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इन 5 समस्याओं का समाधान है फर्मेंटेड आंवला, जानिए क्या है फर्मेंटेशन का सही तरीका

आंवले का अचार, मुरब्बा, लौंजी, जूस आदि तो आप सभी ने ट्राई किए होंगे, पर क्या आपने कभी फर्मेंटेड आंवला ट्राई किया है? आंवले को फर्मेंट कर इसमें प्रोबायोटिक की गुणवत्ता जोड़कर आप इसे और ज्यादा खास बना सकती हैं।
जानें सेहत के लिए फर्मेंटेड आंवला के फायदे. चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 31 Jan 2024, 20:30 pm IST
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आंवला एक बेहद खास सुपरफूड है, जिसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। वहीं ये आपकी सेहत के लिए तमाम रूपों में फायदेमंद हो सकता है। यदि आप आंवला को डाइट में शामिल करना चाहती हैं, तो इसके कई विकल्प हैं। जरूरी नहीं की आप केवल कच्चा आंवला खाएं। आंवले को तमाम तरह की व्यंजनों के रूप में अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है। आंवले का अचार, मुरब्बा, लौंजी, जूस आदि तो आप सभी ने ट्राई किए होंगे, पर क्या आपने कभी फर्मेंटेड आंवला ट्राई किया है? आंवले को फर्मेंट कर इसमें प्रोबायोटिक की गुणवत्ता जोड़कर आप इसे और ज्यादा खास बना सकती हैं। तो चलिए जानते हैं फर्मेंटेड आंवले की खूबियां।

आयुर्वेद एक्सपर्ट चैताली राठौर ने फर्मेंटेड आंवले के फायदे बताते हुए इन्हें तैयार करने की रेसिपी भी बताई है। तो चलिए जानते हैं, यह आपके लिए किस तरह फायदेमंद होती है (fermented amla benefits), साथ ही जानेंगे इनकी आसान सी रेसिपी (how to ferment amla)।

आंवले को फर्मेंट कैसे करें (how to ferment amla)

स्टेप 1: 6 से 7 आंवला ले लें, उन्हें अच्छे से धो लें।
स्टेप 2: अब दो गिलास पानी लें, और इसे जार में डाल दें।
स्टेप 3: एक चम्मच सैंधा नमक और एक चम्मच हल्दी पाउडर डालकर इन्हे एक साथ मिलाएं।
स्टेप 4: प्रत्येक आंवले को किनारे से काट लें और इसे पानी में डालकर कर को बंद कर दें।
12 घंटे बाद फर्मेंटेड आंवला खाने के लिए तैयार हो जाएगा।
आप इन्हे ज्यादा क्वांटिटी में तैयार कर लंबे समय तक स्टोर कर सकती हैं।

त्वचा के लिए भी आमला बेहद लाभदायक माना गया है। चित्र : शटरस्टॉक

अब जानें फर्मेंटेड आंवला के फायदे (fermented amla benefits)

1. कॉमन कोल्ड की स्थिति में कारगर है

आंवला में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है, साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। ये इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए बेहद प्रभावी रूप से कार्य करते हैं। इसके सेवन से इम्यून सेल्स स्वस्थ रहते हैं और सही रूप से कार्य करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट बॉडी पर फ्री रेडिकल्स से होने वाले डैमेज को कम कर देते हैं, जिससे की इम्युनिटी प्रभावित नहीं होती। एक मजबूत इम्यून सिस्टम सर्दी, खांसी, फ्लू आदि से बहुत जल्दी रिकवर कर जाति है। इस प्रक्रार कोई भी संक्रमण और बीमारी आपको आसानी से अपनी चपेट में नहीं ले सकते।

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2. कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य रखें

हृदय संबंधी समस्या आज के समय में एक बहुत बड़ी परेशानी का कारण बन चुकी है। बॉडी में बढ़ता कोलेस्ट्रोल का स्तर हार्ट डिजीज के खतरे को बढ़ा देता है। आंवले का सेवन आर्टिरीज और वेंस में फैट के जमाव को कम कर देता है। साथ ही साथ यह बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी सामान्य रखता है। जिससे कि ब्लड सर्कुलेशन हेल्दी रहते हैं और हृदय संबंधित तमाम समस्याओं का खतरा भी कम हो जाता है।

वेट लॉस को बनाये और ज्यादा आसान। चित्र : एडॉबीस्टॉक

3. वेट लॉस को बढ़ावा दे

आंवला में फैट बर्निंग प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो बॉडी में जमें एक्स्ट्रा फैट को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही ये मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं और प्रोटीन सिंथेसिस को इंप्रूव करते हुए फैट डिपॉजिट को कम कर देते हैं। इसके अलावा यह फ्लुएड रिटेंशन की स्थिति में भी कारगर माने जाते हैं, क्योंकि यह ऑर्गेनिक टॉक्सिंस को यूरिन के माध्यम से बाहर निकाल देते हैं। यदि आप वेट लॉस प्लान कर रही हैं, तो फर्मेंटेड आंवले को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

4. पाचन क्रिया को स्वस्थ रखे

आंवले में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो आपकी आंतों को स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। वहीं यदि इन्हे फर्मेंट कर दिया जाए तो इनमें फाइबर सहित प्रोबायोटिक की गुणवत्ता भी जुड़ जाती है। यह आतों में हेल्दी बैक्टीरियल ग्रोथ को बढ़ावा देती है, जो एक स्वस्थ पाचन प्रक्रिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से फर्मेंटेड आंवले को डाइट में शामिल करने से कब्ज, अपच और पाचन संबंधी अन्य समस्याएं आपको परेशान नहीं करती।

फाइबर गैस्ट्रिक जूस के एक्शन को बढ़ावा देता है, जिससे खाद्य पदार्थों को तोड़ना और पचाना बेहद आसान हो जाता है। वहीं यदि आप गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्या से परेशान रहती हैं, तो यह आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है।

रक्त शर्करा का स्तर, जिसे रक्त ग्लूकोज के स्तर के रूप में भी जाना जाता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

5. ब्लड ग्लूकोज लेवल को सामान्य रखे

आंवला बॉडी मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है जिससे कि ग्लूकोज का अवशोषण बढ़ जाता है और ब्लड ग्लूकोस लेवल को मेंटेन रखना आसान हो जाता है। साथ ही साथ इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पाई जाती है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हुए पेनक्रिएटिक सेल्स को ऑक्सीडेटिव डैमेज से प्रोटेक्ट करती हैं।

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इस प्रकार आंवला इंसुलिन प्रोडक्शन को भी सामान्य रखता है, जो खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद अचानक से ब्लड ग्लूकोस लेवल को बढ़ने से रोकने में मदद करते हैं। आंवला में फाइबर की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है, जो ब्लड शुगर रेगुलेशन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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