Nipple Discharge : प्रेगनेंसी या ब्रेस्टफीडिंग के बिना हो रहा है ब्रेस्ट से डिस्चार्ज, तो न करें इग्नोर
निप्पल डिस्चार्ज (Nipple Discharge) की शिकायत असामान्य और गंभीर है। प्रेगनेंसी (pregnancy), डिलीवरी (delivery) और ब्रेस्टफीडिंग (breastfeeding) के अलावा भी यदि आपके निपल्स से डिस्चार्ज (nipple discharge) हो रहा है, तो यह सामान्य नहीं है। यह गंभीर परेशानी का संकेत हो सकता है। इसलिए भूल कर भी इसे नजरअंदाज न करें और फौरन अपने डॉक्टर से इस विषय पर जरूरी सलाह लें।
हेल्थ शॉट्स ने निप्पल डिस्चार्ज से संबंधी जरूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए नोवा साउथएंड आईवीएफ एंड फर्टिलिटी नोएडा की कंसलटेंट और फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर पारुल गुप्ता खन्ना से बात की। डॉक्टर ने निप्पल डिस्चार्ज के कारण (causes of nipple discharge) बताते हुए इसे नजरअंदाज न करने की सलाह दी है। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से।
प्रेगनेंसी के अलावा ये कारण हो सकते हैं निप्पल डिस्चार्ज के लिए जिम्मेदार (Causes of Nipple Discharge)
1. कैंसर ग्रोथ
ब्रेस्ट से व्हाइट डिस्चार्ज और ब्लड युक्त फ्लूइड का बाहर आना उचित नहीं है। ब्रेस्टफीडिंग, डिलीवरी या प्रेगनेंसी के दौरान यदि व्हाइट/मिल्की डिस्चार्ज हो रहा है, तो यह नॉर्मल हो सकता है, परंतु इसके अलावा सामान्य दिनों में यदि किसी भी प्रकार का डिस्चार्ज नजर आए तो यह कैंसर सेल्स के ग्रोथ के लक्षण का संकेत हैं।
यदि किसी महिला को थायराइड है, और वे मेडिसिंस ले रही हैं, तो उनके पिट्यूटरी ग्लैंड में ट्यूमर बनने की संभावना होती है। जो बाद में ब्रेस्ट कैंसर सेल्स में बदल जाती है।
2. प्रोलेक्टिन हार्मोन का असंतुलित होना
शरीर में प्रोलेक्टिन हार्मोन के बढ़ने से निप्पल डिस्चार्ज हो सकता है। प्रोलेक्टिन इनफर्टिलिटी का एक सबसे बड़ा कारण है। प्रोलेक्टिन महिलाओं में ओवुलेशन को प्रभावित करता है, जिससे कि मेंस्ट्रूअल साइकिल पर नकारात्मक असर पड़ता है।
इस स्थिति को हाइपरप्रोलेक्टिनेमिया कहा जाता है। वहीं हाई प्रोलेक्टिन के बावजूद भी कुछ महिलाएं ओव्युलेट करती हैं, परंतु इसके बाद प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती। यह स्थिति असामान्य रूप से होने वाले निप्पल डिस्चार्ज का कारण बनती है।
3. कुछ दवाइयां भी हो सकती हैं इसके लिए जिम्मेदार
हाई ब्लड प्रेशर, एंटी डिप्रेसेंट, एंटीसायकोटिक और सेड़ाटिव्स जैसी दवाइयां प्रेगनेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के अलावा ब्रेस्ट डिस्चार्ज का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा ड्रग्स जैसे की कोकेन और गांजे के सेवन से निप्पल डिस्चार्ज का खतरा बढ़ जाता है।
ड्रग्स और मेडिसिंस बॉडी हॉर्मोन्स को प्रभावित करती हैं। इस स्थिति में प्रोलेक्टिन हार्मोन का उत्पादन बढ़ जाता है, जिसकी वजह से निप्पल डिस्चार्ज ट्रिगर हो सकता है।
4. ब्रेस्ट इन्फेक्शन
ब्रेस्ट इन्फेक्शन जैसे की ectasia की स्थिति में ब्रेस्ट में इन्फ्लेमेशन और पस भर जाता है। इस स्थिति में स्कार टिशु फॉर्म होने लगते हैं, जिससे कि आपका निप्पल अंदर की ओर नजर आता है। वहीं इन्फेक्शन की स्थिति में निप्पल और ब्रेस्ट में दर्द महसूस हो सकता है, साथ ही गाढ़ा और स्टिकी निप्पल डिस्चार्ज देखने को मिलता है।
जानें क्या है इससे बचाव का तरीका
1 सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन है जरूरी
यदि आप ब्रेस्ट डिसचार्ज की स्थिति से बचना चाहती हैं, तो कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। सबसे पहले आपको सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन संबंधी उचित जानकारी होनी चाहिए, ताकि समय-समय पर इसका आकलन कर आप ब्रेस्ट कैंसर सेल्स के ग्रोथ को रोक सके।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंपरिवार के किसी भी सदस्य को पास्ट में कैंसर हो चुका है, तो आपको अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। इसलिए उचित समय पर कैंसर की जांच के लिए मैनोग्राफी टेस्ट करवाते रहना चाहिए।
2 चेक करें थायराइड लेवल
इसके अलावा यदि आपको थायराइड की समस्या है, तो समय रहते इसका इलाज शुरू करवाएं। वहीं यदि थायराइड नहीं भी है, तो हर महिला को समय-समय पर इसकी जांच करवाती रहती चाहिए। थायराइड निकलने पर उचित समय पर दवाइयां ले और अपनी मर्जी से एसिडिटी या एंटी डिप्रेसेंट जैसी दवाइयां लेने से बचें। इन्हें लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।
3 हॉर्मोन संतुलन का ध्यान रखें
इसके अलावा आज के समय में महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन की स्थिति देखने को मिल रही है, ऐसे में इसे नजरअंदाज न करें और आवश्यक परहेज करने के साथ ही इन्हें संतुलित रखने के लिए जरूरी गतिविधियों में भाग लें। हार्मोनल असंतुलन के कारण ब्रेस्ट इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, जिसकी वजह से ब्रेस्ट डिस्चार्ज होता है।
4 किसी भी असामान्य स्थिति में विशेषज्ञ से संपर्क करें
इतना ही नहीं यदि निप्पल या ब्रेस्ट में किसी भी प्रकार की असामान्यता नजर आए, या खुजली, सूजन, दर्द जैसा अनुभव हो तो फौरन डॉक्टर से मिले। क्योंकि बचव हमेशा इलाज से अधिक प्रभावी और फायदेमंद होता है। बढ़ती उम्र के साथ या मेनोपॉज के आसपास के समय में ब्रेस्ट संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक होता है, जिसके लिए डॉक्टर की निगरानी में रहना जरूरी है।
यह भी पढ़ें: ये 5 संकेत बताते हैं की आपके शरीर में बढ़ गया है कोलेस्ट्रॉल का स्तर, भूलकर भी न करें इन्हें नजरअंदाज