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शादीशुदा कपल्स में हो सकता है रूममेट सिंड्रोम, एक्सपर्ट से जाने इससे कैसे निपटना है

किसी भी नए रिलेशनशिप में आप एक दूसरे के साथ बहुत समय गुजारना चाहते है जिसे हनीमून पीरियड कहा जाता है। लेकिन जब समय आगे बढ़ता है तो क्या ये चाह खत्म या कम होती है।
आपका रिश्ता हर दिन, हर पल आपकी प्राथमिकता नहीं हो सकता। चित्र: शटरस्टॉक
संध्या सिंह Published: 15 Dec 2023, 18:00 pm IST
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अपने पार्टनर के साथ घूमना नए रिलेशनशिप के शुरुआत में आपको बहुत अच्छा और रोमांचक लग सकता है। लेकिन जैसे किसी भी रिश्ते का हनीमून चरण खत्म हो जाता है, वैसे ही, एक-दूसरे के साथ रहने का उत्साह भी खत्म हो जाता है। और तभी “रूममेट सिंड्रोम” हो सकता है।

क्या होता है रूममेट सिंड्रोम (What is roommate syndrome )

रूममेट सिंड्रोम (roommate syndrome) को समझने के लिए, आपको पहले रूममेट की परिभाषा समझनी होगी। रूममेट क्या है? रूममेट वह व्यक्ति होता है जिसके साथ आप रहते हैं और निश्चित रूप से उसके साथ सहज महसूस करते हैं, लेकिन आपका रिश्ता कोई रिलेशनशिप पति-पत्नी या कपल वाला नहीं होता है।

जब रूममेट सिंड्रोम होता है, तो यह एक रिलेशनशिप या शादी (Marriage) के अंदर होता है, जहां ऐसा लगता है कि रिश्ते में सामान्य रूप से रह रहें है। लेकिन जब आप एक साथ नए नए आए थे तो वो रोमांच एक अलग ही था लेकिन अब वो रोमांच खत्म होता जा रहा है। ऐसा लगने लगता है कि आप एक रूममेट की तरह रह रहें है जहां कोई यौन जुड़ाव या रोमांटिक जुड़ाव नहीं होता है।

यह याद रखने की पूरी कोशिश करें कि आपको अपने साथी के बारे में क्या पसंद है। चित्र : एडोबी स्टॉक

रूममेट सिंड्रोम कई अलग-अलग तरीकों से दिख और महसूस हो सकता है, लेकिन आमतौर पर, जब एक साथ रहने की नवीनता खत्म हो जाती है, तो कपल्स (Couples) प्रैक्टिकल हो जाते है और अपने कामों में खो जाते हैं और अपने रिश्तों को उतनी प्राथमिकता नहीं देते हैं।

उदाहरण के लिए, यदि आप एक साथ रहने से पहले और जब आपने पहली बार एक साथ रहना शुरू किया था, तब आप कई बार डेट पर गए होंगे, लेकिन अब आप सोच रहे हैं कि जब हम हर रात एक-दूसरे को देखते हैं तो हम डेट नाइट की योजना क्यों बनाएंगे?

रूममेट सिंड्रोम के कारण (Reason of roommate syndrome)

रिलेशनशिप एक्सपर्ट रुचि रूह बताती है कि कपल्स शायद ही कभी जान-बूझकर अपने रिश्तों को ताक पर रख देते हैं। डेट की रातें और दिलचस्प बातचीत कहीं खो जाती है, क्योंकि अन्य चीजों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है, जैसे कि व्यस्त घर का प्रबंधन करना, बच्चों का पालन-पोषण करना, या परिवार की देखभाल करना।

आपका रिश्ता हर दिन, हर पल आपकी प्राथमिकता नहीं हो सकता। भूखे, चिड़चिड़े बच्चों को खाना खिलाने की ज़रूरत होती है, बूढ़े माता-पिता को चिकित्सा संबंधी समस्याओं से निपटने में मदद की ज़रूरत होती है और ऐसे कई काम होते है। समय और जिम्मेदारियों के साथ शुरुआती दिनों के जैसे प्यार में कमी आना सामान्य बात है, लेकिन यह समस्या का कारण बन सकता है अगर बाहर दायित्वों की वजह से आप मौज-मस्ती और रोमांस के लिए समय निकालना ही भूल जाएं।

रूममेट सिंड्रोम से कैसे निपटें (How to deal with Roommate syndrome)

याद रखें कि आपको अपने साथी के बारे में क्या पसंद है

यह याद रखने की पूरी कोशिश करें कि आपको अपने साथी के बारे में क्या पसंद है। भले ही आप अपने जीवन और रूटिन में व्यस्त हो, फिर भी आपके संबंध बहुत अच्छे रहेंगे। जब आप यह सोचने के लिए समय निकालते हैं कि आपको अपने पार्टनर के बारे में क्या पसंद है, तो इससे आप और अच्छे से उनसे जुड़ पाएंगे।

छोटी छोटी चीजें करें

एक और तकनीक जो आपके रिश्ते की स्थिति को बेहतर बनाने में आपकी मदद कर सकती है वह है सहज होना। हर चीज़ की योजना बनाना आपके बंधन के लिए हानिकारक हो सकता है। सहजता अधिक मज़ेदार हो सकती है, और इन इशारों का बड़ा होना जरूरी नहीं है।
यदि आपको पिज्जा खाने का मन है तो आप बाजार से अपने साथी के पसंद का पिज्जा लेकिन आ सकते है जिससे उन्हे सरप्राइज मिलेगा। ये छोटी सी बात है लेकिन आपके साथ को महसूस करवा सकती है कि आप अपने साथी के बारे में सोच रहे थे।

हर चीज़ की योजना बनाना आपके रिश्ते के लिए हानिकारक हो सकता है। चित्र एडॉबीस्टॉक।

हर समय एक ही तरह की चीजें न करें

अपने पूरे दिन के काम को पूरा करने के लिए आपको एक दिनचर्या की जरूरत हो सकती है, लेकिन एक रिलेशनशिप के लिए यह सबसे अच्छी बात नहीं हो सकती है। यही कारण है कि आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप हमेशा एक जैसे काम न करें।
उदाहरण के लिए, यदि कोई नई चीज है जिसे आप आज़माना चाहते हैं, भले ही वह नए प्रकार का खाना हो या किसी नए किराने की दुकान पर खरीदारी करना हो तो आपको ये करना चाहिए।

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एक साथ क्वालिटी टाइम शेड्यूल करें

एक-दूसरे से बात करने के साथ-साथ आपको एक साथ क्वालिटी टाइम भी बीताना चाहिए और कुछ मामलों में इसका मतलब बच्चों और बाकी सभी लोगों से दूर क्वालिटी टाइम बिताना होता है। जब आप और आपका पार्टनर एक-दूसरे के साथ अकेले रह सकते हैं, तो इससे आपको उन तरीकों से जुड़ने में मदद मिल सकती है जो आप तब नहीं कर पाते जब बच्चे आसपास होते हैं।

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संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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