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Fatima shaikh epilepsy : एपिलेप्सी के बाद भी संभव है एक हेल्दी और हैप्पी जिंदगी, दंगल गर्ल बता रहीं हैं सीक्रेट

बॉलीवुड एक्ट्रेस फातिमा सना शेख, जो पहले दंगल की लीड एक्ट्रेस और अब निर्देशक मेघना गुलजार की 'सैम बहादुर' में इंदिरा गांधी की भूमिका निभाती नजर आएंगी, ने हाल ही में खुलासा किया कि वह एपिलेप्सी से पीड़ित हैं।
एपिलेप्सी के बाद भी संभव है एक हेल्दी और हैप्पी जिंदगी, दंगल गर्ल बता रहीं हैं सीक्रेट। चित्र : fatimasanashaikh / instagram
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नवंबर का महिलना एपिलेप्सी अवेयरनेस मंथ (epilepsy awareness month 2022) के रूप में मनाया जाता है। इस बीमराई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, फातिमा नें अपने पोस्ट और इंस्टा स्टोरी के माध्यम से अपनी एपिलेप्सी की जर्नी लोगों के साथ साझा की। साथ ही, उन्होनें एपिलेप्सी यानी मिर्गी के बारे में प्रचलित कई मिथ भो तोड़े और लोगों के सवालों का जवाब भी दिया और उनसे उनके अनुभवों के बारे में जाना।

कैसी रही फातिमा की एपिलेप्सी जर्नी

फातिमा नें बताया कि जब वह ‘दंगल’ के लिए प्रशिक्षण ले रही थीं, तब उन्हें इस बीमारी का पता चला था। वे 5 साल से इस समस्या से जूझ रही हैं, लेकिन अब उन्होनें इसे अपना लिया है और इसके साथ जीवन बिताना सीख गयी हैं। उन्होनें कई लाइफस्टाइल चेंजेस और एक्सरसाइज़ की मदद से अपने जीवन में काफी सुधार किया है जिससे उन्हें इससे लड़ने में मदद मिलती है।

चेन्नई के फोर्टिस मलार अस्पताल में मनोवैज्ञानिक, स्नेहा जॉर्ज के अनुसार एपिलेप्सी में अपनी मेंटल हेल्थ का भी ख्याल रखना ज़रूरी है। साथ ही, एक्सरसाइज़ करें और अपने पसंद की चीजों पर काम करें जैसे पढ़ना, लिखना, आदि।

यहां देखें उनका एपिलेप्सी से जुड़ी पोस्ट

अपनी पोस्ट के कैप्शन में, फातिमा ने बताई एपिलेप्सी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

क्या है एपिलेप्सी?

उन्होंने बताया कि – ”मिर्गी एक मस्तिष्क विकार है जो मस्तिष्क में रहने वाली तंत्रिका कोशिका गतिविधि में गड़बड़ी का कारण बनता है, जिसके कारण, दौरे पड़ने लगते हैं। इसके अलावा, मिर्गी किसी जेनेटिक विकार या मस्तिष्क पर लगी चोट के कारण हो सकता है, लेकिन अक्सर लोगों को इसका कारण पता नहीं होता है।

मेयो क्लीनिक के अनुसार मिर्गी मस्तिष्क में असामान्य गतिविधि के कारण होती है, दौरे आपके मस्तिष्क द्वारा निर्देशित किसी भी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।

जानिए क्या हो सकते हैं एपिलिप्सी के संकेत

नेशनल एपिलेप्सी अवेयरनेस मंथ (epilepsy awareness month) के उपलक्षय पर जानिए क्या हैं इसके कुछ आम लक्षण, ताकि आप इन समस्या को पहचान सकें और सही इलाज करवा सकें।

भ्रम होना
मांसपेशियों में अकड़न आना
हाथ और पैर का बेकाबू होना
जागरूकता की कमी या कुछ भी समझ न आना
डर, चिंता या देजा वु जैसे मनोवैज्ञानिक लक्षण

मिर्गी का दौरा पड़ते वक्त सही फर्स्ट एड मिलने से बहुत फ़र्क पड़ता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

एपिलेप्सी के बाद भी संभव है हेल्दी जिंदगी, यहां दिए गए हैं इसके लिए कुछ हेल्दी टिप्स

1 शारीरिक गतिविधि बनाए रखें

नियमित व्यायाम से मिर्गी के दौरों में सुधार होता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार सुरक्षित रूप से खेल खेलना आपके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा हो सकता है। मगर कुछ को किसी भी तरह की चोट से बचाएं।

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2 चोट के जोखिमों से बच कर रहें

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार – कई लोग एपिलेप्सी के साथ अपना पूरा जीवन बिता देते हैं, लेकिन कुछ को दौरे पड़ने की वजह से गंभीर चोट लग सकती है, जिससे वे मृत्यु के जोखिम में आ सकते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि चोट के जोखिमों से जितना हो सके बच कर रहें।

3 खानपान का रखें ध्यान

एपिलेप्सी में नियमित रूप से अपनी दवाएं लें। साथ ही, अपने खानपान का खास ख्याल रखें। उन फूड्स के बारे में जानें जो आपके ब्रेन और नर्वस सिस्टम को ठीक रखें और इसे मजबूती दें। आपके स्वास्थ्य के लिए – सबूत अनाज, नट्स, सीड्स, दही और ताज़े फल सब्जियां फायदेमंद हैं।

हाई शुगर वाले फूड्स लेने से बचें, नहीं तो इससे फिट्स ट्रिगर हो सकता है। साथ ही, आप प्रोसेस्ड और जंक फूड खाने से भी बचें। कैफीन और एल्कोहोल का सेवन न करें, यह आपके लिए घातक साबित हो सकता है।

4 डॉक्टर की सलाह से करें प्रेगनेंसी प्लान

एपिलेप्सी से पीड़ित कोई भी व्यक्ति अपनी सेक्सुअल लाइफ को वैसे ही एन्जॉय कर सकता है, जैसे कोई सामान्य व्यक्ति। सिर्फ इतना ही नहीं, अगर आप अपनी दवाओं और आहार का सही से पालन कर रहीं हैं, तो आप प्रेगनेंसी भी प्लान कर सकती हैं। पर इसके लिए जरूरी है कि अपने डॉक्टर से मशविरा करें।

यदि आप मिर्गी से पीड़ित हैं और गर्भवती होने की योजना बना रही हैं, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें। आप उन दिनों के दौरान खुद को कैसे सेफ रख सकती हैं इस बारे में जानें।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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