इस अध्ययन के अनुसार हल्के कोरोनावायरस लक्षणों के भी हो सकते हैं दीर्घकालिक परिणाम
भारत में कोविड-19 के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं। शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी नए मामलों की संख्या सवा लाख के पार रही और पिछले 24 घंटों के दौरान 69,289 सक्रिय मामले बढ़कर 9,79,6०8 पहुंच गए। ये आंकड़े केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह जारी किए गए।
विश्व भर में कोरोना वैक्सीनेशन के साथ ही महत्वपूर्ण अध्ययन भी किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक अध्ययन स्वीडन में किया गया। जिसमें हल्के कोरोनावायरस को भी गंभीरता से लेने की वकालत की गई है।
क्या कहता है अध्ययन
स्वीडन में कामकाजी युवाओं में पर किए गए इस अध्ययन में सामने आया है कि माइल्ड कोरोनावायरस भी आपके स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक परिणाम छोड़ सकता है। कोविड-19 के हल्के रूप से ग्रस्त होने के आठ महीने बाद हर 10 में से एक व्यक्ति कम से कम एक मध्यम से गंभीर लक्षण से प्रभावित हो रहा है।
जो उनके काम, सामाजिक या निजी जिंदगी पर नकारात्मक प्रभाव डालने वाला माना जाता है। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।
स्वाद और सूंघने की क्षमता
अध्ययन में पाया गया कि सबसे लंबे दीर्घकालिक लक्षणों में स्वाद एवं सूंघने की क्षमता चले जाना और थकान शामिल है।
स्वीडन की डेंडेरिड हॉस्पिटल और कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट पिछले साल से यह कथित ‘कम्युनिटी अध्ययन कर रहा है जिसका मुख्य लक्ष्य कोविड-19 के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता का पता लगाना है।
‘कम्यूनिटी अध्ययन की प्रमुख अनुसंधानकर्ता शारलोट थालिन ने कहा, “हमने तुलनात्मक रूप से युवा और काम पर जाने वाले लोगों के स्वस्थ समूह में हल्के कोविड-19 के बाद दीर्घालिक लक्षणों की जांच की और हमने पाया कि स्वाद एवं सूंघने की क्षमता चले जाना प्रमुख दीर्घकालिक लक्षण है।”
थालिन ने कहा, “कोविड-19 से ग्रस्त हो चुके प्रतिभागियों में थकान और सांस संबंधी समस्याएं भी आम हैं, लेकिन ये उस हद तक नहीं हैं।”
यह अध्ययन ‘जेएएमए पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
जरूरी है बचाव के उपाय
अब भी मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग को कोरोनावायरस से बचाव का महत्वपूर्ण उपाय माना जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि आप –
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें- अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनें।
- मास्क को हर रोज धोकर, कीटाणुमुक्त करें।
- बाहर से खरीदी गई चीजों, पार्सल आदि को 12 घंटे के बाद ही इस्तेमाल करें।
- बार-बार हाथ धोना, सेनिटाइजर इस्तेमाल करने से बेहतर उपाय है।
- इलैक्ट्रॉनिक गैजेट्स को इस्तेमाल से पहले सेनिटाइज जरूर करें।
- घर से बाहर जाते समय सुरक्षा मानकों का पालन करें।
- भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
(समाचार एजेंसी भाषा से प्राप्त इनपुट के साथ)
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