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चेहरे पर हुआ हर सफेद धब्बा विटिलिगो नहीं होता! एक्सपर्ट से जानें इस बारे में सब कुछ

सफेद धब्बों को लेकर अकसर यह संदेह रहता है कि यह विटिलिगो नामक त्वचा की एक बीमारी है। पर हर बार ऐसा नहीं होता।
जानिए क्या है चेहरे पर सफ़ेद धब्बों का कारण. चित्र : शटरस्टॉक
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बदलते मौसम, हॉर्मोन, धूल – मिट्टी और यूवी रेज़ की वजह से हमें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, खासकर त्वचा संबंधी समस्याओं का। आपने अक्सर देखा होगा कि कई लोगों के चेहरे या हाथों पर सफेद निशान बनने लगते हैं, जिनका रंग त्वचा से बिल्कुल अलग होता है। मगर ज़रूरी नहीं है कि ये एक तरह का त्वचा रोग हो जिसे विटिलिगो कहा जाता है। इस गलतफहमी की वजह से कई लोग डेरी उत्पादों का सेवन करना बंद कर देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ये इन सफेद धब्बों का कारण है, लेकिन ऐसा नहीं है। चेहरे या हाथ – पैरों पर बनने वाला हर सफेद धब्बा विटिलिगो नहीं है। आइए विटिलिगो से जुड़े कुछ मिथ्स (Myths about vitiligo) को आज तोड़ते हैं।

त्वचा में मेलेनिन की कमी से चेहरे के साथ-साथ शरीर पर भी सफेद धब्बे आ जाते हैं। यह सभी आयु वर्ग के रोगियों में बहुत कठिनाइयां पैदा कर सकते हैं। इतना ही नहीं कई लोगों में इसकी वजह से कॉन्फ़िडेंस की कमी हो सकती है, क्योंकि यह उनके लुक्स को प्रभावित करता है। मगर इसे विटिलिगो समझने की गलती न करें।

इसलिए इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन की सलाहकार त्वचा विशेषज्ञ, डॉ बनानी चौधरी, से बात की।

क्या है बच्चों में सफेद धब्बों का कारण

डॉ बनानी चौधरी बताती हैं कि ”शिशुओं और बच्चों में, पिट्रियासिस अल्बा नामक त्वचा की एलर्जी की समस्या हो जाती है, जिसके कारण चेहरे पर सफेद धब्बे भी हो जाते हैं। कई माता-पिता यह सोचकर अपने बच्चों को डेयरी उत्पाद और अंडे या कोई भी सफेद रंग का खाद्य पदार्थ देना बंद कर देते हैं कि उन्हें खाने से समस्या बढ़ जाएगी। मगर हकीकत में यह एक मिथ है।”

इसलिए माता-पिता को परामर्श देना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इन खाद्य पदार्थों से परहेज करने से उनके विकास चक्र और उनके मानसिक विकास में गंभीर बाधा आ सकती है।

स्किन प्रॉब्लम्स से आप परेशान हैं? चित्र : शटरस्‍टॉक

वयस्कों में व्हाइट स्पॉट्स के कारण

वयस्कों में सफेद धब्बे शुष्क त्वचा वाले क्षेत्रों और धूप के संपर्क में आने वाले क्षेत्रों पर आते हैं। आमतौर पर, ये त्वचा की समस्याएं विटिलिगो के विपरीत खुजली और जलन जैसे लक्षणों से जुड़ी होती हैं।

डॉ बनानी चौधरी बताती हैं कि ”पिट्रियासिस वर्सिकलर नामक एक आम त्वचा संक्रमण विशेष रूप से बच्चों और वयस्कों दोनों में शरीर पर हाइपरपिग्मेंटेशन पैच का कारण बन सकता है। जिन लोगों को बहुत पसीना आता है, उनमें ये पैच विकसित हो जाते हैं। ओरल एंटीफंगल और एंटीफंगल वॉश भी इस समस्या को ठीक करने में मदद करते हैं।”

अन्य किन कारणों से त्वचा पर हो जाते हैं सफेद धब्बे

त्वचा का रंग तब भी हल्का बादल जाता है जब त्वचा पर किसी भी प्रकार के दाने या सूजन हो जाती है। डॉ बनानी का कहना है कि – ”किसी चोट के निशान के ठीक हो जाने के बाद भी स्किन पर व्हाइट स्पॉट आ जाते हैं। इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। चूंकि त्वचा पर सूजन हो जाती है, त्वचा मेलेनिन को काफी नुकसान होता है और पिगमेंट कुछ दिनों के लिए हल्का हो जाता है। इस स्थिति को पोस्ट इंफ्लेमेटरी हाइपोपिगमेंटेशन कहा जाता है।

चलते – चलते

अंत में डॉ बनानी का कहना है कि – ”चेहरे या शरीर पर सभी सफेद धब्बे विटिलिगो नहीं होते हैं और चिकित्सक की सलाह के बिना खुद से दावा लेना या घरेलू उपचार नहीं करने चाहिए। नैदानिक परीक्षण के आधार पर सफेद धब्बे के मूल कारण का इलाज करना और सफल उपचार सफलतापूर्वक किया जा सकता है।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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