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Lactose Intolerance : मेरी मम्मी कहती हैं कि लैक्टोज इनटोलिरेंस व्यक्ति दही से ले सकते हैं पोषण, जानिए इस पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ

लैक्टोज इनटोलिरेंस के कारण कुछ लोगों को दूध और दूध से बने सामान से पाचन तंत्र खराब हो जाता है। विशेषज्ञ से जानते हैं कि लैक्टोज असहिष्णुता वाले लोग दही का सेवन करें या नहीं।
अगर किसी व्यक्ति में दूध के प्रति इंटोलिरेंस बहुत डोमिनेंट है, तो उसे दूध के सभी प्रोडक्ट को अपनी थाली से निकलना होगा। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 26 Jun 2023, 21:00 pm IST
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लैक्टोज असहिष्णुता या लैक्टोज इनटोलिरेंस (Lactose Intolerance) एक पाचन विकार (Digestive Disorder) है। इसके कारण व्यक्ति लैक्टोज को पचाने में असमर्थ होता है। इसके बारे में अभी जानकारी बहुत कम है। इसलिए ज्यादातर लोगों को यह पता ही नहीं चल पाता है कि वे लैक्टोज़ असहिष्णु हैं। लैक्टोज डेयरी उत्पादों में मौजूद मुख्य कार्बोहाइड्रेट है। पर दही में यह कम मात्रा में मौजूद होता है। ऐसी स्तिथि में लैक्टोज इंटोलिरेंट को दही खाना (curd for lactose intolerant) चाहिए या नहीं, विशेषज्ञ से जानते हैं।

क्यों होता है लैक्टोज इनटोलिरेंस (Lactose Intolerance Causes)

यह पाचन विकार (Digestive Disorder) हमारे शरीर में लैक्टेज नामक एंजाइम की पर्याप्त मात्रा की कमी के कारण होता है। लैक्टेज दूध और दूध उत्पादों में पाई जाने वाली एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट या शुगर लैक्टोज को तोड़ने के लिए आवश्यक है। इसकी कमी होने पर लैक्टोज टूट नहीं पाता है और समस्या होती है।

फर्मेंटेशन में लगता है समय (Fermentation Process)

फर्मेंटेशन की प्रक्रिया में समय लगता है। केवल 6-8 घंटे के किण्वन से दही पूरी तरह लैक्टोज मुक्त नहीं हो सकता है। जितनी देर दही किण्वित होगा, वह उतना ही अधिक लैक्टोज मुक्त (Lactose free Curd) हो जाएगा।

दही खा सकते हैं लैक्टोज इंटोलिरेंट (Curd for Lactose Intolerant)

न्यूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन दिव्या गांधी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘लैक्टोज इंटोलिरेंट को दूध और दूध से बने उत्पादों से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। हालांकि कुछ मामले बहुत गंभीर नहीं होते हैं। उनके लिए दही खाना सुरक्षित है। वे दही खा सकते हैं। दूध के किण्वन की प्रक्रिया के बाद दही बनता है। इससे दूध में मौजूद लैक्टोज की अधिकांश मात्रा टूट जाती है। किण्वन के बाद लैक्टोज लैक्टिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है। इसे लैक्टोज की तुलना में पचाना बहुत आसान होता है। इसलिए लैक्टोज इंटोलिरेंट दही खा सकते हैं।

दूध के प्रति इंटोलिरेंस अधिक होने पर क्या करें

दिव्या गांधी के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति में दूध के प्रति इंटोलिरेंस बहुत डोमिनेंट है (Lactose Intolerance), तो उसे दूध के सभी प्रोडक्ट को अपनी थाली से निकलना होगा। इसे जांचने के लिए दही खाने के 2 घंटे बाद तक खुद को ऑब्जर्व करना होगा। यदि उसमें किसी भी तरह के लक्षण जैसे कि उल्टी होना, जी मिचलाना, डायरिया या किसी भी प्रकार की स्किन समस्या दिखती है। स्किन समस्या के तहत खुजली होने या लाल चकत्ते का अनुभव हो सकता है। उन्हें दही खाना छोड़ देना चाहिए।

कुछ लोगों में दूध या दूध से तैयार सामग्री के प्रति इंटोलिरेंस बहुत ज्यादा होती है, तो कुछ लोगों में कम। चित्र : अडोबी स्टॉक

व्यक्तिगत सहनशीलता हो सकती है अलग (Lactose Intolerance)

कुछ लोगों में दूध या दूध से तैयार सामग्री के प्रति इंटोलिरेंस बहुत ज्यादा होती है, तो कुछ लोगों में कम। व्यक्तिगत सहनशीलता अलग-अलग हो सकती है। इसलिए किसी बढ़िया हेल्थकेयर प्रोफेशनल या पोषण विशेषज्ञ से जांच करना सबसे अच्छा होता है। इससे यह पता चल जायेगा कि शरीर किस तरह प्रतिक्रिया करता है

लैक्टोज इंटोलिरेंट क्या खाएं और क्या नहीं खाएं (curd for lactose intolerant)

यदि आप लैक्टोज इंटोलिरेंट हैं, तो भी आप लैक्टोज युक्त खाद्य पदार्थ कम मात्रा में खा सकते हैं। सबसे मुख्य बात यह है कि हमेशा अपनी सीमा जानना चाहिए। अपने पास एक फ़ूड डायरी रखें। उसमें आप यह नोट कर सकती हैं कि आपने कब, क्या और कितना खाया। खाने के बाद आपको कैसा महसूस हुआ। इससे आपको अपने शरीर के फ़ूड पैटर्न का पता चलेगा। आप यह जान पाएंगी कि आप कितना या कितना कम लैक्टोज ले सकती हैं। आगे भी अपनी सीमा पर कायम रहें

यअपने पास एक फ़ूड डायरी रखें। उसमें आप यह नोट कर सकती हैं कि आपने कब, क्या और कितना खाया।चित्र शटरस्टॉक।

लैक्टोज़-मुक्त दूध और अन्य डेयरी पर विचार करें (Lactose Free Product)

जब आप लैक्टोज इंटोलिरेंट होती हैं, तो पर्याप्त कैल्शियम प्राप्त करना कठिन हो सकता है। कैल्शियम की पूर्ति के लिए आप अन्य ऑप्शन तलाश सकती हैं। नियमित रूप से दूध पीने वालों के लिए सुपरमार्केट में लैक्टोज फ्री या कम लैक्टोज मिल्क या फिर प्लांट बेस्ड मिल्क ऑप्शन भी मौजूद होते हैं। लैक्टोज फ्री पनीर, लैक्टोज फ्री दही और अन्य डेयरी प्रोडक्ट भी आप ले सकती हैं। लैक्टोज़ फ्री दूध में नियमित दूध के समान ही कैल्शियम होता है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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