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क्या बच्चों की सेहत के लिए सेफ हैं ग्लूकोज ड्रिंक्स? जानिए उन्हें गर्मियों में हाइड्रेटेड रखने का तरीका

बच्चों की स्कूल वॉटर बॉटल में भर कर देना हो या खेलते हुए उन्हें प्यास लगी हो, ज्यादातर महिलाएं ग्लूकोज ड्रिंक्स पर भरोसा करती हैं। पर क्या ये वास्तव में बच्चों के लिए सुरक्षित हैं?
डीहाईड्रेशन से बचने के लिए बच्चों को लिक्विड डाइट की आवश्यकता होती है। चित्र: अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 23 Oct 2023, 09:17 am IST
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जैसे. जैसे गर्मी बढ़ने लगती है, तो हर थोड़ी देरे में प्यास का अनुभव होता है। आमतौर पर बच्चे खेलने के दौरान कुछ पीने की इच्छा ज़ाहिर करते हैं। दरअसल, बच्चे डिहाइड्रेशन महसूस करने लगते हैं। समय पर पानी न मिल पाने के चलते वे थकान, ड्राई माउथ, पेल यूरिन और चक्कर आने की समस्या से दो चार होने लगते है (child hydration in summers) ।

मेडिसिन नेट के मुताबिक डीहाईड्रेशन से बचने के लिए बच्चों को लिक्विड डाइट और इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) जैसे सोडियम (sodium), पोटेशियम (Potassium) और क्लोराइड (chloride) की आवश्यकता होती है। गर्मी में बच्चे को सादे पानी के साथ साथ ऐसे पेय पदार्थ भी दें, जिनमें इलेक्ट्रोलाइट्स मौजूद होते हैं। ऐसे में ओआरएस (ORS) एक बेहतरीन समाधान है। वहीं बच्चों को कोल्ड ड्रिंक्स और शुगर कंटेंट से भरपूर ड्रिंक्स को पीने से बचें। साथ ही प्रिजर्वेटिव्स और हाई कौलोरी ड्रिंक्स को पीने से बच्चों में प्यास और भी बढ़ते लगती है। बच्चों को कोल्ड ड्रिंक की जगह नारियल पानी, लस्सी, फ्रूट जूस और नींबू पानी दे सकते हैं।

एक दिन में बच्चों को कितना पानी पीना चाहिए

1 से 3 साल के बच्चे को 4 कप
4 से 8 साल के बच्चे को 6 कप
9 से 13 साल के बच्चे को 8 कप
14 से 18 साल के बच्चे को 12 कप पानी पीना चाहिए।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर खुदको हाइड्रेटेड रखें। चित्र : एडोबी स्टॉक

क्या ग्लूकोज ड्रिंक्स आपके बच्चों को स्वस्थ रखते हैं

इस बारे में मनिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि ग्लूकोज़ हमारे शरीर के लिए ज़रूरी है। रोटी से भी हमें ग्लूकोज की प्राप्ति होती है। इस बात का ख्याल रखना ज़रूरी है कि आप किस उम्र में कितनी मात्रा ग्लूकोज़ ले रहे हैं। बच्चे दिनभर खेलकूद करते हैं। ऐसे में वो अगर ग्लूकोज़ पेय पदार्थ लेते हैं, तो इससे उन्हें इसटेंट एनर्जी मिलती है। एथलीटस के लिए ग्लूकोज़ ज़रूरी है और उन्हें आसानी से पच भी जाता है। ऐसे में गर्मी के मौसम में ग्लूकोज़ बच्चे पी सकते है। मगर निर्धारित मात्रा से ज्यादा नहीं।

क्या है शुगर की निर्धारित मात्रा

प्री मील बॉडी में शुगर लेवल 90-130 mg/dl होना चाहिए। पोस्ट मील यानि फूड इनटेक के 2 घंटे बाद सामान्य शुगर लेवल 140 mg/dl होना चाहिए। वहीं, बेडटाइम में ब्लड शुगर लेवल 90-150 mg/dl होना चाहिए। इसके अलावा 20 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में फास्टिंग के दौरान 100 mg/dl से कम होना चाहिए।

जानते हैं कि बच्चों को गर्मी में कैसे रखें हाइड्रेटिड

1. पानी पिलाएं

गर्मी के इस मौसम से निपटने के लिए बच्चे का वाटर इनटेक बढ़ाएं। हर 30 मिनट में बच्चे को पानी पिलाएं। अगर बच्चा सादा पानी पीने से कतराता है, तो आप उसमें ग्लूकोज़, नींबू और कोई शरबत मिलाकर पानी पिला सकते हैं। इसके अलावा बच्चों को अत्यधिक ठण्डा पानी पिलाने से बचें। उससे न केवल खांसी जुकाम का खतरा रहता है बल्कि स्पैटिंग भी बढ़ जाती है।

2. फलों और सब्जियों के रस का सेवन करवाएं

बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए उन्हें समर फ्रेंडली फूड खिलाएं। उनकी डाइट में खरबूजा, तरबूज, खीरा, बैरीज़, पाइन एप्पल और संतरे को किसी भर प्रकार से सम्मिलित कर दें। उन्हें आप जूस, स्मूदी या शेक के तौर पर पिलाना शुरू करें। इसमें मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स और बहुत से एंटीऑक्सीडेंटस शरीर के इम्यून सिस्टम का मज़बूत बनाएंगे। साथ गर्मियों में बच्चों का निर्जलीकरण से बचाने में भी सहायक साबित होंगे।

बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए उन्हें समर फ्रेंडली फूड्स का जूस पिलाएं। चित्र: अडोबी स्टॉक

3. नारियल पानी

पोषक तत्वों से भरपूर नारियल पानी बच्चे की सेहत का पूरी तरह से ख्याल रखता है। इसमें मिनरल्स, शुगर, प्रोटीन, फैट्सए इलेक्ट्रोलाइट्स और विटामिन पाए जाते हैं। इसमें पॉलीफेनॉल ऑक्सीडेज, पेरोक्सीडेज और कुछ अन्य एंजाइम होते हैं। इससे हमारे शरीर के हीमोग्लोबिन के स्तर में बढ़ोतरी होती है और शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। इससे बॉडी का तापमान नियंत्रित रहता है। साथ ही यूरिन इंफेक्शन से भी मुक्ति मिल जाती है। ये हमारी बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने का भी काम करता है। नारियल पानी में कैलोरीज़ कम होती है और पोटेशियम से भरपूर होता है। इससे हमारे शरीर को कब्ज से राहत मिलती है और पाचन में सहायता होती है।

4. सैलेड करें मील में एड

चाहे घर हो या स्कूल बच्चे को सैलेड बॉक्स तैयार करके दें। खाना खान से पहले बच्चा खीरा, ककड़ी, चुकंदर, टमाटर और लेटयूस को खा सकते हैं। डॉ अदिति के मुताबिक इससे बच्चे के शरीर में पानी की कमी का डर नहीं रहता है। फाइबर रिच फूड्स को खाने से पेट लंबे वक्त तक भरा हुआ भी रहता है। बच्चे को रोज़ाना एक जैसी आइटम्स को देने की जगह आप उसे कभी फ्रूट सैलेड से भी इंटरचेंज कर सकते हैं।

5. होममेड आइसक्रीम

प्रीर्जवेटिव्स और शुगर स्वीटनर्स से मुक्त आइसक्रीम को आप घर पर भी तैयार कर सकते हैं। बच्चों की हेल्थ के मुताबिक आप फलों और जूस को मिलाकर आइसक्रीम बना सकते हैं। इसके अलावा मैंगो पल्प और बैरीज़ से शेक्स तैयार करके उसे बच्चों को खिला सकते हैं। इससे बच्चे को न केवल वरायटी प्राप्त होगी बल्कि शरीर के लिए भी हेल्दी होगा। इसके अलावा फ्रूट कस्टर्ड को भी आप बच्चों को आइसक्रीम या पोपसिकल्स की फॉर्म में खिला सकते हैं।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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