बढ़ते तापमान के साथ बढ़ जाता है हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा, जानें बचाव के कुछ प्रभावी तरीके
गर्मी के मौसम में बढ़ता तापमान कई स्वास्थ्य समस्याओं को अपने साथ लेकर आता है। बढ़ते तापमान में बॉडी की हीट बढ़ जाती है, जिसकी वजह से शरीर में कई नकारात्मक बदलाव नजर आ सकते हैं। गर्मी का मौसम केवल हेयर फॉल और स्किन प्रॉब्लम तक ही सीमित नहीं रहता, तापमान के बढ़ने से हृदय स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। अधिक गर्मी आपके हार्ट को नुकसान पहुंचा सकती है। अब आपके मन में यह सवाल उठना उचित है कि आखिर ऐसा कैसे मुमकिन है! तो आज हम इस विषय पर चर्चा करेंगे की आखिर ऐसा क्यों होता है और जानेंगे हमें इस स्थिति में क्या करना चाहिए।
इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थ शॉर्ट्स ने डीपीयू सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, पिंपरी, पुणे के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख, डॉ. सुशील कुमार मालानी से सलाह ली। तो चलिए जानते हैं, इस पर क्या है डॉक्टर की राय (Heart health in summer)।
अत्यधिक गर्मी हृदय स्वास्थ्य पर कई नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, यहां कुछ संभावित प्रभाव दिए गए हैं (Heart health in summer):
1. डिहाईड्रेशन से बढ़ जाता है खतरा
डॉ. सुशील कुमार के अनुसार “तापमान बढ़ने से अत्यधिक पसीना आ सकता है और फ्लूड की हानि भी होती है, जिससे डिहाईड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। डिहाईड्रेशन से हृदय प्रणाली पर दबाव पड़ता है और हार्टबीट बढ़ सकती है, रक्त की मात्रा कम हो सकती है और ब्लड प्रेशर कम हो सकता है।”
2. गर्मी में होने वाली थकान
लंबे समय तक अत्यधिक गर्मी के संपर्क में रहने से थकान हो सकती है, जिसमें चक्कर आना, कमजोरी, सिरदर्द,
जी मचलना और तेज हार्टबीट जैसे लक्षण शामिल हैं। गर्मी की थकावट हृदय प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डालती है, जिसकी वजह से हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
3. हीट स्ट्रोक
गर्मी से संबंधित सबसे गंभीर बीमारी, हीट स्ट्रोक, कई बार जानलेवा हो सकती है। यह तब होता है जब शरीर का टेंपरेचर रेगुलेशन सिस्टम फेल हो जाता है, और शरीर का मुख्य तापमान खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है। हीट स्ट्रोक के कारण दिल की धड़कन तेज़ और अनियमित हो सकती है, जिससे दिल को संभावित नुकसान होता है। वहीं इस स्थिति में कार्डियक अरेस्ट भी हो सकता है।
हृदय स्वास्थ्य पर अत्यधिक गर्मी के नकारात्मक प्रभावों को रोकने के लिए, डॉक्टर ने निम्नलिखित उपाय सुझाए है:
1. हाइड्रेशन मेंटेन करने पर ध्यान दें
खुद को हाइड्रेटेड रखना है तो पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। इसके अलावा हाइड्रेटिंग फल एवं सब्जियों का सेवन कर सकती हैं। शराब और कैफीन से बचें या सीमित करें, क्योंकि ये ड्रिंक्स डिहाइड्रेशन में योगदान दे सकती हैं।
2. बॉडी टेंपरेचर मेंटेन रखें
यदि आप कहीं बाहर घूम रही हैं, या धूप के संपर्क में हैं, तो जैसे ही मौका मिले छांव में जा खड़ी हो जाएं। खासकर दिन के सबसे गर्म हिस्सों में। शरीर के तापमान को कम करने के लिए पंखे का उपयोग करें, वहीं ठंडे पानी से स्नान करें और ठंडी पट्टी का उपयोग करने से मदद मिलेगी।
3. पूरे शरीर के कपड़े पहनें
हिट को रिफ्लेक्ट करने और शरीर के चारों ओर एयर सर्कुलेशन को बढ़ावा देने के लिए ढीले-ढाले, हल्के और हल्के रंग के कपड़े पहनें।
4. दिनचर्या की सही प्लानिंग करें
दिन के सबसे गर्म घंटों के दौरान, आमतौर पर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच बाहरी गतिविधियों को सीमित करने का प्रयास करें। यदि धूप में निकालना बहुत जरूरी है, तो एक उचित समय के बाद छांव में खड़े हो ब्रेक जरूर लें।
5. खुद को सन प्रोटेक्शन दें
सूरज की किरणों के जोखिम को कम करने और अधिक गर्मी से बचने के लिए चौड़ी किनारी वाली टोपी, सनग्लासेस पहनें और साथ में सनस्क्रीन का उपयोग जरूर करें। यह सभी आपकी स्किन को गर्मी से प्रोटेक्ट करेंगे और बॉडी फंक्शंस को नॉर्मल रहने में मदद करेंगे।
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कस्टमाइज़ करें6. शरीर कमजोर है तो नियमित जांच करवाएं
वृद्ध वयस्क, या किसी पुरानी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति और दवाइयां लेने वाले लोग गर्मी से संबंधित जटिलताओं के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। ऐसे लोगों को अपने बॉडी टेंपरेचर को मेंटेन रखने पर ध्यान देना चाहिए, साथ ही साथ हाइड्रेशन मेंटेन करना भी जरूरी है। इसके अलावा यदि आपको कोई भी परेशानी होती है, तो फौरन जांच करवाएं। ऐसा करने से गर्मी आपके शरीर के ऊपर हावी नहीं हो पाएगी।
7. वार्निंग साइंस को नजरंदाज न करें
चक्कर आना, तेज़ हार्टबीट या अत्यधिक पसीना आने जैसे लक्षणों पर ध्यान दें। किसी ठंडी जगह पर आराम करें और यदि लक्षण बिगड़ जाएं या लंबे समय तक बने रहते हैं, तो चिकित्सकीय सहायता लें।
नोट: याद रखें कि यदि आप पहले से हृदय संबंधी समस्याओं से परेशान हैं, या किडनी, लीवर जैसे अन्य किसी भी प्रकार की शारीरिक बीमारी है, तो हीट मैनेजमेंट पर व्यक्तिगत सलाह के लिए अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर की सलाह लें।
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