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ये संकेत बताते हैं कि आप इमोशनल ब्लैकमेलिंग की शिकार हैं, यहां हैं इससे उबरने के उपाय

रिश्ते में एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करना बहुत जरूरी है। पर वही भावनाएं जब आप पर अनावश्यक दबाव बनाने लगें और आपके व्यक्तित्व को प्रभावित करने लगें, तब आपको संभल कर सोचना चाहिए।
जानते हैं कि क्या है इमोशनल ब्लैकमेल और इससे होने वाले नुकसान व बचने के उपाय भी (Tips to deal with emotional blackmail)।चित्र- अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 13 Feb 2024, 11:00 am IST
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रिश्तों की गरिमा को बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। मगर तब तक जब तक वो आप पर हावी न हों। अगर कोई ऐसा रिश्ता है, जो सही होने के बावजूद भी आपको गलत ठहराने लगा है, तो ज़रा सतर्क हो जाएं। ये इमोशनल ब्लैकमेल का संकेत हो सकता है। हर पल चुपचाप रहकर गलत हो या सही हर बात के लिए हामी भरना कई बार संपूर्ण जीवन के लिए नुकसानदायक साबित होने लगता है। इससे न केवल व्यक्ति का आत्मविश्वास डगमगाने लगता है बल्कि व्यक्ति हर क्षण डरा और सहमा नज़र आता है। जानते हैं कि क्या है इमोशनल ब्लैकमेल और इससे होने वाले नुकसान व बचने के उपाय भी (Tips to deal with emotional blackmail)।

किसे कहते हैं इमोशनल ब्लैकमेलिंग

इस बारे में मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत का कहना है कि इमोशनल ब्लैकमेल उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के व्यवहार को अपने अनुसार नियंत्रित करने लगता है। वो व्यक्ति जो बिना प्रतिक्रिया ज़ाहिर किए दूसरे व्यक्ति की मनमानी को सहन करता रहता है, वो इमोशनल ब्लैकमेल का शिकार हो जाता है।

जाने माने लेखक सुसान फॉरवर्ड की सन् 1997 में इमोशनल ब्लैकमेल पर एक किताब आई। इस किताब के मुताबिक जब कोई डर, कर्त्तव्य, और अपराध का बोध करवाकर बड़ी चालाकी से व्यक्ति को फंसाने का प्रयास करें, तो ऐसी स्थिति इमोशनल ब्लैकमेल कहलाती है।

इस सिचुएशन से बाहर आने के लिए लोगों की बातों को गंभीरत से न लें। चित्र : एडोबी स्टॉक

आपके व्यक्तित्व और मेंटल हेल्थ दोनों को प्रभावित करती है इमोशनल ब्लैकमेलिंग (Emotional blackmailing effects on mental health and personality)

1 व्यक्त खुद को दोषी मानने लगता है

हर रोज़ अपने लिए नकारात्मक बातें सुनकर व्यक्ति मन ही मन खुद को दोषी मानने लगता है। वो भूल जाता है कि उसकी क्या इच्छाएं और उसे किस मार्ग पर चलना है। वे दूसरों के दिखाएं मार्ग पर चलकर आगे बढ़ने लगता है और अपने आप को कटघरे में खड़ा कर देता है।

2 आप अपने रिश्ते में इनसिक्योर होने लगते हैं

ऐसे लोगों में हर पल खोने का डर बना रहता है। वे लोग इस कदर दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं कि उनकी हर छोटी बड़ी बात जीवन को प्रभावित करती है। असुरक्षा की भावना के चलते वे जीवन में आगे बढ़ने से डरते हैं और हर पल डरे और सहमे रहते हैं।

3 खुद को करेक्ट करने की कोशिश करते रहना

अन्य लोगों की बातों से प्रभावित होने के चलते इमोशनल ब्लैक्मेल के शिकार लोग हर दम खुद को करेक्ट करने की कोशिश करते हैं। वे किसी भी गलती को करने से डरते हैं। वे धीरे धीरे अपने आप को पंसद करना बंद कर देते हैं। उन्हें मन ही मन ये ख्याल सताता रहता है कि वे गलत हैं और कोई भी काम नहीं कर सकते हैं।

कई बार हम रिश्ते में पहले जैसा जुड़ाव महसूस नहीं करते। चित्र- अडोबी स्टॉक

4 लोगों की बातें करती हैं प्रभावित

ऐसे लोग जो निरंतर इमोशनल ब्लैकमेल का शिकार होते हैं। वे खुद को दूसरे व्यक्ति के चश्मे से देखने लगते हैं। दूसरे व्यक्ति के अनुसार अपने व्यक्तित्व को आंकने लगते हैं और उन लोगों की कही बातें इन्हें प्रभावित करने लगती है। लोग अक्सर इनका फायदा उठाने का प्रयत्न करते हैं। मगर वे अन्य लोगों की मंशा को समझ नहीं पाते हैं।

इमोशनल ब्लैकमेल से बाहर आने में मदद करेंगे ये कुछ उपाय

1 सीमाएं निर्धारित करें

रिश्तों को बांधे रखना ज़रूरी है, मगर हर बात पर झुकना व्यक्ति के व्यक्तित्व को खोखला बना देता है। ऐसे में रिश्तों में सीमाएं बनाकर चलें। इससे कोई भी व्यक्ति बार बार आपको हर चीज़ के लिए आरोपी साबित नहीं कर सकता है। समस्या को समझें और रिश्तों में पारदर्शिता बनाए रखें। इससे इमोशनल ब्लैकमेलिंग से बचना हो सकता है आसान।

2 अपनी गलती को समझें

सबसे पहले इस बात का चिंतन करें कि गलती क्या है। जी हां इस बात को जानना ज़रूरी है कि आप कहां पर गलत थे। बिना किसी गलती के हर बात को सुनना अपने कॉफिडेंस और इमेज दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। समस्या को समझकर उसे सुलझाएं और अपनी गलतियों को सुधारने का प्रयास करें।

3 अपने लिए शालीनता से आवाज़ उठाएं

बिना किसी गलती के बार बार इमोशनल ब्लैकमेलिंग मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाने लगती है। इसके चलते व्यक्ति हर पल डरा, सहमा और परेशान रहने लगता है। इमोशनल ब्लैकमेंलिंग को बंद करने के लिए अपने लिए आवाज़ बुलंद करें और सेल्फ लव पर विश्वास रखें। सेल्फ प्रोटेक्ट करने से आप अपनी इमेज को बिल्ड कर सकते हैं।

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4 हर गलती के लिए खुद को जिम्मेदार न ठहराएं

रोजमर्रा के जीवन में अगर आपका पार्टनर आपको हर छोटी चीज़ के लिए दोषी बताते हैं, तो उसको मानने की जगह तर्क वितर्क करें और अपनी बात को दूसरों के समक्ष रखें। इससे कोई भी व्यक्ति आप पर बेबुनियाद इंल्ज़ाम लगाना और जिम्मेदारियों को थोपने से बचेगा।

ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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