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आपकी हार्ट हेल्थ के लिए भी घातक है शुगर का बढ़ना, एक्सपर्ट द्वारा बताए ये 5 टेस्ट कर सकते हैं आपकी मदद

क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज़ के कारण हृदय रोगों का जोखिम काफी बढ़ जाता है। इस लेख के माध्यम से जानें कैसे करनी है डायबिटीज के मरीजों को अपनी हार्ट हेल्थ की सुरक्षा।
शुगर की मॉनीटरिंग करना इसे कंट्रोल करने की दिशा में एक जरूरी कदम है। चित्र : शटरस्टॉक
Dr. Suhail Durani Updated: 20 Oct 2023, 09:48 am IST
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भारत में करीब 55 मिलियन लोग मधुमेह (Diabetes) रोगी हैं और 2030 तक यह आंकड़ा 80 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। मधुमेह को क्रोनिक और प्रोग्रेसिव विकार माना जाता है और यह शरीर में मधुमेह संबंधी अनेक किस्‍म की जटिलताओं का कारण बनता है। जिनमें कार्डियोवास्‍क्‍युलर (Cardiovascular) यानी हृदय रोग प्रमुख हैं। यह करीब एक-तिहाई मधुमेह रोगियों को अपना शिकार बनाता है। मधुमेह से ग्रस्‍त वयस्‍कों में हार्ट अटैक (Heart attack) और (Heart stroke) स्‍ट्रोक का खतरा 2 से 3 गुना बढ़ जाता है। साथ ही, यह मधुमेह रोगियों में मृत्‍यु और विकलांगता का कारण भी बनता है।

 क्‍या हो सकता है मधुमेह और हृदय रोगों के बीच संबंध?

शोध से संकेत मिलते हैं कि इन दोनों के बीच काफी गहरा संबंध है, क्‍योंकि दोनों ही विकार मोटापे, हाइ ब्‍लड प्रेशर, अधिक कलेस्‍ट्रॉल स्‍तर, शारीरिक व्‍यायाम के अभाव और अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल से जुड़े हैं। सच तो यह है कि डायबिटीज़ के कारण हृदय रोगों का जोखिम काफी बढ़ जाता है।

आखिर मधुमेह में हृदय किस प्रकार प्रभावित होता है?

मधुमेह का यदि सही ढंग से उपचार न किया जाए, तो यह शरीर की रक्‍त-वाहिकाओं (Blood vessels) में सूजन बढ़ाती है। जिसकी वजह से हृदय को होने वाले रक्‍तप्रवाह में बाधा आ सकती है। लंबे समय तक आर्टरीज़ में इस प्रकार सूजन बने रहने से कलेस्‍ट्रॉल और प्‍लाक बढ़ जाता है। इससे हृदय की नर्व्‍स को भी नुकसान पहुंचता है।

जितना ज्‍यादा समय तक किसी व्‍यक्ति में मधुमेह अनियंत्रित स्थिति में रहता है, उतना ही अधिक हृदय रोगों की आशंका बढ़ती है। यह भी जानना महत्‍वपूर्ण है कि ब्‍लड वैसल्‍स को भी अधिक कलेस्‍ट्रॉल (Blood fats) तथा हाइ ब्‍लड प्रेशर की वजह से नुकसान पहुंचता है।

कैसे करें हृदय रोगों की जांच :

यह हमेशा ध्‍यान रखें कि हृदय रोगों की जांच किसी एक टैस्‍ट से नहीं होती है। आपके स्‍वास्‍थ्‍य प्रदाता इसके लिए कई तरह के टैस्‍ट करते हैं। ताकि मरीज़ के ओवरऑल मैटाबॉलिक स्‍टेटस की पड़ताल की जा सके।

ब्लड टेस्ट की मदद से इसके बढ़े स्तर के बारे में जाना जा सकता है।चित्र: शटरस्टॉक

ब्‍लड टैस्‍ट:

खून की जांच से टोटल कलेस्‍ट्रॉल, एलडीएल कलेस्‍ट्रॉल (खराब कलेस्‍ट्रॉल), ट्रायग्लिसराइड्स, और HBA1c (शरीर में लंबे समय तक औसत ब्‍लड ग्‍लूकोज़ स्‍तर की बेहतर समझ पैदा करने के लिए) की जानकारी मिलती है।

इकोकार्डियोग्राम:

यह नॉन-इन्‍वेसिव टेस्‍ट है, जो हृदय की तस्‍वीरों के जरिए यह दिखाता है कि उसमें रक्‍त प्रवाह कैसा है।

इलैक्‍ट्रोकोर्डियाग्राम (ECG):

यह आपकी हृदयगति (Heart beat) की इलैक्ट्रिकल एक्टिविटी की माप करता है, जिससे किसी भी तरह की अनियमितता का पता चलता है। ईसीजी की मदद से डॉक्‍टर को यह पता चलता है कि क्‍या उस व्‍यक्ति के हृदय को काफी दबाव के साथ काम करना पड़ रहा है अथवा क्‍या उन्‍हें हाल में हार्ट अटैक आया है।

कार्डियाक सीटी स्‍कैन:

ये डायग्‍नॉसिक इमेजिंग टैस्‍ट कंप्‍यूटर की मदद से हार्ट की क्रॉस-सैक्‍शनल इमेज तैयार करते हैं। साथ ही कोरोनरी आर्टरीज़ (हृदय की मांसपेशियों को ऑक्‍सीजन से भरपूर रक्‍त की आपूर्ति करने वाली रक्‍तवाहिकाएं) में कैल्शियम के जमाव (प्‍लाक) का भी पता लगाते हैं।

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स्‍ट्रैस टैस्‍ट:

ये टेस्‍ट शारीरिक व्‍यायाम को लेकर आपके हृदय के रिस्‍पॉन्‍स का मूल्‍यांकन करते हैं।

यहां हैं हृदय स्वास्थ्य के लिए कुछ अच्छी टिप्स। चित्र: शटरस्टॉक

डायबिटिक हैं तो इस तरह करें अपने हृदय की सुरक्षा 

1. मधुमेह ग्रस्‍त व्‍यक्ति के हृदय की सुरक्षा के लिए ब्‍लड शूगर, ब्‍लड प्रेशर और कलेस्‍ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करना सबसे महत्‍वपूर्ण होता है।
2. खानपान: मधुमेह रोगी को ताजे फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, दालों, लीन प्रोटीन और कम वसायुक्‍त दूध के सेवन पर ध्‍यान देना चाहिए। साथ ही, उन्‍हें प्रोसैस्‍ड, शुगरयुक्‍त तथा फैटी फूड का सेवन भी सीमित मात्रा में करना चाहिए।
3. व्‍यायाम: अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सलाह है कि हर व्‍यक्ति को एक सप्‍ताह में कम से कम 150 मिनट सामान्‍य ऐरोबिक गतिविधियां या 75 मिनट तेज ऐरोबिक गतिविधियां करनी चाहिए।

सामान्‍य एरोबिक गतिविधियों में निम्‍न शामिल है:

तेज गति से चलना,  नाचना,  टेनिस, साइकिल चलाना।

तेज या सख्‍त एरोबिक गतिविधियों में निम्‍न शामिल है:

पहाड़‍ियों पर चढ़ाई (अपहिल हाइकिंग), दौड़ना, तेज रफ्तार से साइकिल चलाना, तैराकी।

मधुमेह रोगियों को संपूर्ण शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाली गतिविधियों, जैसे वेटलिफ्टिंग या पिलाटेस, सप्‍ताह में कम से कम दो बार करने का लक्ष्‍य रखना चाहिए।

4. दवा का सेवन:

अमेरिकन डायबिटीज़ एसोसिएशन द्वारा हाल में जारी निर्देशों के मुताबिक, टाइप 2 डायबि‍टीज़ रोगियों में हृदय रोगों का खतरार ज्‍यादा होता है, और उनके लिए मधुमेह की उन नई दवाओं के सेवन की सलाह दी जा सकती है, जिनसे हृदय रोगों और स्‍ट्रोक का जोखिम कम होता है। इन नई दवाओं में सोडियम-ग्‍लूकोज़ कोट्रांसपोर्टर 2 इंहिबिटर्स, जैसे कि एंपाग्‍लाइफ्लोज़‍िन, डेपाग्‍लाइफ्लोज़‍िन, या ग्‍लूकागोन-लाइनक पेप्‍टाइड 1 रिसेप्‍टर एगोनिस्‍ट्स, जैसे कि लाइराग्‍लूटाइड शामिल हैं। लेकिन इनका सेवन डॉक्‍टर की सलाह से ही करना चाहिए।

5. हेल्दी वेट बनाए रखें

शरीर का वज़न सामान्‍य रखें और यदि सामान्‍य से अधिक वज़न या मोटापे की समस्‍या हो तो वज़न घटाने पर ध्‍यान दें।

6.धूम्रपान छोड़ें 

धूम्रपान करने वाले लोगों को धूम्रपान का त्‍याग करने की सलाह देना भी महत्‍वपूर्ण है।

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Dr. Suhail Durani

Dr. Suhail Durani, Consultant, Endocrinology, Fortis Memorial Research Institute ...और पढ़ें

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