जब स्वस्थ आहार की बात आती है, तो सही तेल का चुनाव महत्वपूर्ण होता है। खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें डायबिटीज है। डायबिटीज के रोगियों को बहुत सोच-समझकर खाने-पीने की चीजें लेनी होती हैं। आइए कुछ ऐसे वेजिटेबल ऑयल (diabetic friendly cooking oils) के बारे में बात करते हैं, जो मधुमेह के रोगियों के लिए सुरक्षित है।
डायबिटीज को मैनेज करने के लिए कुकिंग ऑयल के महत्व को जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मदरहुड हॉस्पिटल्स, इंदौर की कंसल्टेंट-डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रूपश्री जायसवाल से बात की। उन्होंने इस बारे में विस्तार से बताया कि डायबिटिक मरीजों के लिए कौन-कौन सा कुकिंग ऑयल सबसे अच्छा है।
डॉ. रूपश्री कहती हैं, “खाने में सबसे महत्वपूर्ण सामग्री में से एक खाना पकाने का तेल है, खासकर मधुमेह जैसी बीमारी वाले लोगों के लिए। मधुमेह पीड़ितों को वसा सेवन पर नजर रखनी चाहिए।” हम यह पहले से जानते हैं कि सभी वसा अच्छे नहीं होते हैं। इसलिए हेल्दी और बैलेंस फूड पकाने लिए गुड फैट वाले तेल का प्रयोग जरूरी है।
अमेरिकी डायबिटीज एसोसिएशन इस बात पर जोर देता है कि जहां तक संभव हो ट्रांस फैट से बचने और सैचुरेटेड फैट की तुलना में अधिक मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट का सेवन करना चाहिए।
इसलिए डॉ. रूपश्री ने कुछ बेहतरीन खाना पकाने के तेल सूचीबद्ध किए हैं, जिनमें हेल्दी फैट होता है और डायबिटीज डाइट के हिस्से के रूप में इसका कम मात्रा में सेवन किया जा सकता है।
वर्जिन ओलिव ऑयल सलाद और चावल के मिश्रण के साथ कच्चा खाया जाता है। इसे गरम नहीं किया जाता है, जबकि पोमेस ऑलिव ऑयल खाना पकाने के माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें टायरोसोल नामक एक एंटीऑक्सिडेंट होता है। यह थेराप्यूटिक एजेंट के रूप में काम करता है। यह इंसुलिन रेसिस्टेंस को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके अलावा, इस तेल में सूजन-रोधी गुण होते हैं। इसकी हल्की स्थिरता के कारण यह मोटापे के जोखिम को भी कम करता है।
तिल का तेल भारतीय घरों में आसानी से उपलब्ध है। यह एक प्रसिद्ध तेल है, जो त्वचा और बालों को लाभ पहुंचा सकता है। तिल का तेल विटामिन ई और अन्य एंटीऑक्सिडेंट जैसे लिग्नांस और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है।
इसलिए यह मधुमेह के रोगी के लिए भी फायदेमंद होता है। यह ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में मदद करता है।
डॉ. रूपश्री कहती हैं, “दिल की सेहत के लिए सबसे सेहतमंद तेल राइस ब्रान ऑयल माना जाता है। इसमें बहुत सारे मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो डायबिटीज पेशेंट के लिए अच्छे होते हैं।” अमेरिकन जर्नल ऑफ मेडिसिन के एक शोध से पता चलता है। तिल के तेल और चावल की भूसी के तेल को एक साथ खाना पकाने के तेल के रूप में उपयोग करने से हाइपरग्लाइसेमिया कम हो सकता है और ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
एक अन्य तेल जिसका उपयोग मधुमेह रोगियों के लिए खाना पकाने के लिए किया जा सकता है, वह है मूंगफली का तेल। मूंगफली का तेल पॉलीअनसेचुरेटेड और मोनोअनसैचुरेटेड वसा से भरपूर होता है। जो खराब कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण रखने में मदद करता है। इसलिए मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए यह बहुत अच्छा है। इस पौष्टिक स्वाद वाले तेल में विटामिन ई के फायदे भी होते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंनारियल के तेल से त्वचा, बालों और संपूर्ण स्वास्थ्य को बहुत फायदा पहुंचता है। डाॅ. रूपश्री कहती हैं, “नारियल का तेल भूख को कम करता है। फैट को बेहतर तरीके से बर्न करता है। यह फैट घटाने और वजन प्रबंधन में भी मदद करता है।
यह शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है। यह हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखता है।” यह हेल्दी सैचुरेटेड फैट का एक स्रोत है, जो ब्लड शुगर लेवल को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद कर सकता है।
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