क्या रीयूज़ेबल पैड्स सेफ और हायजनिक हैं? जानिए इस बारे में क्या कहती हैं गायनोकॉलोजिस्ट
पर्यावरण संरक्षण आज एक बेहद संवेदनशील मुद्दा है, और हमारी ज़िंदगी इससे अछूती नहीं रही है फिर चाहे वह हमारे पीरियड्स ही क्यों न हों। सेनेटरी नैपकिन्स और टैम्पोन्स प्लास्टिक के बने होने के कारण एनवायरमेंट फ्रेंडली नहीं हैं। और यही कारण है कि रीयूज़ेबल कपड़े के पैड्स प्रचलन में आ रहे हैं।
हम सब रीयूज़ेबल पैड इस्तेमाल करने से पहले इस सवाल से जरूर गुजरते हैं कि क्या ये सेफ हैं।
तो इसका जवाब है, “हां! बिल्कुल”।
ऐसा हम नहीं कह रहे, ऐसा कह रही हैं सीनियर गायनोकॉलोजिस्ट डॉ. प्रीति भदौरिया!
डॉ प्रीति कहती हैं, “यूं तो मेंस्ट्रुअल कप भी एक इको फ्रेंडली ऑप्शन हैं, लेकिन उसके यूज में अक्सर महिलाएं कम्फ़र्टेबल नहीं होती। इसलिए पुराने कपड़े का नया अवतार रीयूज़ेबल पैड्स सभी की पसंद बन रहा है।”
कॉटन, हेम्प और बम्बू जैसे नेचुरल फाइबर से बने रीयूज़ेबल पैड्स कंफर्टेबल होते हैं और वाटरप्रूफ आउटर लेयर के कारण लीकेज की भी चिंता नहीं होती। ऐसे में यह पैड्स सबसे अच्छा विकल्प हैं बस इन्हें धोने और सुखाने की प्रक्रिया ठीक तरह से पता होनी चाहिए।
क्या हैं रीयूज़ेबल पैड्स के फायदे
डॉ प्रीति के अनुसार इन पैड्स के काफी फायदे हैं, “सबसे पहला फायदा यह है कि इन्हें बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। पर्यावरण के साथ-साथ यह हमारी जेब पर भी बोझ नहीं बढ़ाते। यह रीयूज़ेबल पैड कई सालों तक चलते हैं और इसलिए हर महीने पैड खरीदने का खर्च भी बचता है।
यह पैड्स ज्यादा स्किन फ्रेंडली और कंफर्टेबल हैं। नॉर्मल पैड्स जहां रैशेस और एलर्जी का कारण बन जाते हैं, वहीं रीयूज़ेबल पैड्स प्राइवेट पार्ट्स की हेल्थ के लिए भी बेहतर हैं।
रीयूज़ेबल पैड्स अलग-अलग साइज में मौजूद हैं और आप अपने हिसाब से साइज चुन सकती हैं।
टैम्पोन्स के कारण होने वाले टीएसएस (टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम) जैसी जानलेवा बीमारी खतरा होता है। अगर ज्यादा समय तक टैम्पोन लगाया जाए तो बैक्टीरिया खून में मिल जाते हैं और खतरनाक बीमारियों का कारण बनते हैं। रीयूज़ेबल पैड्स के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं होती।
मगर इन्हें इस्तेमाल करने से पहले रिस्क की जांच पड़ताल भी कर लेनी चाहिए। निश्चिंत रहें, क्योंकि यह जांच हमने आपके लिए कर ली है।
क्या हैं रीयूज़ेबल पैड्स के हेल्थ रिस्क
इतने सारे फायदे जानने के बाद अगर आप सोच रही हैं कि रीयूज़ेबल पैड्स के कोई रिस्क नहीं हैं, तो आप पूरी तरह सही नहीं हैं। हालांकि रीयूज़ेबल पैड्स रेगुलर सेनेटरी नैपकिन्स और टैम्पोन से बेहतर ऑप्शन हैं, मगर इसका सही ढंग से इस्तेमाल नहीं किया गया तो ये कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
डॉ प्रीति बताती हैं, “रीयूज़ेबल पैड्स को सही तरीके से धोने, सुखाने और सैनिटाइज करना बहुत ज़रूरी है। अगर सही तरह से सुखाया नहीं गया, तो बैक्टीरिया और फंगस का कारण बन सकते हैं और आप वेजाइनल इन्फेक्शन की शिकार हो सकती हैं।”
कई महिलाओं के लिए पैड धोना आसान नहीं होता, खासकर उनके लिए जिन्हें हैवी फ्लो होता है। और ज्यादा समय तक एक ही पैड लगाए रखने से TSS का भी खतरा हो सकता है, हालांकि यह काफी रेयर है।
रीयूजेबल पैड्स के लिए इन बातों का रखें खास ख़याल
अगर अब भी आप यह सोच रही हैं कि रीयूज़ेबल पैड्स को अपनाना सही है या नहीं, तो हम आपकी मुश्किल को सुलझा देते हैं। सही तरह से इस्तेमाल किया जाए तो रीयूज़ेबल पैड्स से कोई रिस्क नहीं है।
धोने की प्रक्रिया भी हम आपको बता देते हैं
कम से कम आधे घण्टे के लिए गुनगुने पानी में भिगोकर रखें और फिर हाथ या मशीन से धो लें। पैड्स को धूप में ही सुखाएं। आप पानी मे डेटॉल इत्यादि भी मिला सकते हैं, प्रीकॉशन्स के तौर पर।
इन बातों का अगर ख्याल रखेंगी, तो आपको रीयूज़ेबल पैड्स इस्तेमाल करने में कोई समस्या नहीं आएगी।
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