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Autism Awareness Day : ऑटिज्म ग्रस्त 90 फीसदी बच्चों की देखभाल में बरती जाती है लापरवाही, जानिए उनकी परवरिश के लिए जरूरी टिप्स 

ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्ति के लिए सबसे जरूरी होता है उनकी अच्छी तरह केयर करना। यहां एक साइकोलोजिस्ट बता रही हैं कि ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर वाले व्यक्ति की देखभाल किस तरह की जाये।
आटिज्म जागरूकता दिवस का उद्देश्य ऑटिज्म से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करने की जरूरत पर जोर डालना है। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 1 Apr 2023, 18:30 pm IST
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कुछ लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते हैं। यहां तक कि दुखद घटना के बारे में जानकर भी उनके चेहरे पर किसी तरह का भाव नहीं आता। हमें यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि सामने वाला व्यक्ति मेंटल हेल्थ संबंधी किसी ख़ास डिसऑर्डर या विकार से पीड़ित हो सकता है। वह व्यक्ति मस्तिष्क के विकास से संबंधित स्थिति, जो ऑटिज्म या ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से पीड़ित हो सकता है। क्या है ऑटिज़्म (Autism spectrum disorder) और इससे पीड़ित व्यक्ति की देखभाल कैसे की जानी (how to care for autism child) चाहिए, आइए जानते हैं इस बारे में सब कुछ।

पीड़ित व्यक्ति की विशेष देखभाल की जरूरत

जानकारी के अभाव में 90 प्रतिशत मामलों में हम इस रोग को समझ ही नहीं पाते। इस विकार से पीड़ित व्यक्ति की विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है। इसके बारे में हेल्थ शॉट्स ने चाइल्ड डेवलपमेंट संस्था अनन्या की डायरेक्टर और सीनियर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. ईशा सिंह से बातचीत की। इस ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) के प्रति जागरुकता लाने के लिए हर वर्ष वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे  2 अप्रैल को मनाया जाता है।

आटिज्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day 2 April)

यूनाइटेड नेशन ने सर्वसम्मति से 2 अप्रैल को आटिज्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day) के रूप में मनाना शुरू किया। इसका उद्देश्य ऑटिज्म से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करने की जरूरत पर जोर डालना है। इससे उन्हें समाज के एक अभिन्न अंग और सार्थक जीवन जीने में मदद मिल सकेगी।

किस तरह की है यह समस्या 

मस्तिष्क के विकास से संबंधित यह एक ऐसी स्थिति है, जो इस बात को प्रभावित करती है कि एक व्यक्ति दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करता है। उसे सामाजिक संपर्क बनाने और संचार में समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इस विकार के कारण व्यक्ति का व्यवहार सीमित और दोहराव वाले पैटर्न का हो सकता है। ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर में स्पेक्ट्रम शब्द लक्षणों और गंभीरता की विस्तृत श्रृंखला की ओर संकेत करता है।

ऑटिज्म से पीड़ित लोगों की देखभाल कैसे करें (how to care for autism child)

डॉ. ईशा सिंह बताती हैं, ‘ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (Autism Spectrum Disorder) का प्रचलन हाल के वर्षों में बहुत अधिक बढ़ा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) का अनुमान है कि 50 में से लगभग 1 बच्चे में ए एस डी ASD  डायग्नूज़ किया जाता है। सबसे अधिक चिंताजनक बात यह है कि इन बच्चों को चिकित्सा के संदर्भ में समय पर सहायता और समर्थन नहीं मिल पाता है। चाहे ऑटिज्म से पीड़ित बच्चा हो या वयस्क, हमारे समाज में इसे लेकर बहुत सारे स्टिग्मा प्रचलित हैं।

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों और वयस्कों को इनका सामना करना पड़ता है। बहुत सारे मामलों में ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे और वयस्क बहुत होशियार और बुद्धिमान देखे जाते हैं। वे इस बात को अच्छी तरह समझते हैं कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है, लेकिन वे इसके खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त नहीं कर पाते हैं।

ऑटिज्म से पीड़ित बच्चा हो या वयस्क, हमारे समाज में इसे लेकर बहुत सारे स्टिग्मा प्रचलित हैं। चित्र : एडोबी स्टॉक

यहां हैं बच्चों की देखभाल के लिए डॉ. ईशा सिंह के बताये 4 टिप्स  (how to care for autism child)

1 पीड़ित व्यक्ति का सम्मान (Care) 

जब हम ऑटिज्म से पीड़ित किसी व्यक्ति से मिलते हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण होता है हमारा उनके प्रति किया जाने वाला व्यवहार। हम अपने हाव-भाव और बातों से यह दिखाते हैं कि वे हमसे अलग हैं। हमें समझना चाहिए कि वे भी हमारे समाज का हिस्सा हैं। हमें उनके प्रति भेदभाव प्रदर्शित करने को खत्म कर उनके प्रति सम्मान प्रकट करना और दिखाना भी चाहिए।

2 कम्युनिकेशन में मदद (support) 

ऑटिज्म से पीड़ित व्यक्ति संचार में संघर्ष कर सकते हैं। उनका कम्युनिकेशन कभी-कभी अजीब भी हो सकता है। हमें यह समझना चाहिए कि वे जानबूझकर ऐसा नहीं कर रहे हैं। दूसरों से मिलने पर वे स्वयं संघर्ष करने लग जाते हैं। इसलिए उन्हें और अधिक असहज बनाने की बजाय हमें उनका सपोर्ट करना चाहिए। उन्हें बढ़िया और वेलकम महसूस कराना चाहिए

3 प्रतिभा का सम्मान (Respect) 

ऑटिज़्म के कारण व्यक्ति समाज में पीछे नहीं होता है। समाज के रूप हम सभी उन्हें पीछे धकेलते हैं। अगर हम उनका रेस्पेक्ट और सपोर्ट करते हैं, तो वे किसी भी सामान्य व्यक्ति की तरह अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं

ऑटिस्टिक चाइल्ड की हर संभव मदद और केयर करें । चित्र : एडोबी स्टॉक

4 शुरुआत में थेरेपी की मदद (Therapy) 

जैसे ही घर-परिवार में किसी बच्चे या बड़े के ऑटिज़्म से पीड़ित होने की बात पता चले, उन्हें तुरंत साइकोलॉजिस्ट (ऑटिज्म का निवारण) से मिलवाना चाहिए। हालांकि अब तक ऑटिज़्म को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन साइकोथेरेपी कुछ हद तक उनकी मदद कर सकती है और वे लाइफ का आनंद ले सकते हैं।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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