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स्तन कैंसर को पहचानने का पहला तरीका है सेल्फ एग्जामिनेशन, जानिए इसे कैसे करना है

स्तन कैंसर जागरुकता माह के अंतर्गत बार-बार ब्रेस्ट के सेल्फ एग्जामिनेशन की बात की जा रही है, पर क्या आप जानती हैं कि इसे करने का सही तरीका क्या है!
जानिए आप खुद कैसे कर सकती हैं अपनी ब्रेस्ट मसाज। चित्र शटरस्टॉक।
अंजलि कुमारी Published: 19 Oct 2022, 12:30 pm IST
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बढ़ते स्तन कैंसर के मामलों को देखते हुए इसे लेकर पूरी तरह जागरुक होने की जरूरत है। पर इसके लिए आपको बार-बार डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं है। ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन (Breast Self Examination) स्तन कैंसर को पहचानने का प्रारंभिक तरीका है। विशेषज्ञ भी 40 वर्ष के बाद हर महिला को ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन का सुझाव देते हैं। पर अगर आप नहीं जानतीं कि इसे कैसे करना है, तो आपकी मदद के लिए हेल्थ शॉट्स यहां हैं। इस लेख में एक एक्सपर्ट से जानिए कैसे करना है स्तनों का स्वनिरीक्षण।

हेल्थ शॉट्स ने ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के तरीकों को लेकर ऑरा क्लीनिक, गुडगांव की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रितु सेठी से बात की। वे मानती हैं कि स्तन कैंसर से बचाव का सबसे पहला तरीका सेल्फ एग्जामिनेशन ही है। इसके द्वारा आप समय रहते स्तन कैंसर की दस्तक को पहचान सकती हैं।

क्यों जरूरी है ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन

वहीं 40 की उम्र के बाद महिलाओं को ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन के साथ-साथ 2 साल में एक बार मैमोग्राफी भी करवानी चाहिए।

जाने क्यों जरूरी है ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन। चित्र शटरस्टॉक।

खुद को ब्रेस्ट कैंसर से दूर रखने में सबसे पहले आप अपनी मदद कर सकती हैं। हर महीने ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन करना इसका सबसे सरल रास्ता है। इसमें आप घर पर खुद से बिना किसी डॉक्टर के अपने ब्रेस्ट को एग्जामिन कर सकती हैं। आप अपने स्तन में हो रहे बदलाव को खुद अनुभव कर सकती हैं।

यदि आप ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों से वाकिफ हैं, तो आपको खुद ब खुद अपने स्तनों में हो रहे बदलाव का पता चल जाएगा। यदि कैंसर शुरुआती दौर में ही पकड़ा जाए तो आसानी से इसका इलाज किया जा सकता है।

ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना है जरूरी

यदि आप ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन करने का सोच रही हैं, तो ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां इकट्ठा कर लें। इनमें से सबसे जरूरी है ब्रेस्ट कैंसर में नजर आने वाले लक्षण। इसी के साथ स्तन कैंसर के दौरान ब्रेस्ट टिशु में होने वाले बदलाव के बारे में भी पढ़ें। क्योंकि जब आप सेल्फ एग्जामिनेशन करेंगी तो आपको यह पता होना चाहिए कि किस तरह के बदलाव ब्रेस्ट कैंसर की ओर संकेत देते हैं।

अब जानें किस तरह करना है ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन

1. दृश्य निरीक्षण (visual inspection)

अपनी सुविधा अनुसार पूरे महीने में से 1 दिन ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन के लिए चुन लें। इसके लिए आपको सबसे पहले ऊपरी शरीर पर से कपड़े हटा कर मिरर के सामने खड़े हो जाना है और अपने दोनों हाथों को सिर की तरफ पीछे की ओर ले जाएं। ऐसा करने के बाद अपने बूब्स के कलर और साइज को अच्छी तरह नोटिस करें और देखें कि क्या इनमें पहले से कुछ बदलाव आया है या नहीं।

फैमिली हिस्ट्री की जानकारी होना है जरूरी। चित्र : शटरस्टॉक

अपने निप्पल को ध्यान से देखें कि इस पर किसी तरह के स्केलिंग मार्क या रैशेज तो नजर नही आ रहे हैं। फिर देखें की बूब्स में डिंपल आ रहे हैं या नही।

