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पोस्‍ट कोविड चुनौतियां : आपके प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए जरूरी है कोविड रिकवरी के बाद भी आराम करना

भारतीय महिलाएं दोहरे तनाव में रहती हैं। कोरोना वायरस उन पर तनाव की बमबारी की तरह टूट पड़ा है। ऐसे में जब परिवार का सहयोग नहीं मिलता तो उनका प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य भी प्रभावित होने लगता है।
पीरियड्स डाल सकता है नींद में खलल। चित्र : शटरस्टॉक
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जब आप कोविड-19 से संक्रमित हुईं थीं, तो डॉक्‍टर ने आपको उचित आहार और दवाओं के साथ भरपूर आराम की सिफारिश की थी। यकीनन आपके आसपास के लोगों ने इस अवधि में पूरा सहयोग किया। मगर जैसे ही आप रिकवर हुईं, वह सहयोग रुके हुए बोझ की तरफ आप पर टूट पड़ा। और आप इन छूटे हुए कार्यों को पूरा करने में जुट गईं। पर क्‍या आप जानती हैं कि विशेषज्ञ आपको कोविड रिकवरी के बाद भी आराम करने की सलाह देते हैं। क्‍योंकि यह आपके प्रजनन स्‍वास्‍थ्‍य को लंबी अवधि तक प्रभावित कर सकता है।

क्‍या कहते हैं आंकड़ें

पिछले कुछ महीनों में, दुनिया भर में लोगों की बढ़ती संख्या का कहना है कि कोविड-19 विकसित होने के बाद, वे लंबे समय तक बीमार रहने की स्थिति का अनुभव कर रहे हैं, जिसे लोग अब ‘लॉन्ग कोविड’ के रूप में संदर्भित करते हैं।

संक्रमण के दौरान कई महिलाएं मिस्ड पीरियड्स, ठीक होने के बाद अनियमित चक्र, स्पॉटिंग, भारी प्रवाह, असामान्य रूप से लंबे पीरियड्स का अनुभव कर रही हैं। यह कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें महिलाओं ने महामारी के बीच अपने मासिक धर्म से संबंधित बताया है।

पोस्‍ट कोविड तनाव

इतने सारे लोगों को नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद भी, लक्षणों का अनुभव करने का कारण स्पष्ट नहीं हैं। मगर इसकी वजह से लंबे वक्त तक चलने वाला बुखार, सिर दर्द, कमज़ोरी जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। यहां तक कि कुछ महिलाओं का मानना है कि यह पीरियड्स को भी प्रभावित करता है!

महिलाओं का कहना है कि कोविड पॉजिटिव होने के बाद वे अनियमित पीरियड्स, रक्त में असामान्य थक्के या बिगड़े हुए प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) का भी अनुभव कर रही हैं।

तनाव आपके पीरियड्स में परिवर्तन ला सकता है. चित्र : शटरस्टॉक

तो आइये जानते हैं इस बात में कितनी सच्चाई है?

श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट की प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ और वरिष्ठ सलाहकार, डॉ रेणु गुप्ता का कहना है कि – ”लेट पीरियड्स या अनियमित प्रवाह अक्सर तनाव और चिंता से जुड़ा होता है। क्या यह एक कारण हो सकता है? तनाव का सीधा संबंध महिलाओं के मासिक धर्म के पैटर्न से होता है। इसका महिला हार्मोन, असमान चक्र, मासिक धर्म के दौरान दर्द, मूड स्विंग, अनावश्यक थकान आदि से बहुत कुछ लेना-देना है।

इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि महिलाएं इस तरह के अनुभवों की शिकायत कर रही हैं। साथ ही, महिलाओं को घर का काम और ऑफिस का काम एक साथ करने के लिए मजबूर किया जाता है, कई को तो घर पर भी मदद नहीं मिलती है। इसलिए, ऐसे वातावरण में उत्पन्न तनाव मासिक धर्म के पैटर्न को प्रभावित कर सकता है।”

कोविड – 19 और पीरियड्स

वैश्विक महिला स्वास्थ्य और न्यूयॉर्क शहर में एनवाईयू लैंगोन हेल्थ में प्रसूति और स्त्री रोग के सहायक प्रोफेसर, एमडी, निदेशक, तारा शिराजियन, कहती हैं कि – कोविड-19 होने की वजह से मासिक धर्म में परिवर्तन हो सकता है।

साथ ही “यदि आपको कोविड-19 होता है, तो यह शरीर पर तनाव और हाइपोथैलेमिक पिट्यूटरी एड्रेनल (HPA) अक्ष पर एक बड़ा तनाव है,” जो शरीर की केंद्रीय तनाव प्रतिक्रिया प्रणाली है। इसलिए, कोविड-19 पीरियड्स को भी प्रभावित कर सकता है।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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