कभी-कभी गुस्सा भी होता है फायदेमंद, एक साइकोलॉजिस्ट बता रहे हैं गोल अचीव करने में गुस्से की भूमिका
अकसर लोगों को गुस्से से बचने और गुस्से को थूकने के लिए कहा जाता है। गुस्से के कारण कई रिश्ते टूट भी जाते हैं। इसकी वजह है गुस्से में किसी का भी आपे से बाहर हो जाना। अमूमन जब लोग गुस्से में होते हैं तो उन्हें यह ध्यान ही नहीं रहता कि वे क्या बोल रहे हैं, जिससे चीजें बिगड़ सकती हैं। पर क्या हो अगर, आपको पता चले कि गुस्सा आपकी प्रोफेशनल लाइफ में मददगार हो सकता है। जी हां, शोध और साइकाेलॉजिस्ट यह मानते हैं कि गुस्सा लक्ष्य तक पहुंचने और फोकस बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे।
गुस्से के बारे में क्या कहती स्टडी (Study on anger)
जर्नल ऑफ़ पर्सनैलिटी एंड सोशल साइकोलॉजी (Journal of Personality and Social Psychology) के द्वारा एक अध्ययन किया गया, जिसमें शोधकर्ताओं ने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए क्रोध की भूमिका जानने की कोशिश की। इसमें 1,000 से अधिक प्रतिभागियों के साथ प्रयोगों की एक सीरीज आयोजित की। साथ ही 1,400 से अधिक अन्य लोगों के अलग-अलग डेटा का विश्लेषण किया गया।
प्रयोगों में प्रतिभागियों को अलग-अलग दृश्य दिखाकर मनोरंजन से लेकर उदासी (sad), क्रोध (anger), तटस्थता तक अलग-अलग भावनाएं महसूस कराई गईं। फिर, प्रतिभागियों को विभिन्न चुनौतियों, जैसे शब्द पहेली, वीडियो गेम (video game) इत्यादि के साथ प्रस्तुत किया जाएगा।
डेटा के विश्लेषण में शोधकर्ताओं ने हाल के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों (American president election) में वोट और चुनाव के दौरान प्रतिभागियों द्वारा महसूस किए गए गुस्से पर किए गए सर्वेक्षणों को देखा।
दोनों ही मामलों में, गुस्सा लोगों के व्यवहार में फर्क डालने वाला साबित हुआ। यह भी देखा गया कि वे अपने लक्ष्यों तक कितनी अच्छी तरह पहुंचे। अर्थात्, क्रोध ने खेल चुनौतियों में अपने लक्ष्यों तक पहुंचने की लोगों की क्षमता में सुधार किया।
क्या वाकई गोल अचीव करने में किसी तरह की सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है? यह जानने के लिए हमने सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव से। डॉ श्रीवास्तव भी मानते हैं कि अगर गुस्से को कंट्रोल कर उसे लक्ष्य पर केंद्रित किया जाए तो यह वाकई काम आ सकता है।
यहां जानिए कैसे क्रोध आपको आपके लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है (Anger helps to achieve goals)
1 ड्राइव और फोकस तो बढ़ाने में मदद करता है
डॉ श्रीवास्तव कहते हैं, “क्रोध (anger) बाधाओं को दूर करने के लिए दृढ़ संकल्प की भावना पैदा कर सकता है। यह किसी विशेष लक्ष्य पर आपका ध्यान केंद्रित कर सकता है, जिससे आप सफल होने के लिए और अधिक मजबूती से आगे बढ़ सकते हैं।”
2 प्रेरणा बढ़ाने में मदद करती है
क्रोध दूसरों को गलत साबित करने या चुनौतियों पर काबू पाने के लिए एक शक्तिशाली प्रेरक के रूप में काम कर सकता है। यह आपको कड़ी मेहनत (hard work) करने और कठिनाइयों का सामना करने पर डटे रहने के लिए प्रेरित कर सकता है।
3 स्पष्टता और निर्णय लेना में मदद करता है
क्रोध कभी-कभी आपके ध्याना को भटकाने वाली चीजों को दूर करके स्पष्टता लाता है। यह आपको अधिक निर्णायक रूप से निर्णय लेने में मदद कर सकता है क्योंकि आप कुछ विशिष्ट हासिल करने के लिए एक मजबूत इमोशनल सपोर्ट (emotional support) के साथ आगे बढ़ते है।
4 नकारात्मक को सकारात्मक में बदलने में मदद करता है
असफलताओं या आलोचना से उत्पन्न क्रोध को सकारात्मक कार्यों को पूरा करने के लिए जिस एनर्जी की जरूरत होती है उसमें बदला जा सकता है। यह प्रतिकूल परिस्थितियों को विकास और सफलता के अवसर में बदलने की आपकी इच्छा को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
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