आपकी ‘कुछ भी, कभी भी’ खा लेने की आदत आपको बना सकती है एसिडिटी का शिकार, कहते हैं गैस्ट्रोइंटेरोलॉजिस्ट
क्या आप अक्सर बिंज ईटिंग कर लेती हैं या अपने पसंदीदा स्नैक को खाने से पहले सोचती नहीं हैं? तो जान लें, आप एसिडिटी को निमंत्रण दे रही हैं।
बिंज ईटिंग का अर्थ है बिना नियंत्रण या हिसाब के खाते जाना। आपको लगेगा कि आप खुद को खाने से रोक नहीं पा रही हैं। ऐसा होने पर आप तब तक खाती रहती हैं जब तक पेट एकदम असहज रूप से भर ना जाये। जब आप भूखे न होने पर भी ढेर सारा भोजन कर लेती हैं तो एसिड रिफ्लक्स हो सकता है।
एसिड रिफ्लक्स तब होता है जब आपका लोअर ईसोफैगल स्फिंक्टर (LES) सही तरह से काम नहीं करता। LES असल मे पेट और इसोफैगस के बीच एक गोलाकार मांसपेशियों का समूह होता है। सामान्य तौर पर यह खाने को पेट में भेजते वक्त खुलता है और फिर बन्द हो जाता है ताकि पेट का एसिड इसोफैगस तक ना आये।
जब LES रिलैक्स होता है या कमजोर हो जाता है, तो एसिड इसोफैगस में चढ़ने लगता है और जलन होती है।
एसिड रिफ्लक्स के लक्षण हैं- सीने में जलन, पेट दर्द, गले मे दर्द, ब्लोटिंग, पेट खराब होना, नौजिया और गले में खटास महसूस होना।
एसीडिटी नियंत्रण के लिए खाने पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है
अगर आपको अक्सर एसिडिटी की शिकायत रहती है और आप बिंज ईटिंग करती रहती हैं, तो आप जान चुकी हैं दोषी कौन है। खुद को एसिडिटी से बचाने के लिए आप इन टिप्स का सहारा ले सकती हैं-
1. भूख मिटाने के लिए खाएं, लालच मिटाने के लिए नहीं
अपने आहार में ताजे फल, सब्जी और साबुत अनाज शामिल करें। क्रेविंग्स होने पर ढेर सारा पानी पिएं। फाइबर युक्त भोजन जैसे बीन्स, दाल और नट्स को आहार का हिस्सा बनाएं। इससे आपकी भूख नियंत्रित होगी।
2. अकेलेपन या बोरियत के कारण खाने से बचें
अगर आप इमोशनल ईटर हैं, तो घर पर जंक फूड लाकर रखने से बचें। आप जो फूड्स खाती हैं उन्हें नोट करें और यह भी लिखें कि उन्हें खाते वक्त आपको कैसा महसूस होता है। अपने इमोशनल ट्रिगर्स को भी नोट करें। इससे आपको अपनी क्रेविंग समझने और कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
3. समय से सोएं और उठें
अपनी नींद को नियमित रखें। समय से उठना और समय से सोना आपकी भावनाओं को नियंत्रित करने में सहायक है जिससे आप इमोशनल ईटिंग करने से बच जाती हैं। वहीं नहीं नींद कम लेने से आपको ज्यादा भूख लगती है।
अगर आपको सोने में समस्या होती है तो कोशिश करें कि आप ऐसी चीजों से दूर रहें जो आपकी नींद में बाधा डालते हैं। सोने से पहले टीवी देखना, गैजेट्स का प्रयोग या कैफीन का सेवन करने से बचें।
4. शारीरिक रूप से एक्टिव रहें
दैनिक रूप से एक्सरसाइज करें। स्विमिंग, डांसिंग, योग, रनिंग, एरोबिक्स और जॉगिंग जैसी एक्टविटी को अपने रूटीन में शामिल करें।
5. अपनी मील्स को पहले से प्लान करें
अपनी डाइट में हेल्दी फूड्स को शामिल करें। अपने पोर्शन के साइज पर भी ध्यान दें और ओवर ईट करने से बचें। कोशिश करें कि आप एक हेल्दी मील प्लान चुनें।
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कस्टमाइज़ करें6. खाने के तुरन्त बाद लेटे नहीं
खाने के तुरन्त बाद लेटने से बचें। खासकर रात को ओवर ईट ना करें, फ्रेश मिंट इत्यादि अवॉयड करें और थोड़ा-थोड़ा खाएं। रात को खाना अवॉइड करें।