Art Therapy : मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कर एक खुशहाल जिंदगी जीने में मदद कर सकती है आर्ट थेरेपी, एक्सपर्ट से जानें कैसे
आज आजकल की तनाव भरी जिंदगी सभी को मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त करती जा रही है। जरूरी नहीं की व्यक्ति केवल शारीरिक रूप से ही बीमार होता है, परिस्थिति व्यक्ति को भावनात्मक एवं मानसिक तनाव का शिकार बना देती है। वहीं आजकल बेहद कम उम्र के यंगस्टर्स भी स्ट्रेस और डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में सभी को एक स्ट्रांग मेंटल हेल्थ को स्थापित करने के लिए नियमित दिनचर्या से हटकर कुछ खास गतिविधियों में भाग लेने की आवश्यकता है। “आर्ट थेरेपी” आपकी मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद प्रभावी साबित हो सकती है। हालांकि, ज्यादातर लोग इसके बारे में नहीं जानते होंगे, परंतु इसे समझना इतना भी मुश्किल नहीं है।
हेल्थशॉट्स ने इस विषय पर मेंटल हेल्थ काउंसलर, आर्ट बेस्ड थेरेपिस्ट, ट्रांसपोर्टेशन कोच और ऑथर सुरुचि शाह से बात की। डॉक्टर ने आर्ट थेरेपी के कुछ महत्वपूर्ण फायदे बताए हैं। तो चलिए जानते हैं, आर्ट थेरेपी क्या है (Art Therapy)? और यह किस तरह हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है (Art Therapy benefits for mental health)।
पहले समझें क्या है आर्ट थेरेपी (Art Therapy)?
आर्ट थेरेपी एक प्रकार की मनोचिकित्सा है जो उन भावनाओं और अनुभवों को उजागर करने में मदद करती है, जिन्हें शब्द कभी-कभी व्यक्त करने में विफल हो सकते हैं। यह आपके अंदरूनी आर्ट के माध्यम से आपके आंतरिक घाव जैसे की भावनात्मक चोट, अतीत की घटना, एंग्जाइटी, डिप्रैशन को ठीक करने की प्रक्रिया है।
जानें आर्ट थेरेपी में क्या-क्या शामिल है
आर्ट थेरेपी का चयन आप अपनी रुचि के अनुसार कर सकती हैं। डांस थेरेपी, ड्रामा थेरेपी, एक्सप्रेसिव थेरेपी, म्यूजिक थेरेपी और राइटिंग थेरेपी, यह सभी क्रिएटिव थेरेपी के अंदर आती हैं। वहीं यदि आर्ट थेरेपी के टेक्निक्स की बात करें तो कोलाज मेकिंग, ड्राइंग, कलरिंग, स्केचिंग, फिंगर पेंटिंग, फोटोग्राफी, स्क्रिप्टिंग, क्ले वर्क आदि जैसे कार्य शामिल हैं।
अब समझें आर्ट थेरेपी किस तरह होती है फायदेमंद
1. सेल्फ मैनेजमेंट होता है इंप्रूव
नियंत्रण खोना किसी भी चीज के एडिक्शन का एक सामान्य दुष्प्रभाव है। इस स्थिति में लोग अपनी नियमित दिनचर्या और जीवन शैली को मैनेज नहीं कर पाते जिसकी वजह से एक सामान्य जीवन जीने में व्यक्ति को काफी कठिनाई होती है। आर्ट थेरेपी व्यक्ति को ध्यान केंद्रित करने, अनुशासित रहने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है।
2. पास्ट ट्रामा से बाहर आने में मदद करे
बहुत से लोग अतीत के आघात जैसे दर्दनाक विचारों को दूर करने के लिए नशीले पदार्थों का उपयोग करते हैं। ऐसा करना व्यक्ति की परेशानी को और ज्यादा बढ़ा देता है और समस्या अधिक घातक हो सकती है। आर्ट थेरेपी के माध्यम से व्यक्ति धीरे-धीरे पास्ट ट्रॉमा के बारे में अपनी भावनाओं को व्यक्त करना शुरू करता है और आगे बढ़ने के लिए कदम उठा सकता है। आर्ट थेरेपी व्यक्ति को सकारात्मकता से परिचित कराती है और पुराने नकारात्मक विचारों पर दिमाग को केंद्रित नहीं होने देती। साथ ही वर्तमान को देखने के नजरिया में भी बदलाव करती है।
3. प्रोबलम सॉल्विंग स्किल्स को इंप्रूव करे
कला चिकित्सा दिमाग को खोलती है और लोगों को दवाओं या शराब के बजाय समस्याओं को हल करने के अन्य तरीकों की तलाश करने में मदद करती है। यह युवा वयस्कों के लिए बहुत मददगार हो सकती है। आजकल युवाओं में एंजायटी और डिप्रेशन का खतरा बढ़ते जा रहा है, ऐसे में युवाओं के लिए जीवन में हो रहे बदलावों के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल हो सकता है। आर्ट थेरेपी इस स्थिति में मददगार हो सकती है। यह आपको वर्तमान से जोड़ती है और आपके अंदर सकारात्मकता को बढ़ाती है। इससे आप किसी भी सिचुएशन को शांति और सूझबूझ के साथ डील कर पाती हैं।
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4. सेल्फ स्टीम होता है बूस्ट
आर्ट थेरेपी अनुसंधान पुरानी बीमारी पर केंद्रित है, यह दृष्टिकोण आत्म-अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्वस्थ लोगों में व्यक्तिगत स्वतंत्रता, आत्मनिर्भरता की भावना को भी बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। कलाकृति वास्तव में आपको यह समझने में मदद करती है कि आपके लिए क्या मायने रखता है और क्या आपको पहचान दे सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा 2019 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार आर्ट एक्टिविटीज में भाग लेने से आत्म-सम्मान, आत्म-स्वीकृति, आत्मविश्वास और आत्म-मूल्य का निर्माण हो सकता है।
5. ऑटिस्टिक बच्चों के व्यवहार में सुधार के लिए
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) से पीड़ित बच्चों की मदद के लिए आर्ट थेरेपी एक प्रभावी उपचार साबित हो सकता है। ईरान में एएसडी से पीड़ित 6 से 12 वर्ष की आयु के 40 बच्चों पर किए गए एक छोटे अध्ययन में 12 सेशन किये गए। पेंटिंग थेरेपी ग्रुप के बच्चों में अधिक अनुकूली व्यवहार और भावनाएं पाई गईं। उनमें भावनाओं को साझा करने की क्षमता बढ़ी हुई नजर आ रही थी साथ ही सामाजिक संपर्क में भी सुधार देखने को मिला।
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कस्टमाइज़ करेंअमेरिकन जर्नल ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी द्वारा 2022 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों (3.5 से 16 वर्ष की आयु) के 15 अध्ययनों को शामिल किया गया, जिसमें आर्ट जैसे ड्राइंग और पेंटिंग, साथ ही म्यूजिक और ड्रामा से बच्चों जो काफी मदद मिली। ऑटिज़्म दृष्टिकोण और सामाजिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्वयं को अभिव्यक्त करते हैं।
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