लॉग इन

क्‍या आपकी छोटी बहन अर्ली प्‍यूबर्टी का सामना कर रहीं है? जानिए उसे कैसे संभालना है

परिवार एक महत्‍वपूर्ण ईकाई है। यहां आपको अपने छोटे भाई-बहनों की समस्‍या के बारे में भी पता चलता है। अगर आपकी छोटी बहन अर्ली प्‍यूबर्टी का सामना कर रहीं हैं, तो यह आपकी जिम्‍मेदारी है कि आप उसे शारीरिक और मानसिक समस्‍याओं को संभालना सिखाएं।
। चित्र: शटरस्टॉक
प्रेरणा मिश्रा Updated: 10 Dec 2020, 12:22 pm IST
ऐप खोलें

यह किसी के भी साथ हो सकता है। अर्ली प्‍यूबर्टी का सामना आपकी उस नाजुक सी छोटी बहन को भी करना पड़ सकता है, जो अभी तक आपको अपने होमवर्क या दोस्‍तों के बारे में बताया करती थी। यह भी सही है कि समय से पहले यौवन के लक्षण किसी के लिए भी शारीरिक और मानसिक दबाव पैदा कर सकते हैं। पर अगर आप अपनी छोटी बहन का साथ दें, तो उसके लिए इन्‍हें मैनेज करना ज्‍यादा आसान हो सकता है।

आंकड़े बताते हैं कि जिन किशोरों या किशोरियों में समय से पहले यौवन के लक्षण नजर आने लगते हैं, उनके आत्महत्या करने,खुद को नुकसान पहुंचाने का जोखिम औरों की तुलना में ज्‍यादा होता है। इसका जोखिम सबसे ज्‍यादा 12/13 वर्ष की आयु या उससे पहले वाले बच्चों में ज्‍यादा होता है।

क्या कहते है आंकड़े?

एक वर्ष की अवधि में 27% युवा किशोरों ने आत्महत्या के विचारों की सूचना दी और 15% ने आत्महत्या की। खुद को नुकसान पहुंचाने वालों में से, पांच में से एक (18%) ने चिंता या अवसाद की मनोवैज्ञानिक समस्याओं के लिए मदद मांगी थी।

जल्दी प्यूबर्टी होने पर क्या करें? चित्र: शटरस्‍टॉक

5,000 से अधिक लड़कों और लड़कियों के डेटा से पता चला कि अर्ली प्यूबर्टी 16 साल की उम्र में आत्म-नुकसान के लिए एक उच्च जोखिम बन कर उभरा है। पहले के अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग अर्ली प्यूबर्टी का अनुभव करते हैं, उनमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे अवसाद और लड़कियों में आत्महत्या का अधिक खतरा होता है। लेकिन ये अध्ययन बड़े पैमाने पर लड़कियों और लड़कों के संयोजन पर केंद्रित थे।

इसको रोकने का तरीका

ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता लीड लेखक एलिस्टर रॉबर्ट्स ने कहा, ” हमारा पहला अध्यनन यह है कि आखिर प्युबर्टी का समय आत्म-क्षति के समय के बीच संबंध क्या है।” इनके अनुसार अगर हम पता लगा लेते है कि आखिर प्यूबर्टी के दौरान बच्चे खुद को नुकसान क्यों पहुचां रहे है तो शायद हम इस बढ़ती समस्या को रोक पाएंगे।

क्‍यों जरूरी है इसे समझना

प्‍यूबर्टी बहुत सारे शारीरिक और मानसिक बदलावों का समय होता है। इसे समझना और संभालना बहुत जरूरी है।
यह अर्ली प्यूबर्टी पर किया गया पहला अध्ययन है। इसमें क्लीनिकों में लिए गए ऊंचाई माप आदि के आंकड़े इसतेमाल किए गए। पर यह उन बच्‍चों की सहायता की दिशा में सहयोग कर सकता है, जो इस तरह के मानसिक दबावों का सामना कर रहे हैं।

अर्ली प्‍यूबर्टी का सामना आपकी उस नाजुक सी छोटी बहन को भी करना पड़ सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

आप क्‍या कर सकती हैं

आपको सबसे पहले अपनी छोटी बहन को यह यकीन दिलाना है कि आप हर तरह से उसकी मदद के लिए तैयार हैं। और आपको तैयार रहना भी है।
वे उन बदलावों से समय पूर्व निकल रहीं हैं,‍ जिससे आप निकल चुकी हैं। अपने अनुभव से उन्‍हें इसके लिए तैयार करें।

बहनों के बीच काफी कुछ कॉमन होता है। शारीरिक संरचना और परेशानियां भी, इसलिए जिस तरह आप मदद कर पाएंगी कोई और नहीं कर पाएगा।
उन्‍हें पर्सनल हाइजीन के बारे में जरूर बताएं, यह इस समय सबसे ज्‍यादा जरूरी है।
अगर इस कारण वह किसी तरह का मानसिक दबाव महसूस कर रहीं है, तो उससे खुलकर बात करें।
उसके हर प्रश्‍न का समाधान किया जाना बहुत जरूरी है।
किसी भी तरह की जरूरत होने पर विशेषज्ञ से परामर्श दिलवाने में भी मदद करें।

प्रेरणा मिश्रा

हेल्‍दी फूड, एक्‍सरसाइज और कविता - मेरे ये तीन दोस्‍त मुझे तनाव से बचाए रखते हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख