लॉग इन

आयुर्वेद की ये 5 हर्ब्स हैं मेरी मम्मी की फेवरिट, आप भी जानिए इनके फायदे और इस्तेमाल का तरीका

भारत में हजारों सालों से हेयर, स्किन और पाचन संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। खास बात यह कि आयुर्वेद की ये हर्ब्स आपकी रसोई में ही मौजूद हैं।
हजारों बरसों से भारत में हर्ब को कई बिमारियों से लड़ने के लिए भी उपयोग में लिया जाता रहा है। चित्र : अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 18 Feb 2023, 16:41 pm IST
ऐप खोलें

आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों का काफी महत्व है। भारत में इतनी हर्ब मौजूद हैं कि इन्हें दवाओं के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। हजारों बरसों से भारत में हर्ब को कई बिमारियों से लड़ने के लिए भी उपयोग में लिया जाता रहा है। भारत में कई चीजों के उपचार के लिए घरेलू नुस्खे ही इस्तेमाल किए जाते है। बालों के लिए, स्किन के लिए, खांसी-जुकाम के लिए घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल काफी चलन में है। चलिए जानते हैं आज कुछ ऐसे हर्ब्स (Ayurvedic Herbs Benefits) के बारे में जो आपके स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छे है।

रसोई में मौजूद हैं बहुत सारी हर्ब्स

ज्यादातर हर्ब्स हमारी रसोई में ही मौजूद होती हैं। इनका इस्तेमाल बालों और स्किन के लिए तो हम करते ही हैं, पर साथ ही स्वास्थ्य लाभ के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है। मेरी मम्मी सुबह के नाश्ते से लेकर रात में डिनर तक के अलग-अलग व्यंजनों में इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करती हैं। जिससे न केवल पाचन दुरूस्त होता है, बल्कि स्किन को भी कुदरती निखार मिलता है। आइए यहां जानते हैं आपके लिए कैसे फायदेमंद साबित हो सकती हैं ये हर्ब्स।

ये भी पढ़े- महाशिवरात्रि व्रत में हल्की भूख के लिए बनाएं साबूदाना का ये हेल्दी और क्रंची स्नैक्स

इन स्वास्थ्य लाभों के लिए किया जाता है हर्ब्स का इस्तेमाल

पाचन तंत्र को बढ़ाता है
शरीर की कार्यप्रणाली को मजबूत करता है
परिसंचरण को उत्तेजित करता है
श्वसन प्रणाली को कीटाणुरहित करता है
नर्वस सिस्टम को ठीक करता है
मियुक्स मेंबरेन की रक्षा करता है

हर्ब बालों के लिए, स्किन के लिए, खांसी-जुकाम के लिए घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल काफी चलन में है। चित्र:शटरस्टॉक

यहां हैं वे खास हर्ब्स और उनके फायदे जो मेरी मम्मी की फेवरिट हैं

1 तुलसी (Holy Basil)

तुलसी के एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, डाइजेस्टिव और एंटी-बैक्टीरियल है। चाय में इस्तेमाल किया जा सकता है या खुद ही खाया जा सकता है। यह एक एडाप्टोजेनिक जड़ी बूटी है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती है। मेरी मम्मी सुबह की चाय में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करती हैं।

2 हल्दी (Turmeric)

पीले रंग की यह जड़ी-बूटी एशियाई करी और मेडिटेरेनियन डिश में काफी लोकप्रिय है। यह त्वचा को ठीक करने और साफ करने के साथ ऊतकों को मजबूत करने का भी काम करती है। हल्दी को ताजा या पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह ब्लड को जमाने (blood coagulation) के लिए अच्छी मानी जाती है। इसका उपयोग गोल्डन मिल्क बनाने में भी किया जाता है।

3 धनिया (Coriander)

धनिया पेट फूलना, आंतों की ऐंठन, सूजन और से राहत दिलाता है। मांस, समुद्री भोजन, गर्म मिर्च , एवोकाडो, थाई, मैक्सिकन और भारतीय व्यंजनों के साथ उपयोग काफी उपयोग किया जाता है। धनिया का उपयोग ज्यादातर व्यंजन को गार्निश करने के लिए किया जाता है।

4 अश्वगंधा (Ashwagandha)

एक एडाप्टोजेनिक जड़ी-बूटी है, यह जड़ी-बूटी तनाव के प्रभाव को कम करने में हमारी मदद करके संतुलन लाता है और शरीर के कामकाज को मजबूत करने का काम करता है। अश्वगंधा नर्वस सिस्टम को आराम देने में मदद करता है। लोकप्रिय रूप से चाय में इसको मिलाया जाता है।

ये भी पढ़े- ऑफ सीजन के लिए करना है हरी मटर को स्टोर, तो ट्राई कर सकती हैं ये 3 तरीके

5 लहसुन (Garlic)

यह एंटीवायरल, जीवाणुरोधी, एंटिफंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी है। यह मांस, मछली, सलाद ड्रेसिंग, पास्ता सॉस, पनीर और सब्जियों के साथ इस्तेमाल किया जाता है। लहसुन रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करने के लिए जाना जाता है और श्वसन मार्ग को कीटाणुरहित करने में भी मदद करता है।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

6 पुदीना (Mint)

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों, मतली, और एंटीस्पास्मोडिक से आंतों को राहत मिलती है। इसमें एक ठंडा और ताज़ा स्वाद होता है। आइस्ड बेवरेज, मिडल ईस्टर्न कुजीन, ग्रीन या फ्रूट सलाद, फिश और पोल्ट्री में इस्तेमाल किया जाता है।

आप भी इन तरीकों से कर सकते हैं इन ट्रेडिशनल हर्ब्स को इस्तेमाल (How to herbs in daily diet)

अंडे के ओमलेट में कटा हुआ पार्सले की पत्तियां या अजमोद शामिल करें।

सैंडविच में पुदीना और/या तुलसी की कुछ पत्तियां मिलाएं।

बर्गर पर ताज़ी धनिया की पत्तियां डाल सकते हैं।

सलाद ड्रेसिंग में एक चुटकी सूखे अजवायन की पत्ती या थाइम मिलाएं।

ये भी पढ़े- गट हेल्थ को दुरूस्त कर बढ़ाना है मेटाबॉलिज्म, तो ये देसी-विदेशी प्रोबायोटिक्स होंगे आपके लिए फायदेमंद

संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख