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बार-बार जुकाम और खांसी कहीं एलर्जी का तो संकेत नहीं? जानिए बदलते मौसम में होने वाली एलर्जी के बारे में

बदलते मौसम में एलर्जी काफी कॉमन हैं और इन्हें इग्नोर करना आपकी बहुत बड़ी भूल हो सकती है। तो जानिए अलग - अलग तरह की एलर्जी के बारे में और उनसे बचने के उपाय।
जानिए मौसमी एलर्जी के बारे में। चित्र : शटरस्टॉक
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मौसम में बदलाव के कारण आपको कई तरह की एलर्जी घेर सकती हैं। ऐसे में कई अलग – अलग प्रकार की एलर्जी होती हैं, जो लोगों को परेशान करती हैं। इनके कई अलग – अलग तरह के लक्षण हो सकते हैं, जिनसे आपको इन्हें पहचानने में मदद मिल सकती है। एलर्जी कई प्रकार (Types of allergy) की होती है। कुछ एलर्जी मौसमी होती हैं (Seasonal allergy) और अन्य साल भर होती हैं। कुछ एलर्जी जीवन भर के लिए हो सकती है।

एलर्जी तब होती है जब आपके शरीर की इम्युनिटी (immunity) एक निश्चित पदार्थ को खतरे के रूप में देखती है। यह एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है। एलर्जी का कारण बनने वाले पदार्थ एलर्जेन कहलाते हैं। एलर्जी को रोकने के लिए एलर्जेन से बचना सबसे अच्छा तरीका है।

तो चलिये जानते हैं अलग – अलग तरह की एलर्जी के बारे में

1. इंसेक्ट एलर्जी

मधुमक्खियां, ततैया, और उड़ने वाली चींटियां सबसे आम डंक मारने वाले कीड़े हैं जो एलर्जी का कारण बनते हैं। इसके अलावा, बिना डंक वाले कीड़े भी एलर्जी का कारण बन सकते हैं। जिनमें से सबसे आम है तिलचट्टे और डस्ट माइट । इन दो कीड़ों से एलर्जी साल भर तक रह सकती है और अस्थमा का कारण बन सकती है।

2. लेटेक्स एलर्जी

लेटेक्स एलर्जी प्राकृतिक रबर लेटेक्स की वजह से होने वाला एलर्जिक रिएक्शन है। लेटेक्स एलर्जी दस्ताने, गुब्बारे, कंडोम और अन्य प्राकृतिक रबर उत्पादों में मौजूद लेटेक्स होता है। लेटेक्स से होने वाली एलर्जी, स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकती है।

3. मोल्ड एलर्जी

फफूंदी एक तरह का फंगस है। चूंकि फंगस घर के अंदर और बाहर कई जगहों पर उगते हैं, इसलिए इनसे एलर्जी की प्रतिक्रिया साल भर हो सकती है।

जानिए अलग – अलग तरह की एलर्जी के बारे में. चित्र : शटरस्टॉक

4. पैट एलर्जी

फर वाले पालतू जानवरों से एलर्जी होना आम है। आपके लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि कुत्ते या बिल्ली की नॉन एलर्जिक नस्ल मौजूद नहीं है।

5. पोलन एलर्जी

पोलन मौसमी एलर्जी के सबसे आम ट्रिगर्स में से एक है। बहुत से लोग पराग एलर्जी को “हे फीवर” के रूप में जानते हैं, लेकिन विशेषज्ञ आमतौर पर इसे “सीजनल एलर्जिक राइनाइटिस” कहते हैं।

क्या हो सकते हैं इन एलर्जीस के लक्षण

आंखों में खुजली होना
आंखों के नीचे काले घेरे
नाक बंद होना
बहती या भरी हुई नाक
छींक आना
खांसना
चकत्ते या खुजली वाली त्वचा
सुबह में सिरदर्द
गले में खराश या खुजली
अगर आपको अस्थमा से एलर्जी है तो सांस की तकलीफ

आम एलर्जी और उनसे बचाव के उपाय। चित्र : शटरस्टॉक

जिन लोगों को एलर्जी आसानी से होती हैं उन्हें घर की साफ – सफाई के अलावा भी कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए जैसे –

फर्नीचर के नीचे और पीछे जमी धूल को वैक्यूम क्लीनर से नियमित रूप से निकालना।

जिन कपड़ों पर धूल जाम जाती है, उनसे दूर रहें और नियमित रूप से उन्हें धोते रहें। जैसे – कालीन, तकिए पर्दे आदि।

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धूल के कण को कम करने के लिए गद्दे और तकिए पर हाइपोएलर्जेनिक कवर का प्रयोग करें।

पर्दे, बिस्तर और तकिए को नियमित रूप से गर्म पानी से धोएं।

अपने एचवीएसी सिस्टम में प्रीमियम एयर फिल्टर का उपयोग करें और अक्सर बदलते रहें।

भोजन को अच्छी तरह से सील करके रखें, कीटों को आकर्षित करने से बचने के लिए काउंटरों की सफाई करें।

किसी भी जगह नमी न जमने दें ताकि किसी भी जगह फफूंदी न लग सके। घर को अच्छे से धूप लगाएं।

पालतू जानवरों को हर रोज़ नहलाएं। और पैट बिस्तर को नियमित रूप से धोएं।

बेडरूम को पालतू जानवरों से मुक्त रखें।

अपनी आवश्यकताओं के आधार पर ह्यूमिडिफ़ायर/डिह्यूमिडिफ़ायर का उपयोग करें।

अपने एचवीएसी एयर फिल्टर के अलावा एक एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें; उन्हें साफ और fसे फंगस से मुक्त रखें।

बच्चों के खिलौनों को साफ रखें

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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