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Hormone role in period : जानें पीरियड के अलग अलग फेज में कौन कौन सी भूमिका निभाता है हॉर्मोन

किसी भी महिला के जीवन का सबसे जरूरी फेज है पीरियड या माहवारी। इसके कई चरण होते हैं, जिनमें कई अलग-अलग हॉर्मोन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विशेषज्ञ से जानते हैं उन प्रमुख हॉर्मोन और उनके कार्यों को।
पीरियड के प्रत्येक चरण के दौरान हार्मोन बदलते हैं। ये शरीर और दिमाग पर कई तरह से प्रभाव डाल सकते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 16 Dec 2023, 21:00 pm IST
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पीरियड या माहवारी किसी भी महिला में सबसे जरूरी फेज है। इस पर ही महिला का रिप्रोडक्टिव हेल्थ निर्भर करता है। यह फेज माहवारी के पहले दिन से शुरू होता है और अगले पीरियड के शुरू होने पर समाप्त होता है। यह औसतन 25-36 दिनों तक चल सकता है। यह लंबाई हर महिला में अलग-अलग हो सकती है। भले ही उन्हें नियमित माहवारी हो रहा हो। यह चक्र महिला के वेलनेस के हर पहलू को प्रभावित करता है। इसे कई तरह के हॉर्मोन (role of hormones in period) प्रभावित करते हैं। पीरियड के प्रत्येक चरण के दौरान हार्मोन बदलते हैं। ये शरीर और दिमाग पर कई तरह से प्रभाव डाल सकते हैं।

कितने होते हैं पीरियड फेज (Period Phase)

पीरियड के 4 चरण होते हैं। इनमें से प्रत्येक एक विशेष हार्मोन के सीक्रेशन से जुड़ा होता है, जो विशेष कार्य करता है।

फोलिकुलर फेज (Follicular Phase)

यह चरण पीरियड के पहले दिन से शुरू होता है। यह ओव्यूलेशन के अंत तक जारी रहता है। यह 13-15 दिनों तक रहता है। इसमें पिट्यूटरी ग्लैंड फोलिक्ल से उत्तेजित होने वाले हार्मोन का स्राव होता है। यह एग प्रोडक्शन और उसे धारण करने में मदद करता है। यह यूटरस लाइनिंग की परत के पुनर्निर्माण में मदद करने के लिए एस्ट्रोजन हॉर्मोन जारी करता है।

पीरियड फेज (Period Phase)

यह चरण (role of hormones in period) पहले दिन से शुरू होता है और तब तक जारी रहता है जब तक पीरियड फ्लो बंद नहीं हो जाता। शरीर गर्भाशय लाइनिंग को गिरा देता है। इससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है। इससे महिलाओं में कम ऊर्जा और मूड में बदलाव होता है। इस चरण के दौरान महिलाएं असुरक्षित महसूस करती हैं। इसके बाद प्रजनन का चरण आता है। जब यह अवधि समाप्त हो जाती है, तो गर्भाशय की परत फिर से बनने लग जाती है। ओवरी अंडे युक्त फोलिक्ल का निर्माण करने लग जाते हैं। यूटरस लाइनिंग का पुनर्निर्माण करके फोलिक्ल द्वारा जारी एस्ट्रोजन पर प्रतिक्रिया करता है।

ओव्यूलेशन फेज (Ovulation Phase)

लगभग 13वें-15वें दिन चक्र का मध्य होता है जब यूटरस से एग निकलता है, जो निषेचित होने के लिए तैयार होता है। अंडे के निकलने से ठीक पहले एस्ट्रोजन लेवल चरम पर होता है, जो ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन के बढ़ने का संकेत देता है। यह अंडे के निकलने को सुनिश्चित करता है। यह वह छोटी अवधि है, जब महिलाएं सबसे अधिक ऊर्जावान, जीवंत और सकारात्मक महसूस करती हैं।

अंडे के निकलने से ठीक पहले एस्ट्रोजन लेवल चरम पर होता है, जो ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन के बढ़ने का संकेत देता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

ल्यूटियल फेज (Luteal Phase)

यह ओव्यूलेशन के बाद का चरण है। यह अगली अवधि शुरू होने तक जारी रहता है। एक बार जब अंडा निकल जाता है तो वह फोलिक्ल जिसमें अंडा होता है, कॉर्पस ल्यूटियम में बदल जाता है। इस चरण के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन होता है। ल्यूटियल चरण में प्रोजेस्टेरोन का स्तर एक सप्ताह के आसपास चरम पर होता है। यदि एग फर्टाइल हो जाता है, तो प्रोजेस्टेरोन गर्भावस्था को सपोर्ट करता है। यह प्रक्रिया नहीं होने पर गर्भाशय की परत अगली अवधि के दौरान निकलने के लिए तैयार होने के लिए टूटने लगती है। यह चक्र हर बार दोहराया जाता है।

महिला शरीर में हार्मोन का महत्व (Hormone Importance)

महिला शरीर में फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन, एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन जैसे हार्मोन का स्राव महत्वपूर्ण है। ये महिला शरीर के हेल्दी फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (Follicular Stimulating Hormone)

यह स्वस्थ अंडे के निर्माण के लिए जिम्मेदार हार्मोन है। यह पिट्यूटरी ग्रंथि से निकलता है। यह पुरुष और महिला प्रजनन अंगों – अंडाशय और टेस्टीज के कामकाज को नियंत्रित करता है। किसी भी तरह की असामान्यता पुरुष या महिला में इनफर्टिलिटी का कारण बनती है।

एस्ट्रोजन (Estrogen)

यह एक महिला सेक्स हार्मोन है, जो यौवन को नियंत्रित करता है और हड्डियों को मजबूत करता है।

ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (Luteinising Hormone)

यह पिट्यूटरी ग्रंथि से सीक्रेट हुआ गोनैडोट्रॉफ़िक हार्मोन (role of hormones in period) है। यह ओव्यूलेशन चरण के बाद जारी होता है। चक्र के 14वें दिन ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन में वृद्धि होती है, जो अंडाशय से परिपक्व अंडा जारी करने के लिए उत्तेजित करता है। फिर हार्मोन प्रोजेस्टेरोन जारी करने के लिए कॉर्पस ल्यूटियम को उत्तेजित करता है जो बाद में भ्रूण की रक्षा के लिए जरूरी है।

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गोनैडोट्रॉफ़िक हार्मोन ओव्यूलेशन चरण के बाद जारी होता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

प्रोजेस्टेरोन (Progesterone)

प्रोजेस्टेरोन पीरियड (role of hormones in period) के दूसरे भाग में कॉर्पस ल्यूटियम से जारी होता है। यदि अंडा निषेचित हो जाता है, तो यह महिला के शरीर को गर्भधारण के लिए तैयार करता है। गर्भावस्था के दौरान यह भ्रूण के विकास में मदद करता है और प्रसव की तैयारी में पेल्विक दीवार की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है। हेल्दी लाइफ के लिए इन सभी हॉर्मोन का सीक्रेशन जरूरी है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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