कैंसर के खतरे को भी कम करता है फिजिकली एक्टिव रहना, शोध कर रहे हैं दावा
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी है। मध्यम से तीव्र शारीरिक गतिविधि को जीवनशैली का हिस्सा बनाना चाहिए। मध्यम से तीव्र शारीरिक गतिविधि (Medium to high physical activity) ऐसा एक्सरसाइज है, जिससे पसीना आता है और दिल तेजी से धड़कता है। इसमें चलना, तैरना, साइकिल चलाना और दौड़ना भी शामिल है। इससे कई हृदय रोग और मधुमेह जैसी पुरानी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। हालिया शोध निष्कर्ष बताते हैं कि किसी भी प्रकार की फिजिकल एक्टिविटी से कैंसर के खतरे को कम करने में मदद मिल (physical activity and cancer risk) सकती है।
कैंसर के खतरे को कम करता है फिजिकली एक्टिव रहना (Physical Activity can reduce cancer risk)
शोध बताते हैं कि जो लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, उनमें कैंसर का खतरा कम होता है।
फेफड़े का कैंसर (Lung Cancer)
इंडियन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, स्मोकिंग और पैसिव स्मोकिंग के अलावा मोटापा भी लंग कैंसर में योगदान देता है। मोटापा फिजिकल एक्टिविटी नहीं करने के कारण होता है। नियमित रूप से फिजिकल एक्टिविटी करने वाले लोगों में फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना कम होती है।
आंत का कैंसर (Colon Cancer)
समय-समय पर हार्वर्ड हेल्थ द्वारा लोगों के बड़े समूहों पर किए गए अध्ययनों से यह पता चलता है। जो व्यक्ति नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, उनमें कोलन कैंसर (Colon Cancer) विकसित होने का जोखिम कम होता है। यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि व्यायाम स्वयं कैंसर के खतरे को कम कर रहा है। यह बात सामने आई है कि जो लोग नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, उनमें कोलन कैंसर का खतरा उन लोगों की तुलना में 40% से 50% कम होता है, जो नियमित रूप से एक्सरसाइज नहीं करते हैं। कुछ निष्कर्ष बताते हैं कि जो लोग पूरी जिंदगी सक्रिय रहते हैं, उनमें कोलन कैंसर का खतरा सबसे कम होता है।
स्तन कैंसर (Breast Cancer)
अमेरिकन ब्रेस्ट कैंसर एसोसिएशन के लंबे समय तक चले अध्ययन बताते हैं कि जो महिलाएं प्रति सप्ताह 3 घंटे से अधिक समय तक मध्यम से तेज गति तक व्यायाम करती हैं, उनमें स्तन कैंसर का खतरा 30% से 40% कम होता है। यह सभी महिलाओं पर लागू होता है। पारिवारिक हिस्ट्री या अन्य कारणों से स्तन कैंसर के खतरे की परवाह किए बिना वे ऐसा करती हैं।
गर्भाशय कैंसर (Uterine cancer)
असोसिएशन ऑफ़ अमेरिकन कैंसर इंस्टीट्यूट के शोध के अनुसार, एक्सरसाइज गर्भाशय कैंसर के जोखिम को कम करता है। गर्भाशय कैंसर के जोखिम पर रैंडम ट्रायल किया गया। इसमें कुछ प्रतिभागियों को प्रति सप्ताह 150 मिनट मध्यम या 75 मिनट हाई इंटेंसिटी वाली एरोबिक एक्टिविटी कराया गया। वहीं कुछ प्रतिभागियों को फिजिकल एक्टिविटी नहीं कराई गयी। इसमें पाया गया कि जिन प्रतिभागियों ने एरोबिक एक्टिविटी या माध्यम तीव्रता वाली एक्सरसाइज कम की, उनमें गर्भाशय कैंसर होने का जोखिम कम पाया गया।
कैंसर पर फिजिकल एक्टिविटी का प्रभाव (physical activity and cancer risk)
फिजिकल एक्टिविटी और कैंसर पर इसके प्रभावों पर बहुत सारे शोध चल रहे हैं। हाल के शोध बताते हैं कि हल्की गतिविधि भी स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकती है। हल्की गतिविधि वह है, जो आप बैठने या लेटने से बचने के लिए करते हैं। जर्नल ऑफ़ कैंसर इम्पैक्ट फैक्टर के अध्ययन के अनुसार गतिविधि स्तर जितना अधिक होगा, कैंसर का खतरा उतना ही कम होगा। यह स्पष्ट नहीं है कि जोखिम को कम करने के लिए एक विशिष्ट गतिविधि स्तर को पूरा किया जाना चाहिए या नहीं। किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन भर फिजिकल एक्टिविटी करना जरूरी है। पर किसी भी उम्र में एक्टिविटी स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकती है।
कैंसर प्रीवेंशन के लिए यहां हैं उपाय (cancer prevention Tips)
बचपन से ही फिजिकल एक्टिविटी और एक्सरसाइज करने की आदत डालनी चाहिए। बचपन के दौरान शुरू होने वाली शारीरिक गतिविधि का पैटर्न अक्सर एडल्ट एज तक चलता रहता है। बच्चों को दिन में कम से कम 60 मिनट तक मध्यम या जोरदार गतिविधि करनी चाहिए। प्रति सप्ताह कम से कम 3 दिन बच्चों और किशोरों को अत्यधिक सक्रिय रहना चाहिए।
फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाने के यहां हैं उपाय
इसके लिए यहां कुछ तरीके दिए गए हैं, जिनसे किसी भी बच्चे या व्यक्ति में फिजिकल एक्टिविटी को बढ़ाया जा सकता है :
टीवी देखने का समय कम करें
बच्चे वीडियो गेम खेलने का समय सीमित करें और बड़े मोबाइल पर एक्टिव रहने का समय घटाएं
कंप्यूटर का उपयोग और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग सीमित करें
खेल या फिटनेस गतिविधियों में भाग लें
स्कूल या घर पर सक्रिय रूप से खेलें, बड़े घर के छोटे-मोटे काम खुद करें
यह भी पढ़ें :- World Lung Cancer Day : पैसिव स्मोकिंग भी बन सकती है फेफड़ों के कैंसर का कारण, लंग्स हेल्थ के लिए जानिए कुछ जरूरी बातें