Chest Congestion: छाती में जमें कफ को बाहर निकलने में आपकी मदद करेंगे ये 5 प्रभावी टिप्स
ठंड के मौसम में सर्दी खांसी और कफ की समस्या बेहद आम हो जाती है। इस दौरान कफ को ठीक होने में अधिक समय लगता है, और छाती में कफ जमने लगता है। चेस्ट कंजेशन की स्थिति में सांस लेने में तकलीफ सहित अन्य समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। इस स्थिति में कुछ खास नुस्खो को आजमाकर आप छाती में जमे कफ को बाहर निकाल सकती हैं (how to deal with chest congestion)। इस बारे में विशेष जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थ शॉट्स ने आरटिमिस अस्पताल गुरूग्राम के सीनियर फीज़िशियन डॉ पी वेंकट कृष्णन से बात की। तो चलिए जानते हैं इसपर क्या कहते हैं एक्सपर्ट।
छाती में कफ के जमाव को कम करने में मदद करेंगे ये टिप्स (how to deal with chest congestion)
1. गुनगुने पानी से गरारा करें
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन की माने तो गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारा करने से खांसी से राहत मिलती है। इसके साथ ही यह छाती में कफ के जमाव को कम कर देता है। गरारे करने से छाती में जमे म्यूकस पतले हो जाते हैं, जिससे इन्हें आसानी से बाहर निकाला जा सकता है। इसके अलावा यह गले के इंफेक्शन को भी कम कर देता है। उचित परिणाम के लिए दिन में कम से कम 3 से 4 बार गरारा करें और गरारे के पानी को हमेशा बाहर फैंके इन्हें भूल कर भी न घोटें।
2. हर्बल टी रहेंगे असरदार
सर्दी खांसी और गले में जमे कफ की स्थिति में अदरक, पेपरमिंट, रोजमेरी, तुलसी आदि से बनी हर्बल टी बेहद कारगर साबित हो सकती है। इनमें चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल करें, जो इनकी गुणवत्ता को और ज्यादा बढ़ा देगा। अदरक से लेकर तुलसी में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल तथा एंटीफंगल प्रॉपर्टीज पाई जाती है, जो इन्हें संक्रमण फैलने वाले कीटाणुओं से लड़ने के लिए खास बना देती हैं। इन ड्रिंक के सेवन से म्यूकस पतला हो जाता है और यह आसानी से बाहर निकल आता है। साथ ही साथ यह म्यूकस पैदा करने वाले कीटाणुओं के प्रभाव को रोक देते हैं।
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3. स्टीम लें
स्टीम लेने से छाती में जमे कफ को निकालना आसान हो जाता है। बेहतर और प्रभावी परिणाम के लिए आप स्टीम वॉटर में रोजमेरी तथा पेपरमिंट एसेंशियल ऑयल मिला सकती हैं। इससे आपको बंद नाक से फौरन राहत प्राप्त होती है, साथ ही साथ यह छाती में जमें कफ को भी प्रभावी रूप से साफ कर देता है। एसेंशियल ऑयल की एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज स्टीम के प्रभाव को और ज्यादा बढ़ा देती हैं।
4. हल्दी से मिलेगी मदद
हल्दी में कई एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल सहित तमाम अन्य महत्वपूर्ण प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। इसके साथ ही हल्दी में करक्यूमिन नामक एक एक्टिव कंपाउंड पाया जाता है, जो म्यूजिक को डिसोल्व कर देते हैं। जिससे कि चेस्ट कंजेशन से राहत प्राप्त होती है। साथ ही इसकी हीलिंग प्रॉपर्टीज बैक्टीरियल ग्रोथ को रोक देती है, और सर्दी खांसी की स्थिति में बेहद कारगर होती हैं।
एक गिलास गुनगुने पानी में दो चुटकी हल्दी पाउडर मिलाकर इससे गरारा कर सकती हैं। इसके अलावा हल्दी वाला गुनगुना दूध भी एक अच्छा विकल्प है, यदि आप चाहे तो हल्दी की चाय भी ट्राई कर सकती हैं।
5. शहद और नींबू का रस है बेहद फायदेमंद
नींबू के रस और शहद दोनों में एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है। यह गले को आराम पहुंचाते हुए चेस्ट में जामे म्यूकस को पतला कर देते हैं और भविष्य में होने वाले संक्रमण से भी बचाव में मदद करते हैं। नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाई जाती है, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं, जिससे कि संक्रमण का प्रभाव शरीर पर कम हो जाता है।
एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस डालें और इसे अच्छी तरह मिलाकर दिन में कम से कम 2 से 3 बार पिएं। केवल दो दिनों में आपको स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा।
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