अगर आइसक्रीम है आपकी मूड बूस्टर, तो ये 3 कारण बताते हैं कि क्यों आपको इस पर निर्भरता कम करनी चाहिए
जब आपका किसी से झगड़ा होता है, मूड खराब होता है या आप खुद को कूल करना चाहती हैं, तो यकीनन आप आइसक्रीम खाने का प्लान बनाती हैं। आइसक्रीम का एक छोटा सा कप या स्कूप आपको कई झंझटों से मुक्ति दिला देता है। पर क्या आप जानती हैं कि आपका ये मूड बूस्टिंग आइडिया अगर लगातार रिपीट हो, तो आपकी सेहत को कितना नुकसान पहुंचा सकता है! आइए जानते हैं।
हेल्थ शॉट्स के इस लेख में हम आइसक्रीम से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा करेंगे, जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी है:
अमेरिकन डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के एक शोध के अनुसार 65-92 ग्राम यानी 2 स्कूप वैनिला आइस क्रीम में
कैलोरीज – 140
टोटल फैट – 7 ग्राम
कोलेस्ट्रोल – 30 mg
प्रोटीन – 2 ग्राम
कार्ब्स – 17 ग्राम
चीनी – 14 ग्राम
ये न्यूट्रीएंट एक रेगुलर आइस क्रीम के हैं। जबकि एक प्रीमियम क्वालिटी की आइसक्रीम में इससे कही ज्यादा चीनी, कैलोरीज और वसा होती है। इसके अलावा, विभिन्न ब्रांड्स के न्यूट्रीएंट कंटेंट भी अलग होते हैं। ज्यादातर आइसक्रीम शुगर और कैलोरी में हाई होती हैं। जबकि पोषक तत्व बहुत कम।
यहां यह जानना भी दिलचस्प है, कि कम वसा वाले या बिना चीनी वाले उत्पादों को अक्सर स्वास्थ्यवर्धक के रूप में प्रचारित किया जाता है। पर इन विकल्पों में नियमित रूप से आइसक्रीम के बराबर कैलोरी हो सकती है।
3 खास कारण कि लगातार आइसक्रीम का सेवन आपकी सेहत के लिए क्यों हानिकारक है
1 इसमें चीनी की मात्रा ज्यादा होती है
किसी भी ब्रांड की आइसक्रीम में भरपूर मात्रा में चीनी होती है। ज़्यादातर आधा कप आइस क्रीम में 12 से 24 ग्राम चीनी होती है। अमेरिकन गवर्नमेंट की हेल्थ वेबसाइट के मुताबिक आपके शरीर में प्रतिदिन 2000 कैलोरीज जानी चाहिए। जिसमें 50 ग्राम तक चीनी खाना सही है।
अर्थात आइसक्रीम की एक या दो छोटी सर्विंग्स आपकी इस दैनिक सीमा को आसानी से पार कर सकती है। इसके साथ ही ज्यादा चीनी खाना ह्रदय रोग, मधुमेह और मोटापे के खतरे को बढ़ा देता है।
2 कैलोरीज में ज्यादा और पोषक तत्वों में कम
यदि आप कभी-कभार आइसक्रीम खाती हैं, तो आपको चिंता करने की ज़रुरत नहीं है। पर अगर आप सोच रहीं हैं कि मैंगो आइसक्रीम खाकर आप फलों को रिप्लेस कर सकती हैं, तो ये वाकई मूर्खता होगी।
असल में आइसक्रीम में कैलोरीज, फैट और चीनी की मात्रा बहुत अधिक होती है और फाइबर न के बराबर। जिससे यह वजन बढ़ाने के साथ ही आपके पाचन तंत्र को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
3 इसमें प्रिजर्वेटिव्स होते हैं
आइसक्रीम काफी प्रोसेस्ड होती हैं। स्वाद, खुशबू और रंगत जोड़ने के लिए इनमें आर्टिफिशियल फ्लेवर्स, रंग और अन्य रसायन मिलाए जाते हैं। ये अवयव आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंखाद्य और औषधि प्रशासन (Food and Drug Administration ,FDA) ने हाल ही में बेंज़ोफेनोन सहित सात आर्टिफीशियल फ्लेवर्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। क्योंकि ये कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। ये यौगिक आइसक्रीम और अन्य डेजर्ट में पाए जाते हैं।
तो अगर आपको आइसक्रीम खानी ही है, तो इन बातों का ध्यान रखें
आइसक्रीम खरीदते समय, इसके न्यूट्रीएंट और इंग्रीडिएंट्स लेबल को ध्यान से देखें। ज्यादातर नेचुरल सामग्री से बने उत्पादों को चुनें- जैसे कि क्रीम, दूध, कोको, और वैनिला बीन्स।
आइसक्रीम एक संतुलित आहार का हिस्सा हो सकती है, लेकिन इसके सेवन को कम करना महत्वपूर्ण है।
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