर आपका बहुत कम या कोई नियंत्रण नहीं है । इससे आपका तनाव बढ़ जाता है। एंग्जायटी या तनाव के लिए यह चेक-इन करें कि क्या ऐसा कुछ है जो वास्तव में आपके नियंत्रण में है। यदि नहीं है, तो अपना ध्यान किसी और चीज़ की ओर मोड़ने की पूरी कोशिश करें। इससे आपका बर्नआउट खत्म होगा और आपका ध्यान केंद्रित होगा।

2  शरीर को एक्टिव रखें (Physical activity for burnout)

अमेरिकन जर्नल ऑफ़ साइकियेट्री में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, लगातार शरीर को इनएक्टिव रखना बर्नआउट को बढ़ा देता है। शरीर को एक्टिव रखने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। इससे स्ट्रेस मैनेज होता है और आप एनर्जेटिक फील करती हैं। हर दिन तेज चलने या 20 मिनट के योग सत्र से शरीर तनाव प्रतिक्रिया को नियंत्रित करना शुरू कर देता है।

लगातार शरीर को इनएक्टिव रखना बर्नआउट को बढ़ा देता है। शरीर को एक्टिव रखने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

3  सपोर्ट नेटवर्क से जुड़ें ( Support Network for burnout)

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ मेंटल हेल्थ नर्सिंग के अनुसार, बर्नआउट से उबरने के लिए सोशल नेटवर्क खोजना व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण (small ways to recharge when you feel drained) है। आप जिस स्थिति से गुजर रही हैं, उसके बारे में विश्वसनीय मित्रों और परिवार के सदस्यों के साथ खुलकर बातचीत करें। उनसे मिलें-जुलें और बातचीत करें

4  सोशल मीडिया से अनप्लग करें (Unplug social media)

अमेरिकन जर्नल ऑफ़ साइकियेट्री के अनुसार, सोशल मीडिया अच्छा के साथ साथ बुरा प्रभाव भी छोड़ रहा है। हम खतरनाक तुलना में जीने लगते हैं। दूसरे वहां क्या प्रस्तुत कर रहे हैं और क्या कह रहे हैं। ये सारी बातें जॉब बर्नआउट में योगदान कर सकते हैं। मीडिया ब्रेक अपने आप पर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है। इससे स्क्रॉलिंग में बिताए जाने वाले दिन के कई घंटे आपको मिल जायेंगे। इन घंटों में आप कुछ क्रिएटिव कर अपने आपको रीचार्ज कर सकती (How to recharge yourself after burnout) हैं।

सोशल मीडिया ब्रेक अपने आप पर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

5 कुछ नया और अलग करने की कोशिश करें (do something new and different)

जर्नल ऑफ़ मेंटल हेल्थ में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, कभी-कभी बर्नआउट तब हो सकता है जब हम जीवन के किसी एक क्षेत्र पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। यह हमारा काम, दैनिक चर्या, घर-परिवार और रिश्ते भी हो सकते हैं। किसी ऐसे क्षेत्र को ठीक करने की कोशिश में खुद को बर्नआउट कर लेते हैं। खुद को रीचार्ज करने के लिए पूरी तरह से अलग स्किल, शौक या खुद की पहचान के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करें। जो आपको खुशी देता है या खुद को देखने का एक नया नजरिया देता है, उस काम को हाथ में लें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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