खट्टे आम का नाम लेते ही मुंह में पानी आने लगता है। जब-जब भी खटास की बात आती है, तो इमली और नींबू से भी पहले कच्चे आम का ख्याल आता है। कच्चे आम का इस्तेमाल अचार और चटनी से लेकर कई प्रकार से व्यंजनों के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है। विटामिन, मिनरल और फाइबर का रिच सोर्स कच्चे आम में जब हल्की मिठास जोड़ दी जाती है तो इसका स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है। ऐसा ही खट्टा-मीठा है कच्चे आम का मुरब्बा, जिसे हमारे परिवार में बरसों से बनाया जा रहा है। अगर आप भी यह खास डिश ट्राई करना चाहते हैं, तो नोट कीजिए इसकी रेसिपी। पर उससे पहले इसके फायदे जान लेते हैं।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि कच्चे आम से तैयार मुरब्बे का सेवन करने से शरीर को विटामिन सी की प्राप्ति होती है। इससे शरीर संक्रमण के प्रभाव से मुक्त हो जाता है। इसमें पाई जाने वाली पेक्टिन कंपाउड की मात्रा हृदय रोगों से दूर रखने में मदद करते हैं। कच्चे आम को खाने से डिहाइड्रेशन से बचा जा सकता है। साथ ही ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने में मदद मिलती है।
फाइबर से भरपूर कच्चा आम का मुरब्बा खाने से ब्लोटिंग, कब्ज और ऐंठन की समस्या हल हो जाती है। इसे आहार में शामिल करने से बॉवल मूवमेंट नियमित हो जाती है। दरअसल, कच्चे आम में मौजूद फाइबर की मात्रा डाइजेस्टिव जूसिज़ के सिक्रीशन को स्टीम्यूलेट करने में मदद करती है। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है और खाना पच जाता है।
कच्चे आम के मुरब्बा का नियमित सेवन करने से शरीर में विटामिन ए, सी और ई की प्राप्ति होती है। कच्चे आम के मुरब्बे को खाने से शरीर में बढ़ने वाले माइक्रोबिश्ल इंफे्क्शन के खतरे से बचा जा सकता है। इससे शरीर में मौजूद टॉकिस्क पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।
कच्चे आम के मुरब्बे में मैंगिफेरिन जैसे बायोएक्टिव कंपाउड पाए जाते है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स की मदद से शरीर को ट्राइग्लिसराइड, कोलेस्ट्रॉल और फैटी एसिड के स्तर को सामान्य रखने में मदद मिलती है। इसके चलते हृदय संबधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
शरीर को एनर्जी से भरपूर रखने के अलावा हड्डियों के लिए भी फायदेमंद है। इसमें पाई जाने वाली कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा शरीर में बढ़ने वाली थकान और आलस्य को दूर करती है। इसके अलावा हड्डियों की मज़बूती बढ़ने लगती है। नियमित रूप से आम के मुरब्बे का सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर उचित बना रहता है।
कच्चा आम 3 से 4
मिशरी 1/2 कप
सौंफ 2 चम्मच
दालचीनी पाउडर 1/2 छोटा चम्मच
केसर एक चुटकी
पानी स्वादानुसार
3 ये 4 कच्चे आम लेकर उन्हें पानी में भिगोकर रख दें। 1 घण्टे तक पानी में भिगोने के बाद उसे साफ कपड़े से क्लीन करें।
अब छिलका उतारकर उसे पतला और लंबा काट लें। उन टुकड़ों को अब बीच में से काटकर अलग कर लें।
इसे बनाने के लिए मिशरी और ब्राउन शुगर का प्रयोग कर सकते हैं। सबसे पहले चाशनी तैयार कर लें।
इसके लिए मिशरी के टुकड़ों को पीसकर एक बाउल में डालें और पैन को गैस पर धीमी आंच पर रख दें।
पैन में आवश्कतानुसार पानी हल्का बॉइल होने दें। इसमें उबाल आने पर सबसे पहले छोटी इलायची और सौंफ डालकर उबालें।
उसके बाद चुटकी भर दालचीनी या टुकड़ा और केसर डालकर हिलाए। आप चाहें, तो स्वादानुसार फूल चक्र यानि स्टास एनिस भी डाल सकते हैं।
आम के टुकड़ों को काटकर पैन में डालें और 10 से 15 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।
रेसिपी को बीच बीच में हिलाते रहें। मुरब्ब तैयार होने के बाद उसमें से इलाचयी, स्टार एनिस और दालचीनी का टुकड़ा निकाल लें।
तैयार हो चुके कच्चे आम के मुरब्बे को ठंडा होने के लिए रख दें और फिर एक कांच के बर्तन में डालकर स्टोर कर लें।
वे लोग जो डायबिटीज़ का शिकार हैं। उन्हें आम के मुरब्बे का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। इससे शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में कच्चे आम को मॉडरेट ढ़ग से खाएं।
वेटगेन की समस्या का सामना करना पड़ता है। मुरब्बे में चीनी या मिशरी का प्रयोग करने से शरीर में वेटगेन का सामना करना पड़ता है। इससे शरीर में कैलोरीज़ जमा होने लगती है, जो मोटापे को बढ़ाता है।
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