Heart Health : हार्ट अटैक की दस्तक बढ़ा देते हैं ये 5 तरह के फूड्स, हेल्दी रहना है तो आज ही करें डाइट से बाहर
खानपान में कोताही बरतने से हृदय संबधी समस्याओं का जोखिम दिनों दिन बढ़ रहा है। कैलोरी कटिंग के साथ पोषण का उचित डोज़ शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकने में मदद करता है। दरअसल, सही मात्रा में पोषक तत्वों की प्राप्ति न होने और तला भुना खाना खाने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है, जो हार्ट को धीमी गति से नुकसान पहुंचाता है। इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हृदय गति बढ़ने की संभावना रहती हैं। जानते है, वो कौन से फूड्स है, जो हार्ट हेल्थ को नुकसान पहुंचाते हैं (worst foods for heart) ।
इस बारे में कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ वनिता अरोड़ा बताती हैं कि कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने हार्ट की आर्टरीज़ डैमेज होने लगती हैं और ब्लड सेल्स में ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा मात्रा में शुगर और सॉल्ट का इनटेक शरीर में हृदय संबधी समस्याओं का खतरा बढ़ा देता है। पैकड फूड और बाज़ार में मिलने वाले ड्रिंक्स में शुगर और सॉल्ट की मात्रा अधिक होती है। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में मक्खन का सेवन करने से न केवल मोटापा बढ़ता है बल्कि बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है। वहीं लंबे वक्त तक एक ही कुकिंग ऑयल की जगह बदल बदल कर तेल का प्रयोग करना चाहिए।
इन फूड्स से बढ़ता है हृदय संबधी समस्याओं का खतरा (Worst foods for heart health)
1 रेड मीट (Red Meat)
हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार रेड मीट में सेचुरेटिड फैट की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देता है। इसमें नमक और नाइट्राइट समेत कई प्रकार के प्रिज़र्वेटिव मिलाए जाते हैं। नियमित तौर पर इसका सेवन हृदय रोगों की संभावना को बढ़ा देता है। इसके अलावा रेड मीट के सेवन से गट बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। इससे रक्त में ट्राइमेथिलैमाइन एन ऑक्साइड का लेवल बढ़ने लगता है, जो स्ट्रोक के जोखिम का कारण साबित होता है।
2 मक्खन का ज्यादा सेवन (Overuse of butter)
मक्खन में सेचुरेटिड और ट्रांस फैट उच्च मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में कैलोरीज़ को बढ़ा देता है। इसके चलते एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है। हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार वे लोग, जिनके शरीर में हार्ट डिजीज हाई रिस्क है उन्हें 50 फीसदी कोलेस्ट्रॉल कम करना चाहिए। वहीं लेसर रिस्क वाले लोगों को शरीर में 30 फीसदी कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करनी चाहिए।
3 चीनी से भरपूर मिठाइयां (Sweets)
सर्दी के आगाज़ के साथ ही त्योहार के आगमन से लोग भरपूर मात्रा में मिठाइयों का सेवन करते हैं। इससे शरीर में शुगर इनटेक बढ़ जाता है, जो हार्ट हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है। इससे शरीर में सेचुरेटिड फैट बढ़ते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। एनआईएच के अनुसार अनियमित मीठे व्यंजनों का सेवन करने से शरीर में हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ जाता है, जो हृदय को नुकसान पहुंचाता है।
4 पैक्ड फूड (Packed foods)
प्रिर्जेवेटिव्स से भरपूर पैक्ड फूड शरीर को कई प्रकार से नुकसान पहुंचाता है। हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के मुताबिक ज्यादा मात्रा में पैक्ड फूड यानि पिज्जा, बर्गर और पेय पदार्थों का सेवन करने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है और कैलोरी इनटेक भी बढ़ जाता है, जो शरीर में मोटापे की समस्या को भी बढ़ा देता है।
5 शुगरी ड्रिंक्स (Sugary Drinks)
जर्नल ऑफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार पेय पदार्थों में शुगर और प्रिजर्वेटिव की भरपूर मात्रा होती है, जिससे शरीर में कैलोरी इनटेक बढ़ता है और डायबिटीज़ का खतरा बढ़ने लगता है। रोज़ाना शुगरी ड्रिंक्स को अपनी डाइट में शामिल करने से आर्टरीज़ में ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है। इसके सेवन से एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ने लगता है।
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1 हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
रक्त वाहिकाओं में प्लाक के एकत्रित होने से शरीर में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ने लगती है। इससे सीने में दर्द, कमज़ोरी महसूस होना और चक्कर आने की संभावना रहती है।
2 हृदय गति का बढ़ना
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से ब्लड फ्लो नियमित गति से नहीं हो पाता है। इससे हार्ट पर प्रेशर बढ़ने लगता है, जिससे हृदय को खून के प्रवाह को नियमित करने में दिक्कत आती है। इससे हार्ट बीट बढ़ने लगती है।
3 पैरों में दर्द और ठण्ड महसूस होना
अगर पैरों में ठण्डक महसूस हो रही है, तो ये बैड कोलेस्ट्रॉल का एक मुख्य लक्षण है। ठण्ड के मौसम में लोग अक्सर इस संकेत को अवॉइड करने लगते हैं। शरीर में रक्त का प्रवाह बाधित होने से पैर ठण्डे पड़ जाते हैं। साथ ही आर्टिरीज ब्लॉक होने से पैरों का दर्द बढ़ने लगता है।
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कस्टमाइज़ करें4 स्किन टोन में बदलाव
रक्त का प्रवाह नियमित न होने से उसका असर स्किन टोन पर भी दिखने लगता है। रक्त कोशिकाओं को पूर्ण रूप से ऑक्सीजन की प्राप्ति न हो पाने से त्वचा का रंग गहरा होने लगता है। बैड कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से त्वचा पर प्रभाव नज़र आता है।
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