अपने बालों को समय से पहले सफेद होने से बचाना है, तो ये आयुर्वेदिक उपाय हो सकते हैं मददगार
चेहरे की सुंदरता में बाल अहम भूमिका निभाते हैं, लंबे घने और काले बालों से भारतीय सौंदर्य झलकता है। लेकिन जब बाल सफेद हो जाते हैं, तो इसका असर हमारे चेहरे के सौंदर्य पर भी पड़ता है। लोग सोचते हैं कि बाल सफेद होने का कारण उम्र का बढ़ना है। मगर सिर्फ यही बाल सफेद होने का एकमात्र कारण नहीं है।
आज के दौर में हो रही खानपान में लापरवाही और कई अन्य कारणों से छोटी उम्र के बच्चों में भी बाल सफेद होने की समस्याएं देखने को मिल रहीं हैं। मगर अच्छी बात यह है कि इस समस्या के इलाज और बचाव के लिए घर में ही कुछ नुस्खे मौजूद हैं, जो हमारी सहायता कर सकते हैं।
क्या है बाल सफेद होने का सामान्य कारण
सामान्य तौर पर जब हमारी उम्र बढ़ती है, तो हमारे शरीर में मेलानिन नामक तत्व कम बनने लगता है। जिससे 40-45 साल की उम्र तक पहुंचते धीरे-धीरे बालों का सफेद होना शुरू हो जाता है। अगर आप भी अपने बालों को प्राकृतिक तरीके से काला बनाए रखना चाहती हैं, तो हमारे साथ इस लेख को अंत तक पढ़ते रहें।
बालों की सफेदी पर क्या कहता है आयुर्वेद
आयुर्वेद में कहा गया है कि हमारे बालों के सफेद होने के पीछे का कारण पित्त दोष होता है। दरअसल मानव शरीर में वात, पित्त, एवं कफ दोषों के कारण ही अनेक रोग होते हैं। आज के समय में लगभग 75 फीसद लोगों के बाल उम्र से पहले ही पकने लगते हैं। इसके पीछे का कारण सिर्फ प्रदूषण ही नहीं, बल्कि गलत आहार और शरीर में पौषण की कमी भी है।
चलिए बालों के पकने के पीछे कुछ अहम कारणों की बात करते हैं
हमने आपको बेहतर समझाने के लिए बाल सफेद होने के कारणों को दो हिस्सों में बांटा है पहला सामान्य कारण और दूसरा अन्य कारण। पहले सामान्य कारणों की बात करते हैं।
आहार
गर्म या अधिक मसालेदार भोजन के अधिक सेवन से बाल पकने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इसमें, खट्टा तीखा नमक व अन्य कई मसाले शामिल है।
विहार
जो लोग निर्जला उपवास अधिक करते हैं उनके बाल पकने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। इसके अलावा ज्यादा मेहनत करना, रात में ज्यादा देर तक जागना, धूप में रहना या धूल में रहना भी बालों के समय से पहले सफेद होने का कारण है।
मानसिक तनाव
मानसिक तनाव भी बाल पकने के पीछे का एक मुख्य कारण है इसमें क्रोध, शोक वह डिप्रेशन जैसी बीमारियों से जूझ रहे व्यक्ति जल्दी बाल पकने के शिकार हो जाते हैं।
जेनेटिक्स
बाल जल्दी सफेद होने की समस्या पीढ़ी दर पीढ़ी भी हो सकती है। यह एक अनुवांशिक कारण है। उदाहरण के तौर पर यदि आप के सफेद बाल हैं, तो आपके बच्चे के भी जल्दी सफेद बाल होने की संभावना हो सकती है। ऐसी स्थिति में आापको अपने बच्चे के आहार पर बचपन से ही ध्यान देना चाहिए।
ये है बालों के सफेद होने की शारीरिक प्रक्रिया
- शरीर में जब कोशिकाएं मेलानिन को बनाना बंद कर देती हैं, तो बाल पकने की शुरुआत होने लगती है।
- विटामिन बी की कमी के कारण मेलानिन की प्रक्रिया बाधित होती है।
- सिर दर्द या सायनस जैसी बीमारी के कारण भी बाल सफेद हो जाते हैं।
- हरी सब्जियों व फलों का सेवन न करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिसके कारण समय से पहले सफेद बाल की परेशानी हो जाती है।
यहां हैं बालों को प्राकृतिक रूप से काला बनाए रखने के उपाय
तुलसी, आंवला और भंगरैया (Tulsi, Amla and bhangraiya )
आयुर्वेदिक उपचार के अनुसार तुलसी की पत्ती, आंवला, भंगरैया के पत्ते का रस का समान मात्रा में मिश्रण तैयार कर लें। इससे रोजाना अपने बालों में मसाज करें। इससे बाल काले और घने होते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंनींबू और आंवले का लेप ( Lemon and amla paste )
20 ग्राम आंवले का पाउडर, नींबू का रस और पानी को मिलाकर एक गाढ़ा लेप तैयार कर ले। इसलिए को हफ्ते में दो बार अपने सिर पर लगाएं और 2 घंटे बाद धो लें। यह उपाय आपके बालों को काला बनाए रखने में मदद करेगा।
लौंग और मेहंदी के पत्ते (Clove and Henna leaves)
यदि आपके बाल हल्के सफेद हो रहे हैं, तो लौंग और मेहंदी के पत्तों के इस्तेमाल से यह काले हो सकते हैं। साथ ही बालों को सफेद होने से रोक भी सकते हैं। इसके लिए आपको मेहंदी की पत्तियां और लौंग को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ पीस लेना है। अब इसे अपने बालों पर लगाना है।
गुड़हल, आंवला और तिल
आंवला, गुड़हल और तिल को बराबर मात्रा में लेकर पिछले अब इसमें थोड़ा नारियल का तेल मिलाएं और अपने बालों के स्कैल्प पर करीब 15-20 मिनट मसाज करें। यह आपके बालों को काला बनाए रखने में काफी सहायता करेगा।
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