लॉग इन

यूके पीएम ऋषि सुनक करते हैं 36 घंटे की मोंक फास्टिंग, जानिए क्या है यह और कैसे की जाती है

यूके के पीएम ऋषि सुनक हर हफ्ते मोंक फास्टिंग करते हैं। चलिए जानते हैं एक पोषण विशेषज्ञ से 36 घंटे के उपवास के लाभ और दुष्प्रभाव क्या हैं।
ऋषि सुनक का उपवास प्रसिद्ध 5:2 डाइट के कठोर तरीके जैसा दिखता है। चित्र- अडोबी सटॉ
संध्या सिंह Published: 4 Feb 2024, 09:30 am IST
ऐप खोलें

सोमवार की सुबह दिन के तीनों समय का भोजन छोड़ने का विचार ही किसी को भी बेहोश कर सकता है या कुछ लोगों के लिए वीकेंड भर भर के खाने और चीट डे होते हैं। लेकिन अगर हम आपसे लंबे इंताजार के बाद आने वाले वीकंड पर 36 घंटे लंबे उपवास करने को कहें, तो यह हममें से अधिकांश के लिए असंभव हो सकता है। लेकिन ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक के लिए ये बहुत आसान है, जो देश को संभालते हुए भी यह कठिन उपवास करते हैं।

हाल ही में एक इंटरव्यू में, ऋषि सुनक ने खुलासा किया कि उन्होंने हर हफ्ते की शुरुआत में 36 घंटे का उपवास किया। इसे वे रविवार की शाम 5 बजे से शुरू करते हैं और मंगलवार सुबह 5 बजे तक जारी रखते हैं। इन 36 घंटों में वे केवल पानी, चाय या ब्लैक कॉफी का सेवन करते हैं।

क्या ऋषि सुनक का 36 घंटे की इंटरमिटेंट फास्टिंग स्वस्थ है?

विश्व स्तर के पोषण विशेषज्ञों के अनुसार, ऋषि सुनक का उपवास प्रसिद्ध 5:2 डाइट के कठोर तरीके जैसा दिखता है। इस प्रकार की इंटरमिटेंट फास्टिंग में प्रति सप्ताह पांच दिनों के लिए अपनी दिनचर्या के अनुसार सामान्य भोजन करना और फिर शेष दो दिनों के लिए अपने कैलोरी सेवन को 300-500 कैलोरी तक सीमित करना शामिल है।

मोंक फास्टिंग उपवास करने का एक बहुत कठिन तरीका है।

उपवास के इन दिनों के दौरान जिस न्यूनतम ऊर्जा की आवश्यकता होती है, वह कम कैलोरी वाले पेय पदार्थों और तरल पदार्थों से आती है। जब शरीर इतनी कैलोरी की कमी का सामना करता है, तो यह खुद को एनर्जी देने के लिए अपने वसा ऊतक भंडार को तोड़ना शुरू कर देता है, और इससे वजन कम हो सकता है। इसके अलावा, यह निरंतर चलने वाली पाचन क्रिया को आराम देने और स्वस्थ होने का एक आदर्श समय भी होता है।

इसके परिणाम हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। इसका पालन करने वाले लोगों को गैर-उपवास के दिनों में अपने भोजन के सेवन के प्रति सचेत रहना चाहिए।

सुनक ने बताया कि उन्हें मीठा खाना बहुत पसंद है, लेकिन इस प्रकार का उपवास हल्की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के साथ सावधानीपूर्वक खाने से अधिक प्रभावी होगा। इसके अलावा, उपवास के बाद तुरंत खाना नहीं खाना चाहिए।

पीएम ने अपने इंटरव्यू में बताया, “मुझे मीठा खाना बहुत पसंद है, इसलिए मैं सप्ताह के बाकी दिनों में खूब मीठी पेस्ट्री खाता हूं। मुझे अपना खाना बहुत पसंद है, मैं अपनी जिम्मेदारियों के कारण उतना व्यायाम नहीं कर पाता जितना पहले करता था। सप्ताह की शुरुआत में यह थोड़ा रीसेट और डिटॉक्स है।”

“ सभी की तरह, मैं भी अच्छे इरादों के साथ सप्ताह की शुरुआत करता हूं और फिर किसी बिंदु पर आप रियलिस्टिक होना चाहते हैं। मैं व्यस्त वीकेंड के बाद सोमवार को एक दिन उपवास रखने का प्रयास करता हूँ।”

क्या मोंक फास्टिंग सबके लिए है?

