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हृदय स्वास्थ्य के लिए भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है बारिश का मौसम, जानिए कैसा रखना है दिल का ख्याल

मौसम बदलने का प्रभाव मन और तन दोनों पर पड़ता है। इन दाेनों का ही असर आपके हृदय स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप बरसात के मौसम में हार्ट हेल्थ के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखें।
जब मौसम में बहुत तेज़ी से बदलाव आता है, तो वह हार्ट हेल्थ पर अधिक प्रभाव डालता है। शरीर तेजी से मौसम के साथ अनुकूल नहीं हो पाता। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 5 Jul 2023, 14:04 pm IST
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मौसम बदलने का प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। बेहिसाब गर्मी के बाद बरसात के मौसम (Rainy season) में वर्षा बूंदों की फुहार के साथ-साथ तेज बारिश भी होती है। इसका हमारे मन पर सकारात्मक प्रभाव (Monsoon Benefits on Mental Health) पड़ता है। डॉक्टर कहते हैं कि मौसम बदलने पर शरीर का विशेष ख्याल रखना चाहिए। खासकर अपने दिल का। यह हम वर्षों से जानते आये हैं कि ठंड का मौसम दिल के लिए जोखिम कारक है। पर क्या बारिश के मौसम का भी असर दिल पर पड़ता है? क्या बारिश के मौसम और हार्ट हेल्थ में कोई संबंध (Monsoon effect on heart health) है? आइए विस्तार से जानते हैं।

मौसम में उतार-चढ़ाव और दिल की सेहत (Heart Health) 

जेएएमए जर्नल में कार्डियोलॉजी (JAMA Journal) पर आधारित एक अध्ययन किया गया। इसमें स्वीडन के लगभग 275000 हार्ट प्रॉब्लम से पीड़ित लोगों पर स्टडी की गयी। इसमें मुख्य रूप से दिल पर मौसम के प्रभाव को जांचा गया। जिसके लिए 1998 से 2013 तक 15 साल की अवधि को कवर किया गया। आंकड़ों पर गहराई से नजर डालने पर पता चला कि मौसम में उतार-चढ़ाव हृदय स्वास्थ्य को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। हालांकि मौसमी बदलाव का असर 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले लोगों पर ज्यादा दिखाई दिया।

तेज हवा और धूप की कमी भी है जिम्मेदार (Strong wind and lack of Sunlight)

शून्य से नीचे तापमान वाले दिनों में दिल का दौरा पड़ने की सबसे अधिक घटनाएं होती हैं। जैसे-जैसे तापमान 40 डिग्री के करीब बढ़ा दिल का दौरा पड़ने की दर कम हो गई। लेकिन कम वायुमंडलीय दबाव और उससे जुड़ी हवा, बारिश और धूप की कमी से भी दिल के दौरे की संभावना अधिक देखी गयी। शोधकर्ताओं ने माना कि जब मौसम में बहुत तेज़ी से बदलाव आता है, तो वह हार्ट हेल्थ पर अधिक प्रभाव डालता है। शरीर तेजी से मौसम के साथ अनुकूल नहीं हो पाता।

दिल को स्वस्थ रख सकते हैं संतुलित आहार और सही जीवनशैली (Balanced Lifestyle for Heart Health in Rainy Season)

जर्नल ऑफ़ अमेरिकन हार्ट असोसिएशन (JAHA) की स्टडी के अनुसार, एशियाई देशों में बारिश के मौसम में गर्मी और उमस भी होती है। यह मौसम बैक्टीरिया और पैथोजेन के पनपने के लिए आदर्श है। इस समय सर्दी-खांसी का खतरा तो बढ़ता है। साथ ही वाटर बोर्न डिजीज (Waterborne Disease in Rainy Season) का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे बचाव के लिए बढ़िया जीवनशैली के साथ संतुलित आहार भी जरूरी है। इससे हार्ट प्रॉब्लम को रोका जा सकता है।

बरसात के मौसम में हार्ट हेल्थ के लिए फॉलो करने चाहिए ये जरूरी टिप्स (Tips for Heart Health in Rainy Season)

1 अधिक पानी की मात्रा वाले भोजन से बचना चाहिए (Avoid High Water Content Food in Sawan)

गर्मी के लिए हाई वाटर कंटेंट फ़ूड बढ़िया है। बारिश के दौरान चीजें बदल जाती हैं। टमाटर, खीरा, तरबूज़ और खरबूजा जैसे उच्च पानी वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। ये शरीर में सूजन (Inflammation Increases in Sawan) को बढ़ावा दे सकते हैं। बारिश के मौसम में वॉटर रिटेंशन को रोकने के लिए इमली और नीबू से भी दूर रहना चाहिए।

बारिश के मौसम में टमाटर, खीरा, तरबूज़ और खरबूजा जैसे उच्च पानी वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।चित्र : अडोबी स्टॉक

2 नमक का सेवन सीमित करें (Limit Salt Consumption in Sawan)

बारिश के मौसम में तले-छने खाद्य पदार्थ और स्ट्रीट फ़ूड विशेष रूप से लुभाते हैं। इन सभी खाद्य पदार्थों में भरपूर मात्रा में नमक डाला जाता है। बहुत अधिक नमक वाला भोजन खाने से रक्तचाप बढ़ सकता है। इसका हार्ट हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। दिल को स्वस्थ रखने के लिए बारिश में सोडियम और संतृप्त वसा (Sodium and Saturated Fat affect Heart Health) में उच्च आहार से दूर रहें

3 डेयरी उत्पाद कम मात्रा में खाएं (Dairy Product in Moderation)

हाई फैट वाले डेयरी उत्पाद को तो हर मौसम में अवॉयड करें। लजीज मिल्कशेक या छाछ का सेवन बारिश के मौसम में अधिक नहीं करना चाहिए। इनसे जल-जनित बीमारियां होने का खतरा रहता है

लजीज मिल्कशेक या छाछ का सेवन बारिश के मौसम में अधिक नहीं करना चाहिए। चित्र : अडोबी स्टॉक

4 मौसमी फल खाएं (Seasons Fruit in Rainy Season for Heart Health)

मौसमी फलों में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। कई मौसमी फल जैसे कि क्रैनबेरी, चेरी, शरीफा, नाशपाती, ड्रैगन फ्रूट खाएं। आहार में फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होनी चाहिए। फाइबर से भरपूर केले और पपीता का भी सेवन कर सकते हैं।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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