2. शारीरिक जांच (physical examination)

फिजिकल एग्जामिनेशन में हम 3 तरह के मेथड का इस्तेमाल करते हैं : सर्कुलर मेथड, व्हील स्पोक्स मेथड, ग्रिड मेथड।

सर्कुलर मेथड

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बीच की तीनों उंगलियों को स्तन के बाहरी स्किन पर घूमते हुए हल्का सा दबाएं। अब अपने ब्रेस्ट स्किन के अंदर की टिशू को महसूस करें और देखें कि कहीं कोई बदलाव तो नहीं आ रहा। इस मेथड को करते हुए ध्यान से ब्रेस्ट के पूरे एरिया को कवर करें। वहीं दूसरे ब्रेस्ट के साथ भी ठीक ऐसा ही करें।

व्हील स्पोक्स मेथड

ठीक व्हील और स्पोक्स जैसे आपका स्तन भी पाई के आकार के सेक्शन्स में विभाजित होता है। अपनी उंगलियों के सपाट हिस्से को अपने बाएं स्तन में दबाएं। सबसे पहले निप्पल की ओर, फिर निप्पल से दूर जाएं। जब आप एक सेक्शन को पूरा कर लें, तो उंगलियों को स्तन के बाकी हिस्से में ले जाएं और इस प्रक्रिया को अपने पूरे स्तन के चारों ओर घुमाते हुए दोहराएं। अब दूसरे स्तन के साथ भी ऐसा ही करें।

बड़ी परेशानी है ब्रेस्ट कैंसर। चित्र शटरस्टॉक।

ग्रिड मेथड

ब्रेस्टबोन के पास, ब्रेस्ट के सबसे अंदर के भाग से शुरू करें। उंगलियों के सपाट हिस्सों के साथ, अपने स्तन को आराम से दबाते हुए नीचे की ओर ले जाएं। फिर अपनी उंगलियों को इस जगह से खिसकाएं और अपने स्तन को ऊपर, फिर नीचे, और इसी तरह आगे की ओर ले जाएं। जब तक कि पूरे ब्रेस्ट की जांच न हो जाए। अब अपने दूसरे ब्रेस्ट के साथ भी ऐसा ही करें।

3. शॉवर लेते समय

शॉवर में परीक्षण करना साबुन की वजह से आसान हो जाता है। त्वचा के गीले होने से आप स्तन की सतह पर गांठों को आसानी से महसूस कर सकती हैं।

जब आप शॉवर लेते हुए सीधी खड़ी होती हैं, तो स्तन के ऊपरी हिस्से में द्रव्यमान का पता लगाना आसान होता है। वहीं लेटते समय निचले हिस्से में द्रव्यमान अधिक आसानी से महसूस किया जा सकता है।

अपने बाएं हाथ को सिर के पीछे रखें और, दाहिने हाथ की दूसरी, तीसरी और चौथी उंगली से अपने ब्रेस्ट और आर्मपिट एरिया को नीचे की ओर प्रेस करें और देखें कि कहीं किसी प्रकार की थिकनेस गांठ और लम्प तो नहीं है।

किसी भी तरह की आशंका होने पर विशेषज्ञ से परामर्श करें। चित्र: शटरस्टॉक

4. लेट कर

जब आप लेटी रहती हैं, तो ब्रेस्ट टिशू चेस्ट वाल के साथ समान रूप से फैल जाते हैं। ऐसे में अपने दाहिने कंधे के नीचे एक तकिया रखें और अपने दाहिने हाथ को अपने सिर के पीछे रख लें। अब अपने बाएं हाथ का उपयोग करते हुए, अपनी उंगलियों को दाहिने स्तन के चारों घुमाते हुए ब्रेस्ट के पूरे एरिया को कवर करें।

ऐसे में बहुत ज्यादा दबाव न दें। निप्पल को निचोड़ कर देखें। साथ ही देखें कि किसी प्रकार का डिस्चार्ज या गाठें तो नहीं पड़ी हैं। फिर अपने बाएं स्तन के लिए इसे दोहराएं।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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