पोषण विशेषज्ञ कविता देवगन ने इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए कहती हैं, “मोंक फास्टिंग उपवास करने का एक बहुत कठिन तरीका है। यह हर किसी के लिए नहीं है। जब तक आपके पास उपवास के विभिन्न तरीकों को आजमाते समय उपवास की अच्छी समझ न हो, तब आपको यह बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

खासतौर से एक नौसिखिया के लिए 36 घंटे का यह कठिन उपवास परेशान करने वाला होगा। यदि आप पहले भी उपवास करते रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपका शरीर इस प्रकार के उपवास के लिए तैयार है। यह केवल इच्छाशक्ति रखने के बारे में नहीं है, बल्कि यह देखने के बारे में भी है कि आपका शरीर इसे पूरा करने के लिए तैयार है या नहीं,”

वजन बढ़ने से होने वाली समस्याओं से सतर्क रहने के लिए

बीएमआई चेक करें

यदि आप इस प्रकार के उपवास को आजमाने की योजना बना रहे हैं, तो इसके लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए –

व्रत से पहले (tips to follow before fasting)

उपवास से पहले, सुनिश्चित करें कि आप बहुत अधिक कैलोरी वाला भोजन लें। जिसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन और स्वस्थ वसा का अच्छा संयोजन हो। ताकि ऊर्जा धीमी गति से जारी हो और यह आपको थोड़े लंबे समय तक टिकने की एनर्जी प्रदान करे।

व्रत खोलते समय सही तरीका भी बेहद जरूरी है। चित्र- अडोबी स्टॉक

व्रत के बाद (things to do after fasting)

फास्ट खोलते समय सही तरीका भी बेहद जरूरी है। क्योंकि कुछ समय से, हमारा शरीर पाचन के लिए आवश्यक एंजाइम नहीं बना रहा है, इसलिए हमेशा आसानी से पचने योग्य भोजन खाकर अपना उपवास तोड़ें। यह आपके पाचन तंत्र को प्रक्रिया में वापस आने के लिए प्रेरित करेगा। अपनी पाचन प्रक्रिया को तेज करने के लिए आसानी से पचने योग्य भोजन को थोड़ी मात्रा में खाएं। आप सब्जी या खिचड़ी के साथ सूप ले सकते हैं।

मोंक फास्टिंग के फायदे (Monk fasting health benefits)

कविता देवगन कहती हैं “इस व्रत का लाभ अन्य प्रकार के व्रत से मिलता-जुलता है। यह पाचन को आराम देता है। किसी भी अन्य उपवास की तरह, मौंक फास्टिंग उपवास हमारी निरंतर पाचन प्रक्रिया को आराम देता है और अन्य अंगों को भी आराम देता है। यह आपकी प्रतिरक्षा का निर्माण करते हुए शरीर में सूजन को कम करता है। ”

आपके शरीर की मदद करने के अलावा, उपवास के कुछ आध्यात्मिक लाभ भी हैं। इसका मतलब है कि उपवास आपकी इच्छाशक्ति को बढ़ा सकता है, आपको अधिक अनुशासित व्यक्ति बना सकता है और आपको एक मजबूत निर्णय लेने वाला बना सकता है।

मोंक फास्टिंग के दुष्प्रभाव (monk fasting side effects)

अगर वजन घटाना आपका लक्ष्य है, तो हो सकता है कि यह उपवास आपको अच्छे तरीके से फायदा न पहुंचाए। “यदि आप इस तरह कम कैलोरी वाले पेय आहार पर रहते है, तो आपका शरीर अपनी सुरक्षा करने की कोशिश करता है। विशेषज्ञ कहते हैं, ”आपका शरीर मांसपेशियों या प्रोटीन को तोड़ते हुए वसा को जमा कर सकता है।” अन्य परेशानियों में बेचैनी, सिरदर्द, चक्कर आना, थकान और डिहाइड्रेशन हो सकता है।

इसके साथ ही, डायबिटीज, निम्न ब्लड प्रेशर, या रक्त शर्करा जैसी कुछ स्थितियों से पीड़ित लोग, या कुछ दवाएं लेने वाले लोगों को इस उपवास से अधिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

ये भी पढ़े- टाइफाइड के ठीक होने के बाद भी बनी रहती है कमजोरी, यहां जानिए इससे उबरने के उपाय

संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख