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हर मौसम में इम्‍युनिटी रखनी है मजबूत, तो एक्‍सपर्ट बता रहीं हैं आयुर्वेद के कुछ जरूरी नियम

आहार, व्‍यवहार और ऋतु परिवर्तन के साथ ही शरीर को कैसे हमेशा मजबूत बनाए रखना है, आयुर्वेद में इसका विस्‍तार से उल्‍लेख मिलता है। हमारी एक्‍सपर्ट आयुर्वेद के खजाने से आपके लिए कुछ आसान उपाय लेकर आई हैं।
आयुर्वेद के अनुसार“आत्मसात, अवशोषण और उन्मूलन की प्रक्रिया से भोजन पचता है। चित्र: शटरस्टॉक
Dr Mitali Dhanawade Published: 14 May 2021, 16:30 pm IST
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सेहत सबसे बड़ा धन है। अर्थव्‍यवस्‍था जब पटरी से उतर रही है, तब भी पूरी दुनिया सेहत के लिए दौड़ रही है। इससे यह साबित हो चुका है कि तरक्‍की की राह में अभी तक हम सेहत के प्रति लापरवाही कर रहे थे। सेहत को बचाना सिर्फ कोरोनावायरस से लड़ाई का ही हिस्‍सा नहीं है, बल्कि यह जीवन को सुंदर और रस पूर्ण तरीके से जीने का भी उपाय है। स्‍वास्‍थ्‍य है, तो ही जीवन की गरिमा भी है। आयुर्वेद में यही कहा गया है और बताए गए हैं वे जरूरी नियम जो आपको हर तरह के बदलाव का सामना करने के लिए तैयार करते हैं।

क्‍या कहता है आयुर्वेद

“स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणम् |
आतुरस्य विकार प्रशमनं च ||”

अर्थात, स्वस्थ (निरोगी) व्यक्ति का स्वास्थ्य बरकरार रखना! मतलब इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक शक्ति) अच्छी रखना यह आयुर्वेदा का मुख्य प्रयोजन है। उसके बाद आता है आतुर मतलब रोगी व्यक्ति का रोग या विकार दूर करना।

आयुर्वेद में आपकी रसोई के मसालों को ही औषधि माना गया है। चित्र: शटरस्‍टॉक

हर एक प्रकार की व्याधि या किसी भी विषाणु से बचने के लिए हमारी इम्यूनिटी मतलब रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होनी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात है।

इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में सालों पहले से ही दिनचर्या, ऋतुचर्या स्टोर, आहार विधि-विधान जैसी अनेक चीजें बताई गई हैं। जिनका उपयोग हम दैनंदिन जीवन में आजमा कर अपनी इम्यूनिटी को बेहतर बना सकते हैं।

इम्‍युनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए आयुर्वेद में बताए गए नियम

1) दिनचर्या

आयुर्वेद में कहा गया है ब्रह्मो मुहूर्त उत्तिष्ठे, मतलब सुबह जल्दी उठना, रात्रि जागरण न करना, दिन में ना सोना (ग्रीष्म ऋतु अपवाद) , ऐसी दिनचर्या का पालन हमेशा होना चाहिए।

2) अभ्यंग

“अभ्यंगम् आचरे नित्यम् स जराश्रमवातहा |
दृष्टिप्रसादपुष्टआयु: स्वप्नसुत्वकत्वदार्ढ्यकृत् ||”

नाभि में तेेल लगाने से आपके समग्र स्‍वास्‍थ्‍य को लाभ मिलता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

प्रतिदिन अभ्यंग (तेल से मसाज) करने से शरीर और मन को पुष्टि मिलती है। उसी तरह कर्ण (कान) , पैर और सिर तीनों ही अंगों को प्रतिदिन अभ्यंग करना लाभप्रद होता है।

3) योगाभ्यास

प्रतिदिन शरीर का योग्य व्यायाम होना यह योगाभ्यास से सिद्ध होगा। दिन भर में कम से कम 20 मिनट तक प्राणायाम, ओंकार, कपालभाति का अभ्‍यास करना बहुत ही आवश्यक है। वैसे ही गर्मी के मौसम में “शीतली क्रिया” बहुत ही लाभप्रद रहेगी।

इन सब चीजों से हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहने में मदद मिलती है, जिससे रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।

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इसके अलावा आयुर्वेद में कुछ ऐसे घरेलू नुस्‍खे भी बताए गए हैं, जो आपकी इम्‍युनिटी को प्राकृतिक तरीके से मजबूत बनाते हैं। आइए इन घरेलू औैर आसान नुस्‍खों पर एक नजर डालते हैं।

इम्‍युनिटी बढ़ाने वाले आयुर्वेद के घरेलू नुस्खे

1) गोल्डन मिल्क

प्रतिदिन सुबह दूध के साथ हल्दी का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ने में मदद होगी।

हल्दी वाला दूध के चमत्कारी फायदों के बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। चित्र-शटरस्टॉक।

2) काढ़ा या मसाला चाय

अदरक, काली मिर्च, तुलसी, दालचीनी, अश्वगंधा इम्‍युनिटी बढ़ाने वाली हर्ब्‍स हैं। इन सभी को 2 कप पानी में डालकर उन्हें अच्छे से उबाल कर कप में छान लें। इस काढ़े या इससे बनी चाय का दिन में 1-2 बार सेवन कर सकते हैं।

3) रसायन औषधि

आंवला को फल के रूप में या आंवला चूर्ण का सेवन करना आपके शरीर के लिए लाभप्रद होता है। आजकल आंवला कैंडी, जो खड़ी शक्कर में बनाई जाए वह भी एक अच्छा ऑप्शन होगा। खासतौर से बच्‍चे इसे खूब स्‍वाद से खाते हैं।

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Dr Mitali Dhanawade

Dr Mitali Dhanawade, Ayurveda consultant, Vedicure healthcare and wellness ...और पढ़ें

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