महिलाएं अक्सर हाथों की साफ सफाई के अलावा हाथों की त्वचा को लेकर चिंतित नज़र आती हैं। मगर हैंड हाइजीन तब तक अधूरी है, जब तक नाखूनों की साफ सफाई का उचित ख्याल न रखा जाए। इसके लिए नाखूनों की क्लीनिंग से लेकर ट्रीमिंग तक सभी चीजें बेहद ज़रूरी हैं। दरअसल, हैंड वॉश के दौरान लोग अधिकतर नाखूनों की क्लीनिंग पर फोक्स नहीं करते हैं, जिससे नाखूनों में पिनवॉर्म जैसे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। कुछ भी खाते वक्त वो हमारे पेट में पहुंचकर किसी बड़ी बैक्टीरियल इंफेक्शन का कारण साबित होते हैं। जानते हैं कैसे नेल हाइजीन हाथों की स्वच्छता को प्रभाविमत करती है।
इस बारे में हेल्थशॉटस से बातचीत में कंसल्टेंट फिज़िशियन डॉ दीपक पताडे बताते हैं कि नाखून की स्वच्छता हैंड हाइजीन का अह्म हिस्सा है। नाखून की साफ सफाई रखने से बैक्टीरिया को शरीर में फैलने से रोका जा सकता है और शरीर को कई बीमारियों व मौसमी संक्रमण से बचाने में भी मदद मिलती है।
हर साल 5 मई को वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे के रूप में मनाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजे़शन की ओर से साल 2009 में सेव लाइव्स क्लीन हैंड कैंपने की शुरूआत की गई थी। उसी के तहत हर साल इस खास दिन पर हैंड हाइजीन को मेंटेन रखने के लिए हाथ धोने के नियमों की जानकारी दी जाती है। इस मौके पर विश्वभर में जगह जगह सेमिनार और वर्कशॉप्स के ज़रिए लोगों को हैंड हाइज़ीन को बनाए रखने की विशेष जानकारी दी जाती है।
सालाना मनाए जाने वाले इस खास दिन पर लोगों को हाथ धोने के महत्व को समझाया जाता है। इस साल वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे की थीम प्रोमोटिंग नॉलेज एंड कपेसिटी बिल्डिंग ऑफ हेल्थ केयर वर्कर्स थ्रू इनोवेटिव इम्पेक्टफुल ट्रंनिंग एंड एजुकेशन है।
लंबे नाखूनों में खासतौर से गंदगी, बैक्टीरिया और वायरस को पनपने का स्थान मिलने लगता है। जब नाखूनों को साफ नहीं रखा जाता है, तो वे कीटाणु हाथों के ज़रिए मुंह, चेहरे और भोजन में शामिल हो जाते हैं। इससे शरीर में किसी भी प्रकार के संक्रमण की संभावना बनी रहती है।
साफ सुथरे और कटे हुए नाखून वाले हाथों को आसानी से धोकर साफ किया जा सकता है। मगर वहीं वे नाखून जो सामान्य से लंबे है, उनमें रोगाणु लंबे वक्त तक एकत्रित रहते हैं। नाखूनों को अगर अच्छी तरह से साफ नहीं किया जाता है, तो हाथ धोने के बाद भी वे गंदगी जमा रहती हैं।
वे लोग जो नाखूनों को ट्रिम नहीं करते हैं, उनमें संक्रमण का खतरा बना रहता है। नुकीले नाखूनों से शरीर के किसी भी अंग पर आने वाली खरोंच से कीटाणु शरीर में प्रवेश कर सकते हैं, जो किसी बड़ी समस्या का कारण साबित हो सकते हैं। इसके अलावा किसी सक्रंमित अंग को छूने के बाद किसी दूसरी जगह नाखूनों से खुजलाने से बैक्टीरिया के फैलने का कारण बन सकता है।
कई बार चेकअप या टेस्ट के लिए जा रहे लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ने लगता है। दरअसल, हेल्थ केयर से जुड़े लोगों के अनियमित नेल हाइजीन रखने से मरीजों को भी उसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसमें डॉक्टर से लेकर सभी हेल्थ केयर वर्कर्स को अपने नाखूनों को स्वच्छ बना रखना आवश्यक है।
आमतौर पर मेनीक्योर के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले हैंड ब्रश से नाखून क्लीन करें। इससे नेल्स में मौजूद गंदगी और बैक्टीरिया क्लीन हो जाते हैं। दिन में एक से दो बार नेल ब्रशिंग का इस्तेमाल करें। इससे हाथों में बढ़ने वाली दुर्गंध से भी राहत मिलती है।
हाथों की स्वच्छता तब तक अधूरी है, जब तक नाखूनों की स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता है। ऐसे में नाखूनों को बढ़ने पर अवश्य काटें और उसके आसपास की स्किन को भी क्लीन रखें। स्किन को क्लीन न करने से त्वचा में सूजन और संक्रमण का खतरा पनपने लगता है।
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कस्टमाइज़ करेंहोममेड स्क्रब या लिक्विड सोप की मदद से नाखूनों को अच्छी तरह से क्लीन करे। साथ ही नाखूनों के आसपास जमा डेड स्किन को भी रिमूव कर दे। इससे पिनवॉर्म जैसे बैक्टीरिया और कई प्रकार के संक्रमण के बढ़ने का जोखिम कम हो़ जाता है।
नाखून काटने और उसे शेप में लाने के लिए टूल्स शार्पन टूल्स का प्रयोग किया जाता है। इन टूल्स का प्रयोग करने के बाद इन्हें स्टरलाइज़ करना न भूलें। इसके अलावा इन्हें अन्य लोगों से शेयर करने से भी बचें।
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