हींग से तो आप सभी परिचित होंगी। कई ऐसे व्यंजन हैं जो हींग के बिना अधूरे लगते हैं। यह व्यंजनों में फ्लेवर, खुशबू और स्वाद जोड़ने का काम करता है। परंतु यह याहीं तक सीमित नहीं है इसके कई स्वस्थ्य लाभ भी होते हैं। “हींग की गोली” (Hing goli) का नाम सुनते ही बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं। पहले के समय में सभी के घर में हींग की गोलियां मौजूद होती थीं। हालांकि, आज भी कई लोग हैं जो इसे खाते हैं, परंतु तरह तरह की दवाइयों के बीच हींग की गोली कहीं पीछे छूटती जा रही है।
आज भी मेरे घर में किसी को पाचन संबंधी समस्या होती है तो दादी उन्हें हींग की गोली खाने को कहती है। वो सालों से इसे आजमाती आ रही हैं और उनकी पाचन क्रिया आज भी बिल्कुल स्वस्थ है। यहां तक वे इन गोलियों को घर पर अपने हाथों से बनाती हैं। उनके इस विश्वाश को देख और इसे खाने के बाद परिणाम को देख मैन सोचा क्यों न इसपर कुछ शोध किया जाएं। शोध और एक्सपर्ट सभी इसके समर्थन में थें। तो मैने सोचा क्यों न इसे आपके साथ भी शेयर किया जाए।
न्यूट्रिशनिस्ट और हेल्थ कोच डॉ राधिका गोयल ने हींग के कुछ महत्वपूर्ण फायदे बताए हैं (Hingoli benefits)। तो चलिए जानते हैं आखिर हींग से बनी गोलियां (Hing goli) आपके लिए किस तरह फायदेमंद हो सकती हैं साथ ही जानेंगे किन लोगों को हींग से रखना चाहिए परहेज।
पब मेड सेंट्रल के अनुसार हींग के सबसे महत्वपूर्ण फायदों में शामिल है स्वस्थ पाचन क्रिया। यह डाइजेस्टिव एंजाइम की एक्टिविटी को बढ़ावा देता है और पाचन क्रिया को सक्रीय रहने में मदद करता है। यह लिवर में बाइल प्रोडक्शन को बढ़ा देता है जो फैट को आसानी से डाइजेस्ट होने में मदद करते हैं। इसके साथ ही यह अल्कलाइन प्रवृति का होता है जिससे की एसिड रिफ्लक्स की समस्या आपको परेशान नहीं करती है।
पब मेड सेंट्रल के अनुसार हींग के सेवन से ब्लड शुगर लेवल को सामन्य रखने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद फेनोलिक एसिड और टैनिन्स डायबिटीज के मरीजों के शरीर में ब्लड शुगर लेवल को सामान्य रखने में मदद करते हैं। इसलिए आपको डाइट में हींग शामिल करनी चाहिए। आप इसे हींग की गोली के रूप में भी ले सकती हैं।
हींग में मौजूद एंटी एलर्जेन प्रॉपर्टी इसे कफ और खांसी के लिए प्रभावी बनाती हैं। यह संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया और वायरस से लड़ता है और आपको इनसे प्रोटेक्ट करता है। साथ ही इसके सेवन से फ्लू की स्थिति भी पैदा नहीं होती।
नेशनल लिब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार जानवरों पर किये गए अध्ययन के अनुसार हींग हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में कारगर होती है। इसका सेवन ब्लड वेसल्स को आराम पहुंचता है, जिससे की ब्लड फ्लो सामान्य रहता है।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) एक पाचन स्थिति है, जो पेट में दर्द या बेचैनी, सूजन और गैस के साथ-साथ कब्ज, दस्त का कारण बनती है। पाचन पर हींग के संभावित प्रभावों के कारण, हींग को आईबीएस से जुड़े लक्षणों को कम करने में मददगार माना जाता है।
जीरा पाउडर – ½ चम्मच
अमचूर पाउडर – ¼ कप
नींबू का रस – 2 चम्मच
हींग – ¼ चम्मच
काला नमक – 1 चम्मच
काली मिर्च पाउडर – ½ चम्मच
अजवाइन – 1 चम्मच
चीनी (वैकल्पिक)
एक बाउल में जीरा पाउडर डालें। इसके बाद, इसमें हींग डालें।
फिर इसमें काली मिर्च पाउडर, काला नमक और आमचूर पाउडर डालें।
अब चाहें तो इसमें मिठास लाने के लिए पिसी हुई चीनी मिला सकती हैं।
इन्हे मिलाने के बाद इसमें नींबू का रस डालें, इसे आटे जैसी बनावट देने के लिए पानी डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
छोटी-छोटी लोइयां बनाना शुरू करें और इन्हें हींग की गोली का आकर दें।
आपके हींग पेड़े तैयार हैं।
इन्हें एयर-टाइट कंटेनर में स्टोर करके रखें।
बच्चे – यदि छोटी उम्र के बच्चे हींग का सेवन कर रहे हैं तो यह उनके लिए असुरक्षित हो सकता है। खाद्य पदार्थों में फ्लेवरिंग एजेंट की तौर पर इसका सेवन ठीक है, परन्तु यदि बच्चों को सीधा हींग दे रही हैं तो यह कुछ प्रकार के ब्लड डिसऑर्डर का कारण बन सकती है।
सर्जरी: हींग रक्त के थक्के जमने की गति को धीमा कर सकती है। हींग से सर्जरी के दौरान और बाद में रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। निर्धारित सर्जरी से कम से कम 2 सप्ताह पहले हींग का सेवन बंद कर दें।
ब्लीडिंग डिसऑर्डर : हींग से रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है। अगर आपको किसी भी प्रकार की ब्लीडिंग डिसऑर्डर है तो हींग से पूरी तरह परहेज करें।
एपिलेप्सी (मिर्गी) पीड़ितों को : यदि आपको मिर्गी या नर्वस सिस्टम की कोई अन्य समस्या है, जिससे दौरे या मिर्गी जैसी स्थिति उत्त्पन होती है, तो हींग का उपयोग न करें।
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