क्या आप मां बनने के लिए सचमुच तैयार हैं? इन 5 प्री-प्रेगनेंसी टेस्ट से से पता लगाएं
आप फैमिली को आगे बढ़ाना चाहती हैं, और कंसीव करने का सोच रही हैं, तो हेल्दी और कॉम्प्लिकेशन फ्री प्रेगनेंसी के लिए आपको प्रेगनेंसी के दौरान तो अपनी देखभाल करनी है, परंतु कंसीव करने के पहले भी आपको अपनी सेहत से जुड़ी उचित जानकारी होनी चाहिए। यह जानना बेहद महत्वपूर्ण है, कि आपका शरीर कंसीव करने के लिए पूरी तरह से स्वस्थ है या नहीं! यदि आप प्रेगनेंसी के पहले अपनी सेहत को नजरअंदाज करते हुए कंसीव कर लेती हैं, तो यह बाद में प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस का कारण बन सकता है। हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए कंसीव करने से पहले कुछ नियमित बॉडी चैकअप (Pre pregnancy test) जरूरी है, बेबी प्लेन करने के 1 से 2 महीने पहले आपको कुछ जरूरी जांच करवा लेना चाहिए।
डीपीयू प्राइवेट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल पिंपरी पुणे के आईवीएफ रिप्रोडक्शन एंड गायनेकोलॉजी डिपार्मेंट की सीनियर कंसल्टेंट और स्पेशलिस्ट डॉक्टर बुश्रा खान से बात की। डॉक्टर में कंसीव करने के पहले कुछ जरूरी बॉडी चेकअप करवाने की सलाह दि है, तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
कंसीव करने से पहले महिलाओं को जरूर करवानी चाहिए ये नियमित चेकअप (Pre pregnancy test)
सामान्य तौर पर, कंसीव करने की कोशिश करने से पहले, यहां कुछ फ्री प्रेगनेंसी टेस्ट और रूटिंग चेक अप के बारे में बताया गया है, तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
1. जनरल हेल्थ चेकअप (General Health Checkup)
भले ही आपको कंसीव करने के बाद कई बार डॉक्टर के पास जाना पड़े, फिर भी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) द्वारा कंसीव करने के पहले महिलाओं को कुछ सामान्य जांच करवाने की सलाह दी जाती है।
डॉक्टर निम्नलिखित बातों पर चर्चा कर सकते हैं:
वज़न और पोषण
व्यायाम और जीवनशैली की आदतें
वर्तमान दवाएं और सप्लीमेंट
मेंस्ट्रूअल साइकिल और मेडिकल हिस्ट्री
पहले की प्रेगनेंसी और परिणाम
क्रॉनिक हेल्थ कंडीशन और मैनेजमेंट
डॉक्टर आपकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरी जानकारी इकट्ठा करने के बाद ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट, पेल्विक एग्जामिनेशन और अन्य स्क्रीनिंग कर आपको यह सुनिश्चित करते हैं कि आप कंसीव करने के लिए तैयार है या नहीं।
2. वैक्सीनेशन स्टेटस चेक
सीडीसी रिकमेंड करता है कि कंसीव करने की प्लानिंग कर रही महिलाओं को आवश्यकतानुसार अपने सभी टीकाकरण, विशेष रूप से mumps, measles और rubella (एमएमआर) के टीके अपडेट कराने चाहिए। रूबेला गर्भावस्था के दौरान बहुत हानिकारक हो सकता है और यहां तक कि मिसकैरेज और बर्थ डिफेक्ट का कारण बन सकता है। यदि आप गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, तो यह पुष्टि करना महत्वपूर्ण है कि आपके टीकाकरण चालू हैं, ताकि आप उन बीमारियों से बच सकें जो आपकी प्रेगनेंसी या आपके बच्चे के लिए हानिकारक हो सकती हैं।
सुनिश्चित करें कि आपने ये सभी प्री प्रेगनेंसी वैक्सीनस लगवा लिए हैं:
Tdap (टेटनस, डिप्थीरिया और पर्टुसिस)
हेपेटाइटिस बी
MMR (mumps, measles और rubella)
चिकन पॉक्स
इंफ्लुएंजा
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंआपके पार्टनर को भी अपना वैक्सीनेशन रिपोर्ट देखना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि पार्टनर चिकनपॉक्स से संक्रमित हो जाता है, तो यदि आपने टीकाकरण नहीं कराया है तो वे इसे आप तक पहुंचा सकते हैं। और यदि उन्हें तीसरी तिमाही में या जन्म के निकट कोई बीमारी हो जाती है, तो आप एक नवजात शिशु को आपको अपने पार्टनर के संपर्क में नहीं आने देना होगा, क्योंकि नवजात शिशु की इम्युनिटी बेहद कमजोर होती है। सीडीसी MMR शॉट लेने के बाद कम से कम एक महीने तक कंसीव करने से बचने और रक्त परीक्षण के साथ प्रतिरक्षा की पुष्टि करने के बाद ही गर्भधारण करने की सलाह देती है।
3. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इनफेक्शन (एसटीआई) की जांच
अनट्रीटेड एसटीआई नकारात्मक गर्भावस्था और जन्म परिणामों से जुड़े होते हैं, जिनमें प्रीमेच्योर बर्थ, जन्म के समय बच्चे का कम वजन, संक्रमण और यहां तक कि भ्रूण की मृत्यु भी शामिल है। उदाहरण के लिए:
क्लैमाइडिया (chlamydia) को समय से पहले प्रसव, जन्म के समय कम वजन और आंख और फेफड़ों के संक्रमण से जोड़ा गया है।
गोनोरिया (Gonorrhea) के कारण मिसकैरेज, प्रीमेच्योर बर्थ और जन्म के समय बच्चे का वजन कम हो सकता है।
सिफलिस (syphilis) को समय से पहले जन्म के साथ-साथ स्टील बर्थ और बच्चे के मस्तिष्क, हृदय, त्वचा, आंखें, कान, दांत और हड्डियों सहित कई अंगों की समस्याओं से भी जोड़ा गया है।
4. जेनेटिक स्क्रीनिंग (Genetic screening)
गर्भवती होने पर आपके लिए विभिन्न प्रकार के आनुवंशिक परीक्षण उपलब्ध हो सकते हैं, लेकिन जो लोग कंसीव करने की आशा रखते हैं, उन्हें प्री प्रेगनेंसी टेस्ट के बारे में भी शिक्षित किया जाना चाहिए, ताकि वे इस बारे में सूचित निर्णय ले सकें कि उनके लिए सही विकल्प क्या है।
कंसीव करने से पहले स्क्रीनिंग से आपको इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) और प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग (पीजीटी) करने का विकल्प मिलता है, जो इम्प्लांटेशन से पहले एंब्रियो में जेनेटिक डिफेक्ट की पहचान करता है।
5. मेंटल हेल्थ चेकअप
जब आप कंसीव करने की प्लानिंग कर रही होती हैं, तो ऐसे में मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है, जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य। अप्रबंधित शारीरिक स्वास्थ्य स्थितियों की तरह, कुछ मानसिक स्वास्थ्य विकार भी हैं जिन्हें यदि उचित रूप से प्रबंधित न किया जाए तो प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशंस पैदा कर सकते हैं।