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उम्र के साथ कमजोर होने लगती हैं हड्डियां और जोड़, ये 7 पोषक तत्व रख सकते हैं इन्हें हेल्दी

उम्र के साथ हम सभी के लिए पोषण संबंधी आवश्यकताएं बदलती रहती हैं। जब हम इन बदली हुई आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं देते, तो शरीर कमजोर होने लगता है। यही वजह है कि जरूरी पोषक तत्वों की कमी ज्वाॅइंट पेन का कारण बनती है।
जोड़ों के दर्द से बचने के लिए इन सुपरफूड्स का सेवन करें। चित्र:शटरस्टॉक
Published by Sanchi Tiwari
Updated On: 2 Jan 2024, 01:07 pm IST

जोड़ों की समग्र सेहत पर पोषण का बहुत प्रभाव होता है। पोषण उन सभी चीजों के लिए बहुत जरूरी है जो उनका काम सुचारू करते हैं। चूंकि विटामिन और मिनरल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इसलिए एक संतुलित आहार मस्कुलोस्केलेटल डिस्कम्फर्ट (musculoskeletal discomfort) को दूर करने में कारगर साबित हो सकता है। वीगन, मेडिटेरेनियन और पारंपरिक आहार सहित खान-पान के विभिन्न तरीकों के अपने-अपने फायदे हैं। इन सभी में मौजूद पोषण अपनी तरह से जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में काम करता है। चलिए समझते हैं कैसे सही पोषण आपके जोड़ों (Nutrition for joint health) को स्वस्थ रखता है।

क्या है बोन और ज्वाॅइंट हेल्थ में पोषण की भूमिका (Nutrition effect on joint health)

ओमेगा-3, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी, जैतून का तेल, पैशन फ्रूट के छिलके का अर्क जैसे कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन से मस्कुलोस्केलेटल की दिक्कत को काफी कम किया जा सकता है। ये खाद्य पदार्थ अपने सूजनरोधी और जोड़ों को सहारा देने वाले गुणों के लिए भी जाने जाते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर ये सुपरफूड न केवल भोजन का स्वाद बेहतर बनाते हैं, बल्कि महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं। जो सामान्य रूप से जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।

सीधे शब्दों में कहें तो जोड़ों को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना आवश्यक है। इसका पूरा राज विभिन्न पोषक तत्वों को खान-पान में शामिल करना है, जो संपूर्ण रूप से लेने पर जोड़ों की मदद करते हैं और दर्द की आशंका को कम करते हैं। इससे खान-पान और जोड़ों की सेहत के महत्वपूर्ण संबंध का पता चलता है।

जड़ी-बूटियों और अन्य प्राकृतिक औषधियां जोड़ों की परेशानी को कम करने में मददगार हो सकती हैं। चित्र- शटरस्टॉक

बेहतर बोन एंड ज्वॉइंट हेल्थ के लिए अपने दैनिक आहार में इन पोषक तत्वों को शामिल करें (Nutrition for joint health)

1 कैल्शियम :

वयस्क शरीर में लगभग 1200 ग्राम कैल्शियम होता है, जिसका लगभग 99% कंकाल में मौजूद होता है। सही से हड्डी को तैयार होने के लिए 11 से 24 साल की उम्र के पुरुषों और महिलाओं के लिए 1200 मिलीग्राम/दिन कैल्शियम की सलाह दी जाती है। बढ़ती उम्र के साथ उपयुक्त बोन मिनरल डेन्सिटी बनाए रखने के लिए 1500 मिलीग्राम का सुझाव दिया जाता है।

डेयरी प्रोडक्ट या फूड कैल्शियम से भरपूर होते हैं। ये लैक्टोज, विटामिन डी और फॉस्फोरस जैसे अन्य पोषक तत्वों के साथ कैल्शियम का सबसे अच्छे स्रोत हैं, जो कैल्शियम को अवशोषित करने में मददगार हैं.

2 फॉस्फोरस :

यह बोन मिनरल का एक जरूरी अवयव है। शरीर में कुल फॉस्फोरस का लगभग 85% कंकाल में पाया जाता है। खाद्य आपूर्ति में फॉस्फोरस के प्रमुख स्रोत दूध, मांस, मछली और मुर्गी जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ हैं। आहार के जरिए मिलने वाला करीब 12% फॉस्फोरस अनाज से मिलता है, जबकि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का ज्यादा सेवन करने पर अतिरिक्त 20% से 30% फॉस्फोरस प्राप्त होता है।

3 प्रोटीन :

कुल मिलाकर, स्वस्थ जोड़ों के निर्माण में प्रोटीन की भूमिका विकास के लिए अमीनो एसिड और नाइट्रोजन का योगदान देना है। पर्याप्त प्रोटीन के बिना हड्डी और जोड़ का उपयुक्त गठन प्रभावित होता है। सल्फर युक्त अमीनो एसिड विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, जैसे नॉन इसेंशियल अमीनो एसिड सिस्टीन, जिससे सल्फर मिलता है।

4 विटामिन सी :

एस्कॉर्बिक एसिड कोलेजन सिंथेसिस को स्टिमुलेट करता है और एग्रेकेन सिंथेसिस को मामूली रूप से स्टिमुलेट करता है। यह स्किन , हेयर और इम्युनिटी के लिए भी एक जरूरी विटामिन है। इसलिए इसे अपने दैनिक आहार में बिल्कुल भी इग्नोर न करें।

5 विटामिन डी :

सामान्य हड्डी और कार्टिलेज मेटाबोलिज्म विटामिन डी की उपस्थिति पर निर्भर करता है। ऐसा देखा गया है कि विटामिन डी का चोंड्रोसाइट्स के द्वारा प्रोटीयोग्लाइकेन के सिंथेसिस पर सीधा असर होता है।

विटामिन डी जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। चित्र : अडोबीस्टॉक

6 विटामिन ई :

विटामिन ई चोंड्रोसाइट की वृद्धि को बढ़ा सकता है, रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीसीज के खिलाफ सुरक्षा प्रदान कर सकता है और ऑस्टियोआर्थराइटिस के विकास को नियंत्रित कर सकता है।

7 जिंक :

पुरुषों के लिए रोजाना 11 मिलीग्राम जिंक का सुझाव दिया जाता है, जबकि महिलाओं के लिए यह 8 मिलीग्राम है। शाकाहारियों को मांसाहारियों की तुलना में 50% अधिक जिंक की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि प्लांट सोर्सेज से जिंक का अवशोषण कम होता है। जिंक की कमी से ऑस्टियोआर्थराइटिस हो सकता है।

याद रखें 

सोच-समझकर आहार का चयन करने से हमें मस्कुलोस्केलेटल की दिक्कतों को रोकने और प्रबंधित करने की ताकत मिलती है। जिसके लिए एक ऐसी जीवन शैली की आवश्यकता है, जिसमें जोड़ों की दीर्घकालिक सेहत का ख्याल रखने के लिए पोषक तत्वों की अहम भूमिका हो।

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Sanchi Tiwari

Sanchi Tiwari is a skilled nutritionist with a strong academic background and two years of practical experience. She has MSC in Food Science and Nutrition from SNDT Women’s University Mumbai, which provided her with extensive knowledge, notably regarding Recommended Dietary Allowances (RDAs). Her compassionate approach and effective communication skills make her a valuable resource for individuals seeking to improve their health and well-being. ...और पढ़ें

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