चाहे सब्जी हो, सूप हो या पुलाव। मटर की पौष्टिकता से न केवन उस व्यंजन के स्वाद में इज़ाफा होता है बल्कि उसकी नुट्रिशयस वेल्यू (Nutritious value of peas) भी बढ़ जाती है। सर्दियों में बड़ी तादाद में ताजे़ मटर बाज़ार में आसानी से मिल जाते हैं। जैसे जैसे तापमान बढ़ने लगता है मटर बाज़ारों से लुप्त हो जाते हैं। अगर आप गर्मी के मौसम में भी मटर को अपनी रेसिपीज़ में एड करना चाहते हैं, तो इन आसान तरीकों को अपनाएं। आइए जानते हैं मटर स्टोर करने के आसान तरीके (How to store green peas) ।
हरे मटर एंटी माइक्रोबियल, एंटी फंगल एंटी डायबिटिक गुणों से भरपूर है। हरी मटर में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इनमें विटामिन ए, सी, कैल्शियम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट्स, मिनरल्स, एन्ज़इम्स (Enzymes) और अन्य नुट्रिएंट्स (Nutrients) पाए जाते हैं। मटर को उगने में करीबन दो महीनों का वक्त लगता है। इस सब्जी को गर्मी की शुरूआत या वसंत के आखिर में उगाना फायदेमंद रहता है। 15 डिग्री से लेकर 21 डिग्री तापमान में मटर आसानी से पक जाते हैं।
मटर में फाइबर, फ़ास्फ़रोस और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाई जाती है। इनकी मदद से पाचन सम्बन्धी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
एसएफ गेट के मुताबिक मटर कोलेस्ट्रॉल से मुक्त हैं, जो आपकी मांसपेशियों और मस्तिष्क को हेल्दी बनाते हैं। एक कप मटर में 8. 5 ग्राम प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है, जो 1 स्पून पीनट बटर से दोगुना प्रोटीन प्रदान करता है। पके हुए मटर के एक कप में 9 ग्राम फाइबर भी होता है, जो आपको संपूर्ण आहार देने में मदद करता है। इसमें 9. 5 ग्राम प्राकृतिक चीनी भी होती है, जो आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाए बिना आपके मस्तिष्क को ग्लूकोज प्रदान करती है।
मटर में मिनरल्स, विटामिन्स और कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इससे इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती हैं।
ऑफ सीजन के लिए करना है हरी मटर को स्टोर, तो इन तकनीकों का कर सकती हैं इस्तेमाल
हरी मटर को पहले साफ कर लें। उसके बाद एक बर्तन में पानी लें और उसमें मटर डाल दें।
मटर को अब पानी में उबलने के लिए रख दें और उसमें कुछ दाने चीनी और एक चम्मच नमक का डाल दें। चीनी से जहां मटर की स्वीटनेस बनी रहती हैं। वहीं नमक एक प्रिजर्वेटिव के तौर पर काम करता है। इससे मटर का स्वाद और रंग ज्यों का त्यों बने रहते हैं।
दो से तीन मिनट बाद गैस बंद कर दें। अब मटर को पानी से बाहर निकाल लें। एक बर्तन में बर्फ लेकर मटरों को उसमें डाल दें। जब मटर पूरी तरह से ठंडी हो जाएं, तो उन्हें एयरटाइट बैग में स्टोर करके रख दें।
एयर टाइट बैग्स को डीप फ्रीज करें। आप जब चाहें, उनका इस्तेमाल कर सकती हैं।
इसके लिए मटर को छीलकर नॉर्मल पानी से धो लें। अब मटर को कुछ देर धूप या पंखें की हवा में सुखा लें। उसके बाद इन्हें साफ कपड़े से पोंछकर एक सूखे और पारदर्शी एअरटाइट जार में भर दें। इस तरह से आप इनका बिना खराब हुए 15 दिन से लेकर एह महीने तक इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके लिए आप मटर को धोकर धूप में 5 से 10 मिनट के लिए सुखा दें। उसके बाद एक एअर टाइट बैग लेकर उसमें मटर डाल दें और उपर से सरसों के तेल की कुछ बूंदे गिरा दें। अब पैकेट को अच्छी तरह से हिला दें। इससे तेल पूरी तरह से मिक्स हो जाता है। आप इसे फ्रिज में रख दें। इस तरह से आप दो महीनों तक मटर का प्रयोग कर सकते हैं।
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