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Cough : इन 5 कारणों से जल्दी ठीक नहीं हो पाती आपकी खांसी, इनसे बचना है जरूरी

कई बार खांसी तुरंत ठीक नहीं होती है। इसके पीछे हम खुद वजह हो सकते हैं। हम उन चीज़ों को अवॉयड नहीं कर पाते हैं, जिन्हें करने से खांसी ठीक हो सकती है। यहां हम एक्सपर्ट की बताई 5 बातों को जानते हैं, जिन्हें ध्यान में रखने पर खांसी छूट सकती है।
छाती में कफ के जमाव को कम करने में मदद करेंगे ये टिप्स। चित्र : एडॉबीस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 13 Dec 2023, 13:05 pm IST
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इन दिनों खांसी-सर्दी (cold and cough) का मौसम है। कई बार कई तरह के काढ़े का सेवन का सेवन करने के बावजूद खांसी छूटती नहीं है। यहां तक कि गार्गल और दवाओं का असर भी कम हो पाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि हम रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ बातों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। उनकी उपेक्षा कर जाते हैं। कुछ लोगों को तो गलत सलाह मिल जाती है। उनके बताये तरीकों का पालन करने पर खांसी और बदतर हो जाती है। आप या आपके परिवार के किसी सदस्य को यह समस्या हो सकती है। इसलिए खांसी को बिगड़ने से रोकने के लिए कुछ बातों पर ध्यान (avoid things for cough) देना जरूरी है।

यहां हैं एक्सपर्ट के बताये 5 बातें जो लगातार हो रही खांसी से राहत दिला सकते हैं (avoid 5 things for cough)

लगातार हो रही खांसी को ठीक करने के लिए कुछ बातों को अवॉयड करना जरूरी है।

1. ठंडे खाद्य पदार्थ खाने से बचें (Avoid Cold Food for cough)

होमियोपैथ एक्सपर्ट और डायटीशियन डॉ. प्रदीप नेगी बताते हैं, ‘खांसी होने के बावजूद हम आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक जैसे ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन कर लेते हैं। एलोपैथ में इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ठंडे खाद्य पदार्थ खांसी बढ़ा सकते हैं। आयुर्वेद मानता है कि ठंढे खाद्य पदार्थ कफ दोष को बढ़ा देते हैं। इसलिए सर्दी-खांसी के मरीज जब तक पूरी तरह से ठीक न हो जाएं, तब तक इनसे पूरी तरह परहेज करें। ठंडे पेय पदार्थ और खाद्य पदार्थ ब्रीदिंग लाइनिंग के सूखने का कारण बनते हैं। इससे यह संक्रमण के प्रति संवेदनशील हो जाता है। इसमें इरीटेशन के कारण खांसी शुरू हो जाती है।’

2 हिस्टामाइन वाले खाद्य पदार्थ न खाएं (Avoid Histamine for cough)

डॉ. प्रदीप नेगी बताते हैं, ‘जो व्यक्ति पहले से खांसी और सर्दी से पीड़ित है, उसे उन खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए जो हिस्टामाइन से भरपूर होते हैं। हिस्टामाइन शरीर की कुछ कोशिकाओं में पाया जाने वाला एक केमिकल है, जो एलर्जी के कई लक्षणों का कारण बनता है। जैसे नाक बहना या छींक आना। जब किसी व्यक्ति को किसी विशेष पदार्थ, जैसे कि भोजन या धूल, से एलर्जी होती है, तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से मान लेती है कि आमतौर पर यह हानिरहित पदार्थ वास्तव में शरीर के लिए हानिकारक है।
फर्मेंट किया हुआ सोया प्रोडक्ट जैसे टेम्पेह, मिसो, सोया सॉस हानिकारक हो सकते हैं। टमाटर, बैंगन, पालक, डिब्बाबंद नमकीन, डिब्बाबंद मछली, जैसे सार्डिन और ट्यूना भी एलर्जी के कारण बन सकते हैं। विनेगर और टोमैटो सौस भी हिस्टामाइन वाले खाद्य पदार्थ होते हैं।’

हिस्टामाइन से भरपूर  टोमैटो सॉस खांसी के लिए हानिकारक हो सकते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

3 तले हुए खाद्य पदार्थ (Avoid Fried food for cough)

तले हुए खाद्य पदार्थ प्रकृति में तैलीय होते हैं। तेल खांसी को ट्रिगर करने वाले कारक माने जाते हैं। गर्म तेल में खाद्य पदार्थों को तलने से एक्रोलिन नामक यौगिक उत्पन्न होता है। एक्रोलिन एलर्जी के रूप में कार्य करता है। यह गले में खुजली का कारण बनता है। यह खांसी को बढ़ा देता है। खांसी होने पर तले हुए खाद्य पदार्थों से बचने की सलाह दी जाती है।

4 कैफीन युक्त पेय पदार्थ (Avoid Caffeine for cough)

डॉ. प्रदीप नेगी के अनुसार, ‘ जिन लोगों को एसिडिटी और गैस्ट्रो इंटेस्टिनल प्रॉब्लम के कारण खांसी होती है, उन्हें कैफीन से बचना चाहिए। यह खांसी से अस्थायी राहत तो प्रदान कर देता है। वास्तव में यह एसोफेजियल स्फिंक्टर को ढीला कर देता है, जिससे अधिक एसिड एसोफैगस में प्रवाहित हो जाता है। इससे खांसी अधिक होने लगती है।’

जिन लोगों को एसिडिटी और गैस्ट्रो इंटेस्टिनल प्रॉब्लम के कारण खांसी होती है, उन्हें कैफीन से बचना चाहिए। चित्र:शटरस्टॉक

5 फ़्लैट सोने से बचें (Avoid sleeping flat for cough)

सोने की मुद्रा भी खांसी की वजह बन सकती है, खासकर यदि किसी व्यक्ति को बहुत अधिक खांसी हो रही है। जब आप पीठ के बल लेटती हैं, तो दिन भर में इकट्ठा होने वाला बहुत सारा बलगम और कफ गले में इरिटेशन पैदा कर सकता है। पारम्परिक चिकित्सा खांसी होने पर पीठ के बल लेटने की मनाही करता है।इसकी बजाय, करवट लेकर सोने से कफ जमा रहता है। रात में खांसी की समस्या नहीं होती है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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