क्या सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस में भी आराम दिला सकता है योग? जवाब है ‘हां’, जानिए कैसे
क्या आपको लग रहा है कि लगातार काम करने से आपकी गर्दन अकड़ गई है? आप अपने तकिये को भी इसके लिए जिम्मेादार मान सकती हैं! पर हर बार ऐसा नहीं होता। कभी-कभी गर्दन में स्टिफनेस सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस का भी संकेत हो सकती है। पर घबराइए नहीं, आपको इसके लिए कॉलर नहीं पहनना होगा, क्योंकि योग में है इसका समाधान।
क्या है सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस
गर्दन पर कालर बांधे अक्सर लोगो को देखा जा सकता है। यह गर्दन मे होने वाले दर्द से बचने के लिए डाक्टरों की ओर से किया जाने वाला उपाय है। गर्दन में दर्द का इलाज योग में सदियो से बताया जा रहा है जिसके प्रयोग व अभ्यास करने से गर्दन की तकलीफ से मुक्ति मिल जाती है।
क्यों होता है सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस
योग गुरू गुलशन कुमार के अनुसार मांसपेशी में तनाव या गर्दन की हड्डियों मे बदलाव आने पर डिस्क प्रोलेप्स्ड 7० प्रतिशत, सरवाईकल 6 डिस्क को प्रभावित करता है जो सरवाईकल 7 पर प्रभाव डालता है।
इस विषय पर हड्डी रोग विशेषज्ञ मनोज चतुर्वेदी का मानना है कि यदि गर्दन के साथ-साथ दर्द कंधे व बांह में महसूस होता है, तो गर्दन के सी 4 व सी 5 मे विकृति एक्सरे रिपोर्ट में आती है। जब गर्दन, कंधे व एक भुजा व हाथ की अंगुलियों में दर्द महसूस हो, तो एक्सरे में सी 5 व सी 6 मे विकृति आती है।
ये हो सकते हैं गर्दन में दर्द के कारण
योगी गुलशन कुमार बताते हैं कि कभी-कभी गर्दन दर्द के प्रमुख कारण वाहन चलाते समय अचानक ब्रेक लगाने पर गर्दन पर जोर का झटका लगना या बाहय आघात लगना, ऑस्टियोपोरोसिस होना, नियमित गर्दन आगे झुकाकर काम करना , ऊंचा मोटा तकिया लगा कर सोना, भारी समान उठाने पर शारीरिक असन्तुलन आना आदि हो सकते हैं।
योग में है समाधान
योग चिकित्सा गर्दन के दर्द को मैनेज करने में मददगार है । यदि प्रारम्भिक अवस्था में गर्दन दर्द का निदान हो जाए, तो योग से गर्दन के स्नायु, पेशियों आदि की विकृति को सुधारा जा सकता है। जिससे गर्दन को पहले की तरह लचीला और फिट रखा जा सकता है।
ये योगासन हो सकते हैं मददगार
इनमे है ग्रीवा शक्ति विकासक, स्कन्ध चालन, भुजवल्ली शक्ति विकासक, भुंजगासन, धनुरासन व उष्ट्रासन का अभ्यास उपयोगी होता है। इसके अतिरिक्त रेचक पूरक प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम करे।
इसके अलावा ओम का बारम्बार उच्चारण आपका ध्यान दर्द से हटाकर मानसिक शांति देने में भी मददगार हो सकता है।
(एजेंसियों से प्राप्त इनपुट के साथ)