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Immunity Booster Tea : बेस्ट इम्युनिटी बूस्टर है अदरक-मुलेठी की चाय, जानिए यह कैसे काम करती है

बारिश के मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर गले, पेट और स्किन के संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए पीई जा सकती है अदरक और मुलेठी की चाय।
अदरक और मुलेठी की चाय गले की खराश और संक्रमण दोनों को दूर करने में मदद करते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
स्मिता सिंह Published: 18 Jul 2023, 11:00 am IST
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बारिश के मौसम में पेट, स्किन और गले का संक्रमण बढ़ जाता है। इसके पीछे कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर बार-बार छींक आती है। गले में दर्द रहता है। इसका साफ़ मतलब है कि आपको गले में संक्रमण है। गले में संक्रमण तभी ठीक होगा, जब इम्यून सिस्टम मजबूत होगा। बरसात के मौसम में आयुर्वेद इम्युनिटी बूस्टर के तौर पर सदियों से अदरक मुलेठी चाय का प्रयोग करता आया है। इस चाय में मौजूद दो प्रमुख अवयव अदरक और मुलेठी के फायदे के बारे में जानने से पहले आइये जानते हैं कि यह गरमागर्म चाय तैयार कैसे (ginger mulethi tea for immunity booster) होती है?

अदरक और मुलेठी दोनों करता है संक्रमण दूर Ginger and Mulethi Benefits 

जिन मसालों का उपयोग हम अपनी सब्जियों को स्वादिष्ट बनाने के लिए करते हैं, वे वास्तव में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करने का भी काम कर सकते हैं। बहुत से आयुर्वेदिक प्राकृतिक उपचारों में इन मसालों का संयोजन शामिल होता है। अदरक और मुलेठी की चाय गले की खराश और संक्रमण दोनों को दूर करने में मदद करते हैं।

इन सामग्रियों से तैयार करें अदरक मुलेठी की चाय (Ginger Mulethi Tea Ingredients)

½ इंच अदरक का टुकड़ा
1 चम्मच मुलेठी पाउडर या आधा इंच मुलेठी का टुकड़ा
एक चौथाई टी स्पून काली मिर्च पाउडर
2 कप पानी
यदि ब्लड शुगर नहीं है, तो चाय तैयार होने के बाद आधा टी स्पून शहद भी मिला सकती हैं।

यहां हैं इम्युनिटी बूस्टर चाय बनाने का तरीका (Immunity Booster Ginger Mulethi Tea Recipe in Hindi)

एक बर्तन में पानी, अदरक, मुलेठी, काली मिर्च पाउडर डाल लें।
लो फ्लेम पर उबाल आने दें। उबलने के बाद छान लें। शहद मिलाएं और गरम-गरम पी लें।
इसे दिन में दो-तीन बार भी ले सकती हैं।

अदरक में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं । चित्र: शटरस्टॉक

यहां हैं अदरक के फायदे (Benefits of Ginger)

अदरक और मुलेठी केवल स्वाद बढ़ाने के लिए नहीं हैं। ये दो ऐसे मसाले हैं, जिनका उपयोग कई अलग-अलग तरह की हर्बल चाय को तैयार करने में किया जाता है। अदरक में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो न केवल सर्दी और फ्लू के खतरे को टालते हैं, बल्कि लक्षणों को प्रबंधित करने में भी मदद करते हैं। इसके सक्रिय घटक “जिंजरॉल में एनाल्जेसिक, एंटी बैक्टीरियल और संक्रमण के कारण हुए बुखार को कम करने का गुण मौजूद होता है। इसमें मौजूद एक अन्य घटक जिंजरोन भी एंटीऑक्सीडेंट गुणों वाला होता है।

अदरक से तैयार तेल (Ginger Active Volatile Oil) में एनएसएआईडी (नॉन स्टेरायडल एंटी इन्फ्लेमेट्री दवाओं) के समान एंटी इन्फ्लेमेट्री गुण होते हैं। यह संक्रमण के कारण हुए गले में खराश और सर्दी को दूर करने में मदद करता है। यदि पाइल्स के मरीज हैं, तो अदरक का सेवन सीमित मात्रा में करें। गर्म होने के कारण अदरक आँतों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है

यहां हैं मुलेठी के फायदे (Benefits of Mulethi)

मुलेठी में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी असर डालती है। एंटीओक्सिडेंट गुण कोशिकाओं की समय से पहले उम्र बढ़ने से बचाव करती है। यह गले के संक्रमण को दूर करने और सूजन को कम करने में मदद करती है। मुलेठी में विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी3, विटामिन बी5, विटामिन ई और विटामिन सी भी मौजूद होते हैं। यह प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती देकर कई रोगों से बचाव करती है

मुलेठी में एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली पर भी असर डालती है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

शरीर पर प्रभाव  (Effects on Body)

इसमें पेक्टिन, स्टार्च, रेजिन और गोंद भी होते हैं। जड़ों में मुख्य घटक ग्लाइसीराइज़िन होता है। यह एक ट्राइटरपेनॉइड सैपोनिन है, जो सुक्रोज से 50 गुना अधिक मीठा होता है। लीवर को स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रखने के लिए मुलेठी की जड़ एक प्रभावी विकल्प मानी जाती है। काली मुलेठी का सेवन 57 ग्राम या उससे अधिक नहीं करना चाहिए। मध्यम मात्रा में ली गयी काली मुलेठी रोजाना खाने पर नकारात्मक शारीरिक प्रभाव पड़ सकता है। खासकर यदि उम्र 40 वर्ष से अधिक हो गयी है या किसी प्रकार का हृदय रोग या हाई ब्लड प्रेशर का इतिहास रहा है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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