बच्चों के लिए आने वाली है कोविड-19 की बिना इंजेक्शन वाली वैक्सीन, जानिए ये कैसे काम करेगी
भारत में अब तक 68 करोड़ से ज़्यादा लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। इसी बीच
भारत ने एक नई कोविड वैक्सीन को मंजूरी दी है, जो SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए डीएनए स्ट्रैंड का उपयोग करती है।
ZyCoV-D पहली डीएनए वैक्सीन है, जिसे भारतीय फार्मास्युटिकल फर्म ज़ाइडस केडिला (Zydus Cadila) द्वारा विकसित किया जा रहा है और इसका मुख्यालय अहमदाबाद में है। 20 अगस्त को, भारत के ड्रग रेगुलेटर ने 12 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन को अधिकृत किया। अभी तक कुल 28,000 लोगों पर इसका परीक्षण किया जा चुका है।
हैल्थ शॉट्स के इस लेख में आज हम आपको ZyCoV-D वैक्सीन से जुड़ी सभी जानकारियां देंगे और इसके सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
क्या है ZyCoV-D वैक्सीन
इस वैक्सीन को संयुक्त रूप से डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है, जिसने तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों में 66.66% की प्राथमिक प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया है। यह भारत का पहली COVID-19 वैक्सीन है, जिसका परीक्षण किशोर आबादी में किया गया था – जो कि 12-18-वर्ष के आयु वर्ग में थे।
ZyCoV-D, जिसे बिना इंजेक्शन के त्वचा में लगाया जाता है, नैदानिक परीक्षणों में कोविड-19 के खिलाफ 67% सुरक्षात्मक पाया गया है। हालांकि कई अन्य कोविड वैक्सीन की तुलना में इसकी प्रभावशीलता कम है। मगर, शोधकर्ताओं का कहना है कि यह पहली डीएनए वैक्सीन है और भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
कैसे काम करती है ZyCoV-D वैक्सीन
यह वैक्सीन डीएनए-प्लाज्मिड तकनीक पर आधारित है, जिसे नीडल फ्री इंजेक्शन (Needle-Free Injection) प्रणाली का उपयोग करके इस्तेमाल में लाया जाएगा। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि यह कमरे के तापमान में तीन महीने तक स्थिर रहती है।
एमआरएनए टीकों के विपरीत, डीएनए आधारित टीकों को अल्ट्रा-कोल्ड स्टोरेज सिस्टम की आवश्यकता नहीं होती है और इनकी लागत भी कम है।
Zydus का यह भी दावा है कि इसकी तकनीक कोविड-19 से निपटने के लिए आदर्श है क्योंकि इसे वायरस में उत्परिवर्तन से निपटने के लिए आसानी से अनुकूलित किया जा सकता है।
आखिर कितनी प्रभावित है ZyCoV-D वैक्सीन
परीक्षण के दौरान एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस टीके ने पहले किए गए अनुकूली चरण I / II नैदानिक परीक्षणों में पहले से ही मजबूत इम्युनोजेनेसिटी, सहनशीलता और सुरक्षा प्रोफाइल का प्रदर्शन किया था।
यह वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ काम करती है, क्योंकि देश भर में फैले 50 से अधिक क्लिनिकल साइटों पर इसके परीक्षण किए गए हैं। कोविड – 19 की दूसरी लहर के चरम के दौरान, विशेष रूप से नए म्यूटेशन के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावकारिता दिखाई गई है।
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कस्टमाइज़ करेंभारत में जल्द ही लगना शुरू हो सकती है नई डीएनए वैक्सीन
Zydus Cadila का कहना है कि परीक्षण अभी भी चल रहा है और यह शीघ्र ही प्रकाशन के लिए पूर्ण विश्लेषण प्रस्तुत करेगा। कंपनी का कहना है कि भारत में ZyCoV-D वैक्सीन
की पहली खुराक सितंबर में दी जाने लगेगी और उसकी अगले साल की शुरुआत तक 50 मिलियन खुराक का उत्पादन करने की योजना है।
हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि हम अभी भी सभी सावधानियों और गाइडलाइंस का पालन करें।
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