कुछ लोग सावन में छोड़ देते हैं प्याज-लहसुन खाना, न्यूट्रीशनिस्ट से जानते हैं इसका हेल्थ कनेक्शन
सावन का महीना (Sawan month) शुरू हो गया है। बारिश, हरियाली और चाय-पकौड़ों के इस मौसम का लोग अपने-अपने तरीके से आनंद लेते हैं। पर इस दौरान कुछ लोग प्याज-लहसुन से परहेज करने लगते हैं। इसके लिए वे तर्क देते हैं कि प्याज-लहसुन तामसिक भोजन में शामिल हैं। इसलिए वे त्यौहारों के व्यंजनों में भी इन्हें शामिल नहीं करते। हालांकि, प्याज और लहसुन न केवल भारतीय व्यंजनों की एक प्रमुख सामग्री है, बल्कि इन दोनों के स्वास्थ्य लाभ भी हैं। तब क्या इन्हें छोड़ देना सेहत को प्रभावित करता है (onion garlic in Sawan month)? आइए एक आहार विशेषज्ञ से बात करते हैं।
सावन और सात्विक आहार
आयुर्वेद और कई ऐसे रिसर्च भी हैं जिनके अनुसार प्याज लहसुन की अधिकता शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। जिस प्रकार खुद को डिटॉक्स करना जरूरी है, ठीक उसी प्रकार यदि आप कुछ समय के लिए प्याज-लहसुन का सेवन नहीं करती हैं, तो इससे आपके शरीर को किसी प्रकार का नुकसान नहीं बल्कि यह आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
सावन के महीने में हमें प्याज लहसुन से परहेज करने का एक लंबा समय मिलता है, जिसमें आप अपनी बॉडी को पूरी तरह से डिटॉक्स कर सात्विक भोजन से अपने शरीर में सकारात्मकता भर सकती हैं।
योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और टीवी की जानी-मानी हस्ती डॉ हंसाजी योगेंद्र भी इस तर्क पर सहमति जताती हैं। वे प्याज-लहसुन से परहेज के कुछ महत्वपूर्ण फायदे भी बताती हैं। तो चलिए जानते हैं कुछ दिन का यह परहेहत हमारे स्वास्थ्य के लिए किस तरह फायदेमंद हो सकता है।
इन 4 कारणों से आयुर्वेद विशेषज्ञ सावन के महीने में देते हैं लहसुन-प्याज से परहेज की सालह
1 नियमित नहीं, औषधीय मसाले हैं प्याज-लहसुन
आयुर्वेद में सालों से प्याज लहसुन का प्रयोग दवाइयों को बनाने में किया जा रहा है। जैसे कि कोई भी दवाई को आप अपनी व्यक्तिगत शारीरिक स्थिति में सुधार करने के लिए खाती हैं, न कि आप उसे अपनी नियमित डाइट का हिस्सा बना लेती हैं। ठीक उसी प्रकार प्याज और लहसुन में मौजूद प्रॉपर्टी शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं, परंतु केवल एक सामान्य स्थिति तक। इसका नियमित सेवन आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है।
2 हेल्दी बैक्टीरिया को भी पहुंचता है नुकसान
लहसुन एक पावरफुल हर्ब है और आयुर्वेद में इसे दवाइयों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद विशेषज्ञ अपने आहार में इसे नियमित रूप से शामिल करने की सलाह नहीं देते। यह एक एंटीबायोटिक की तरह काम करता है, खास कर कच्चा लहसुन, जो शरीर में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया का खात्मा करता हैं। परंतु इसकी अधिकता और नियमित रूप से इसका सेवन आंतों में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
3 बॉडी हीट बढ़ाते हैं प्याज और लहसुन
आयुर्वेद के अनुसार, वात, पित्त और कफ तीन जीवन शक्तियां हैं। पित्त में अग्नि और जल तत्व के गुण होते हैं। यह शरीर में सभी मेटाबॉलिक प्रोसेस साथ-साथ शरीर के तापमान और हमारे हार्मोनल संतुलन को नियंत्रित करता है। प्याज और लहसुन में पर्याप्त मात्रा में सल्फर मौजूद होता है और ये बहुत गर्म होते हैं।
इनका सेवन शारीरिक और भावनात्मक दोनों स्तर पर पित्त को बढ़ावा देता है। एसिड रिफ्लक्स, अल्सर, कोलाइटिस, हार्टबर्न, आंतों की सूजन, त्वचा पर चकत्ते या लालिमा आदि से पीड़ित व्यक्ति के लिए, इन दोनों पदार्थों को खाने से उपरोक्त समस्याएं बढ़ सकती हैं।
प्याज और लहसुन को तामसिक और राजसिक भोजन माना गया है। इनका सेवन पित्त को बढ़ावा देता है, जिसकी वजह से शरीर में अधिक गर्मी पैदा होती है। ऐसे मैं आपको पाचन संबंधी समस्याओं से लेकर त्वचा, बाल और सेहत संबंधी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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कस्टमाइज़ करें4 गुस्सा और एंग्जाइटी बढ़ाते हैं प्याज-लहसुन
आयुर्वेद का सुझाव है कि प्याज और लहसुन के सेवन से कुछ नकारात्मक भावनाएं जैसे क्रोध, आक्रामकता, अज्ञानता, सुस्ती, चिंता और यौन इच्छा में वृद्धि होती है। इसलिए, जो लोग ध्यान का अभ्यास करते हैं या आध्यात्मिक मार्ग का अनुसरण करते हैं, वे प्याज और लहसुन के सेवन से पूरी तरह परहेज करते हैं।
यह भी कहा जाता है कि प्याज और लहसुन जैसे राजसिक खाद्य पदार्थ किसी की चेतना पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति किसी भी एक चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं रख पाता। वहीं ये दिमागी क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं और इसके परिणामस्वरूप अस्थिर बुद्धि भी हो सकती है।
राजसिक भोजन तीखे स्वाद वाले गर्म, मसालेदार और नमकीन खाद्य पदार्थों का मिश्रण है। ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मकता, जुनून, बेचैनी और हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति को बढ़ावा देता है।
इस बारे में क्या कहती हैं न्यूट्रीशनिस्ट
हेल्थ शॉट्स ने इस विषय पर मनिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा से बातचीत की। तो चलिए जानते हैं लहसुन प्याज से परहेज रखने पर क्या है डाइटीशियन की राय।
अदिति के अनुसार प्याज और लहसुन सल्फर युक्त खाद्य पदार्थ हैं। जब इन्हें व्यंजनों में शामिल किया जाता है तो इनके लिए अधिक तेल और मसालों का प्रयोग करना पड़ता है। सावन का महीना बरसात का मौसम होता है, जिसमें सामान्य दिनों की तुलना में हमारी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। साथ ही इस दौरान संक्रमण का खतरा भी अधिक होता है। ऐसे में अधिक मसालेदार और तैलीय खाद्य पदार्थों के सेवन से आप संक्रमित हो सकती हैं।
इसलिए इस दौरान साधारण और सादा भोजन करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा प्याज लहसुन बॉडी हीट प्रोड्यूस करते हैं, जब शरीर अधिक गर्म होता है तो पिंपल्स, एक्ने और तमाम अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
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