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अगर 20 से नीचे रखते हैं AC का टेम्पेरेचर, तो इन 3 स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रहें तैयार

एसी को ज्यादा न्यूनतम स्तर पर चलाने के कारण आपका रूम ज्यादा ठंडा हो जाता है और कम तापमान के कारण आपको तमाम तरह की समस्याएं भी हो सकतीं हैं।
20 से कम टेम्पेरेचर आपको तमाम स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दे सकता है। चित्र-अडोबीस्टॉक
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पूरे दिन हेल्दी डाइट और हेल्दी दिनचर्या फॉलो कर के आप रात में सोने के लिए अपने कमरे में दाखिल होते हैं, एसी का रिमोट उठाते हैं, एसी 16 डिग्री पर करते हैं और सो जाते है ? इस सवाल पर अगर आपका जवाब भी हां हैं, तो आप अपने स्वास्थ्य को खुद खराब कर रहें हैं और अपने शरीर को बीमार बना रहें हैं।

इसके साथ ही पूरे दिन की हुई तमाम हेल्दी चीज़ें भी एसी के कम टेम्पेरेचर के कारण होने वाली बीमारियों से बचाने में नाकाम सिद्ध हो सकती हैं।

इसके साथ ही एसी को ज्यादा न्यूनतम स्तर पर चलाने के कारण आपका रूम ज्यादा ठंडा हो जाता है और कम तापमान के कारण आपको तमाम तरह की समस्याएं भी हो सकतीं हैं।

हाल ही में सामने आई एक अध्ययन की रिपोर्ट में यह पता चला कि यदि रूम टेम्पेरेचर 20 से 24 डिग्री के बीच रहता हैं तो व्यक्ति की नींद में ज्यादा दखल नहीं पड़ता और उसे स्वास्थ्य समस्याएं भी नहीं होती हैं।

20 से 24 डिग्री है आइडियल टेम्पेरेचर

साइंस ऑफ टोटल एन्वायरमेंटल जर्नल के द्वारा की एक अध्ययन की रिपोर्ट में यह सामने आया है कि यदि रूम टेम्पेरेचर 20 से 24 डिग्री तक रहता है तो, व्यक्ति को सबसे अच्छी नींद आती हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस शोध को करने के लिए उन्हें 2 साल का लंबा समय लगा।

इस शोध में उन्होंने कुल 50 लोगों के स्लीपिंग पैटर्न को पर्यावरण सेंसर और रिफ्लेक्स सेंसर रिंग के जरिये एकत्रित किया और फिर उसका निष्कर्ष निकाला।

20 से 24 है आइडियल टेम्पेरेचर। चित्र- अडॉबीस्टॉक

शोधकर्ताओं ने बताया कि मॉनिटरिंग के दौरान उन्होंने यह पाया कि जैसे ही रूम टेम्पेरेचर 20 डिग्री से नीचे पहुँचता था, वैसे ही व्यक्ति के शरीर में हृदय गति तेज़ होना, नींद की गुणवत्ता में 5 से 10 प्रतिशत तक की कमी जैसी चीज़ें देखी गईं।

साथ ही शोधकर्ताओं ने बताया यदि रूम टेम्पेरेचर 20 से 25 डिग्री के बीच में रहता है तो व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई समस्या होने की उम्मीदें बहुत कम हैं।

जनरल ऑफ इंटरनल मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार साधारण व्यक्ति के शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है और यदि हम 20 डिग्री के नीचे के तापमान में 6 घंटों से ज्यादा रहते हैं तो, एसी कमरे की नमी को कम कर देता है, जिससे स्किन को नुकसान होता है और स्किन में मौजूद ऑयल निकलने लगता है। जिसके कारण चेहरे पर मुंहासे और समय से पहले झुर्रियां होने जैसे समस्याएं होने लगती हैं।

एसी में लंबे समय तक रहने में हो सकती है स्वास्थ्य समस्याएं

एक व्यक्ति को लंबे समय तक एसी (Air Conditioning) में रहने से कई स्वास्थ्य संबंधित नुकसान हो सकते हैं। ऐसे ही नुकसानों के बारे में बात करते हुए जनरल फिज़िशियन डॉ.परमजीत सिंह कहते हैं कि एयर कंडीशनिंग कोई बड़ी समस्या नहीं हैं, लेकिन कम टेम्पेरेचर में लंबे समय तक रहने के कारण कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

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1 हो सकते है एलर्जिक रिएक्शन

डॉ. सिंह बताते हैं कि एसी आमतौर पर कमरे के वातावरण से नमी को दूर करता है और ऐसा करते समय आपके शरीर से भी नमी बाहर निकलती है, जिसके कारण आपकी स्किन ड्राई होने लगती है और साथ ही साथ आपकी नेज़ल और म्यूकस के ड्राई होने की संभावना भी बढ़ जाती है और इससे एलर्जिक रीएक्शन बढ़ सकते है।

एसी के कम टेम्पेरेचर के कारण एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं । चित्र : शटरस्टॉक

2 ब्रीदिंग प्रॉब्लम्स

कई बार लंबे समय तक हम एसी में लगे फिल्टर्स को साफ़ नहीं करते, जिसके कारण उसमें धूल-मिट्टी के कण जमा होते रहते हैं और जब हम एसी चलाते हैं तो उन्हीं धूल-मिटटी के कड़ों के साथ हवा आती है, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती हैं।

3 आई प्रॉब्लम्स

एसी कमरे के मॉइश्चर को बाहर निकालने का काम करता है, जिसके कारण आपके शरीर से भी मॉइश्चर बाहर निकलता है और आपकी स्किन ड्राई होने लगती है। कमरे के अंदर की शुष्क हवा आपकी आंखो को भी प्रभावित कर सकती है और ड्राई आइज़ की समस्या को बढ़ा सकती है।

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कार्तिकेय हस्तिनापुरी

पिछले कई वर्षों से मीडिया में सक्रिय कार्तिकेय हेल्थ और वेलनेस पर गहन रिसर्च के साथ स्पेशल स्टोरीज करना पसंद करते हैं। इसके अलावा उन्हें घूमना, पढ़ना-लिखना और कुकिंग में नए एक्सपेरिमेंट करना पसंद है। जिंदगी में ये तीनों चीजें हैं, तो फिजिकल और मेंटल हेल्थ हमेशा बूस्ट रहती है, ऐसा उनका मानना है। ...और पढ़ें

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