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5 स्पष्ट संकेत जो बताते हैं कि आपका पार्टनर नार्सिसिस्ट है, जानिए उससे कैसे डील करना है

कोई भी एक नया रिश्ता कई कारणों से डेवलप होता है। शुरुआत में कभी-कभी आप एक-दूसरे को जान ही नहीं पाते। मगर जब रिश्तों में तनाव आने लगता है, तब आप सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है? पर कभी-कभी वजह आप नहीं किसी और का व्यक्तित्व होता है।
खुद को बेहतर बताना नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी का एक व्यापक पैटर्न। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 28 Sep 2023, 15:40 pm IST
इनपुट फ्राॅम
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कुछ लोगों को अपने आपको सबसे बेहतर बताने, दिखाने और खुद को दूसरों से श्रेष्ठ समझने की आदात होती है। वे लोगों हर समय केवल आपने बारे में सोचते है, बात करते है और खुद को ध्यान के केंद्र में रखना चाहते है। ऐसे लोग कई बार खुद की ही तारीफ करते रहते है। वो अपने बारे में बड़ी बड़ी बातें आपको बताते है। ऐसे लोगों के साथ रहना कई बार आपके लिए मुश्किलों से भरा हो सकता है। क्योंकि ये लोग नार्सिसिस्ट होते है यदि आप ऐसे किसी व्यक्ति को डेट कर रहीं है तो भी ये रिलेशनशिप में सामने वाले के बारे में न सोचते हुए केवल अपनी जरूरतों पर ही फोकस्ड रहते हैं।

क्या होता है नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर

सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव बताते है कि नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (एनपीडी) एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो खुद के महत्व, अत्यधिक प्रशंसा और ध्यान की आवश्यकता और दूसरों के लिए सहानुभूति की कमी कके कारण हो सकता है। इससे डिसऑडर से ग्रसित व्यक्ति खुद को आकृषण का केंद्र बनान चाहता है। वह खुद को सबसे श्रेठ मान लेता है। वैसे खुद को लेकर कॉन्फिडेंट होना अच्छी बात है लेकिन इससे ग्रसित लोग दूसरों से भी अपने बारे में तारीफ ही सूनना चाहते है और अपनी ही बाते मनवाना चाहते है। और अगर कोई उनकी खिलाफत करना चाहे तो वे उसे बर्दाशत नहीं करते है। इससे ग्रसित लोग अपनी एक अलग दुनिया बना लेते हैं।

नार्सिसिस्टों का मानना है कि वे कुछ स्पेशल ट्रीटमेंट और विशेषाधिकार के हकदार हैं। चित्र- अडोबी स्टॉक

यहां हैं 5 संकेत जो बताते हैं कि आपका पार्टनर नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी वाला है

1 सिर्फ अपना ही बखान करते रहना

खुद को बेहतर बताना नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी का एक व्यापक पैटर्न, जो आत्म-महत्व या श्रेष्ठता की बढ़ी हुई भावना के रूप में प्रकट हो सकता है। नार्सिसिस्टों का मानना है कि वे विशेष और अद्वितीय हैं, और वे अक्सर अपनी उपलब्धियों, प्रतिभाओं या महत्व को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं।

2 हमेशा अपनी तारीफ सुनना चाहना

नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर वाले व्यक्तियों को दूसरों से प्रशंसा और मान्यता की अत्यधिक आवश्यकता होती है। वे निरंतर ध्यान, प्रशंसा और अपना मनोबल बढ़वाना चाहते हैं और अक्सर सफलता, शक्ति, सौंदर्य या आदर्श प्रेम की कल्पनाओं में व्यस्त रहते हैं।

3 दूसरों के प्रति सहानुभूति की कमी

नार्सिसिस्टों में अक्सर सहानुभूति की कमी होती है और उन्हें दूसरों की भावनाओं और जरूरतों को पहचानने या समझने में कठिनाई होती है। वे दूसरों की पीड़ा या भावनाओं के प्रति असंवेदनशील हो सकते हैं और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों का शोषण या हेरफेर कर सकते हैं।

4 विशेषाधिकार की भावना

नार्सिसिस्टों का मानना है कि वे कुछ स्पेशल ट्रीटमेंट और विशेषाधिकार के हकदार हैं। वे अक्सर व्यक्तिगत और व्यावसायिक संबंधों में सम्मान पूर्ण व्यवहार की अपेक्षा करते हैं और जब उन्हें यह नहीं मिलता तो वे क्रोधित या नाराज हो सकते हैं।

5 मैनिपुलेटिव व्यवहार

नार्सिसिस्ट लोग चालाकी कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दूसरों का इस्तेमाल शोषण कर सकते हैं। वे अपने लाभ के लिए लोगों का उपयोग कर सकते हैं, अक्सर दूसरों के परिणामों की चिंता किए बिना। उन्हें सिर्फ अपने बारे चिंता होता है वे कभी दूसरों की जरूरतों के बारे में कुछ नहीं सोचते हैं।

अब जानिए नार्सिसिस्ट पर्सनैलिटी डिसऑर्डर वाले पार्टनर से कैसे निपटा जाएं

1 सीमाएं निर्धारित करें

नार्सिसिस्ट व्यक्ति के साथ अपनी बातचीत में स्पष्ट सीमाएं स्थापित करें और बनाए रखें। स्पष्ट रूप से बताएं कि कौन सा व्यवहार स्वीकार्य है और क्या नहीं। आपको कभी भी अपनी सीमाओं से ज्यादा उनसे बात नही करनी है।

नार्सिस्टिक पार्टनर के रिश्ते से बाहर कैसे निकलना है। चित्र शटरस्टॉक।

2 यथार्थवादी अपेक्षाएं बनाए रखें

यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ है जो नार्सिसिस्ट है तो आपको उनसे बहुत तम अपेक्षाएं रखनी होगी क्योंकि नार्सिसिस्ट व्यक्ति अपने मूल व्यक्तित्व गुणों को बदलने की संभावना नहीं रखता है। आपको निराशा या हताशा से बचने के लिए उनसे वैसा अपेक्षा ही रखनी चाहिए जिन्हें वे पूरा कर सकते है।

3 भावनात्मक रूप से न जुड़ें

आप भावनात्मक मदद या सहानुभूति के लिए नार्सिसिस्ट व्यक्ति पर भरोसा करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। क्योंकि वे कभी दूसरों के बारे में नहीं सोचते है इसलिए उन्हें दूसरी को भावना समझ नही आती है और उन में सहानुभूति भी नहीं होती है।

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4 शांत और संयमित रहें

इनके साथ बात करते समय आपको गुस्सा आ सकता है क्योंकि शायद ये आपकी न सुने और केवल आपनी ही बात कहें ऐसे में बातचीत के दौरान अपना संयम बनाए रखें। भावनात्मक प्रतिक्रियाओं का इस्तेमाल आपके खिलाफ किया जा सकता है या झगड़े बढ़ सकते हैं।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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